By Navaneet Rathaur
PUBLISHED January 23, 2025

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मौनी अमावस्या पर करने वाले हैं महाकुंभ स्नान, तो इन बातों का रखें ध्यान

मौनी अमावस्या

29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ 2025 का दूसरा शाही स्नान है। मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व है।

महाकुंभ स्नान

अगर आप भी मौनी अमावस्या के खास अवसर पर महाकुंभ में स्नान करने के लिए जाने वाले हैं, तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

आज हम आपको मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में शाही स्नान का नियम बताएंगे।

शाही स्नान का नियम

मन की मैल

धर्म विशेषज्ञों के मुताबिक, कुंभ स्नान में हम शरीर की मैल को नहीं, मन की मैल को दूर करने के लिए स्नान करते हैं।

स्नान करके जाएं

अगर आप महाकुंभ में स्नान के लिए जाने वाले हैं, तो पहले अपने घर में स्वच्छ पानी से स्नान करके जाएं। ऐसा करने से कुंभ की पवित्रता बनी रहेगी।

महाकुंभ में 3 बार डुबकी लगाने का विधान है। पहली डुबकी कल्याण के लिए, दूसरी डुबकी माता-पिता के नाम की और तीसरी डुबकी गुरु के नाम की लगानी चाहिए।

3 बार डुबकी

महाकुंभ से वापस आते समय संगम का जल और वहां की मिट्टी अपने साथ जरूर लाएं। मान्यता है कि संगम क्षेत्र की मिट्टी और पवित्र जल को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।

जल और मिट्टी

कहा जाता है कि अगर आप सच्चे मन और श्रद्धा भाव से कुंभ में स्नान करते हैं, तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।

शुभ फल

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लें।

नोट

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