उत्तराखंड में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर गरमाया माहौल; पार्टी ने तलब कर दी हिदायत
उत्तराखंड के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल पहाड़-मैदान पर दिए एक बयान को लेकर घिर गए हैं। प्रदेश भाजपा ने रविवार को उनको तलब किया और सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने की हिदायत दी।
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अपने पहाड़-मैदान बयान को लेकर घिरे उत्तराखंड के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को रविवार को प्रदेश भाजपा ने तलब किया और सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की कड़ी हिदायत दी। भाजपा राज्य पार्टी मुख्यालय में प्रेम चंद अग्रवाल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री, संगठन, अजेय कुमार से मुलाकात की। पिछले कुछ दिनों से उन्हें लेकर विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट किया।
बता दें कि राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की टिप्पणी पर प्रेम चंद अग्रवाल भड़क गए थे। उनका कहना था कि क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन कर उत्तराखंड मांगा था कि पहाड़ी और देसी (मैदानी) को लेकर टिप्पणियां की जाएं। इस दौरान उनके मुंह से एक अपशब्द भी निकल गया था।
मंत्री के बयान को लेकर पूरे प्रदेश में सियासी माहौल गर्म हो गया था। कांग्रेस ने उनको कैबिनेट से बाहर निकाले जाने की मांग करते हुए उनके पुतले फूंके थे। इसके बाद मंत्री ने अपने बयान पर खेद भी जताया।
भाजपा राज्य पार्टी मुख्यालय में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री, संगठन, अजेय कुमार से मुलाकात के बाद भट्ट ने बताया कि बैठक के दौरान अग्रवाल से कहा गया कि गलतफहमी या अन्य कारणों से राज्य में जिस तरह का माहौल खड़ा हुआ है, वह उचित नहीं है और पार्टी उनसे शब्दों के सही चयन और संयमित व्यवहार की अपेक्षा करती है। पार्टी ने ताकीद की है कि राजनीतिक क्षेत्र का कोई भी कार्यकर्ता हो या जनप्रतिनिधि, सबको संयम रखना होगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री ने बताया है कि जो कुछ सामने आ रहा है, ऐसा उनका भावार्थ दूर-दूर तक नहीं था। फिर भी यदि गाली वाला शब्द है तो वह उनके वक्तव्य से पहले का है और न ही वह पहाड़ या मैदान को लेकर है। मंत्री पहले ही इस पूरे मुद्दे पर खेद जता चुके हैं और आज भी पार्टी के सामने उन्होंने माफी मांगी है। मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य में वह शब्दों के चयन में ध्यान रखेंगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री का जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है। वह पुराने कार्यकर्ता, राष्ट्रवादी विचारों से जुड़े और आंदोलनकारी रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से देवभूमि के सौहार्द पर चोट पहुंचाई जा रही है और उस पर अंकुश लगना चाहिए। इस सबके लिए कोई एक व्यक्ति दोषी नहीं है। आज सोशल मीडिया में जिस प्रकार से तमाम टिप्पणी लिखी जा रही है, उन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सबका है। इसकी गरिमा बनाए रखना हम सबका दायित्व है। कुछ लोग, खासकर कुछ राजनीतिक लोग माहौल खराब कर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो देवभूमि के अंदर एकता को पसंद नहीं करते हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि उत्तराखंड सबका है। प्रदेश में अलग-अलग अंचल हैं, अलग-अलग स्थान हैं और सभी मिल-जुलकर राज्य को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
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