Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Wrong bills given to electricity consumers in Uttarakhand now they will be forgiven after 13 years

उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को थमाए गलत बिल, 13 साल बाद अब होंगे माफ

  • ग्राम सिमोंग कोटी कालसी विकासनगर निवासी कुंवर सिंह ने भी नौ जनवरी 2024 को मीटर तेज चलने की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद भी शिकायत दूर नहीं की गई। 31 अगस्त 2024 को 70 हजार का बिल जारी किया गया।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, रवि बीएस नेगीMon, 24 Feb 2025 11:35 AM
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उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को थमाए गलत बिल, 13 साल बाद अब होंगे माफ

उत्तराखंड में ऊर्जा निगम की ओर से बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल थमाने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। ऐसी लापरवाही के ताजा तीन मामलों में विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने उपभोक्ताओं के बिल माफ करते हुए राहत दी। एक मामले में 13 साल तो दूसरे मामले में 10 साल के बिल माफ किए गए।

दो साल से ज्यादा समय तक बिना रीडिंग का बिल भेजा

ग्राम डाडा देसऊ कालसी निवासी नुप्पा राम को 30 नवंबर 2020 से 15 जनवरी 2023 तक बिना रीडिंग का बिल भेजा गया। इसे उपभोक्ता ने जमा कराया। इसके बाद 15 जनवरी 2023 से 12 अप्रैल 2023 का 87 दिन का फिर बिना रीडिंग का बिल दिया गया। शिकायत के बाद 23 मई 2023 से सात जुलाई 2023 तक 45 दिन का फिर 33440 रुपये का बिल दिया गया।

चेक मीटर लगाने पर पाया गया कि मीटर 250 प्रतिशत तेज चल रहा है। मीटर तेज चलने और सालों तक बिना रीडिंग के बिल भेजने पर मंच ने अगस्त 2010 से जनवरी 2023 तक के कुल 76 बिल में से 74 बिल माफ कर दिए हैं। सिर्फ फिक्स चार्ज लिया जाएगा। अप्रैल 2023 से भी नए बिल औसत रीडिंग के आधार पर जारी होंगे। सरचार्ज भी माफ रहेगा।

तेज मीटर चलने पर नहीं हुई कार्रवाई

ग्राम सिमोंग कोटी कालसी विकासनगर निवासी कुंवर सिंह ने भी नौ जनवरी 2024 को मीटर तेज चलने की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद भी शिकायत दूर नहीं की गई। 31 अगस्त 2024 को 70 हजार का बिल जारी किया गया।

जबकि 24 अगस्त 2024 को फिर शिकायत दर्ज हुई। अप्रैल 2024 तक 10106 रीडिंग कर बिल को कम कर 45435 रुपए किया गया। इस पर भी उपभोक्ता ने आपत्ति जताई। उपभोक्ता मंच ने बिना रीडिंग के अप्रैल 2014 से फरवरी 2024 तक जारी किए गए 52 बिल निरस्त कर दिए हैं। सिर्फ फिक्स चार्ज ही वसूला जाएगा।

खराब मीटर को भी नहीं बदला गया

कौलागढ़ रोड देहरादून निवासी राजकुमार भाटिया के होटल में पांच किलोवाट से अधिक का लोड होने के बावजूद लगातार बिना रीडिंग के बिल भेजे गए। जबकि पांच किलोवाट से अधिक के लोड वाले कनेक्शन पर नियमित रूप से एमआरआई कर ही बिल जारी किए जाते हैं।

अधिशासी अभियंता की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होती है कि वे नियमित रूप से इन बिलों का निगरानी करें। इसके बाद भी लगातार बिल बिना मीटर रीडिंग के जारी किए गए। खराब मीटर बदला नहीं गया। इस पर मई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच के आठ बिलों को निरस्त कर दिया गया है।

निदेशक ऑपरेशन यूपीसीएल- मदनराम आर्य कहते हैं कि इन सभी आदेशों का अध्ययन किया जाएगा। जिन मामलों में अपील की गुंजाइश होगी, वहां अपील की जाएगी। डिवीजनों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बिना रीडिंग और आईडीएफ वाले बिल जारी न किए जाएं। शत-प्रतिशत मीटर रीडिंग सुनिश्चित कर ही बिल जारी किए जाएं।

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