भूमि कवर परिवर्तनों के लिए पूर्वानुमान मॉडल विकसित किया
रुड़की, संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी रुड़की) की एक शोध टीम ने सेलुलर ऑटोमेटा (सीए) एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीकों का उपय
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की की एक शोध टीम ने सेलुलर ऑटोमेटा (सीए) एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीकों का उपयोग करके भारत के राउंड-1 स्मार्ट शहरों में भूमि कवर परिवर्तनों का ऑकलन करने के लिए एक उन्नत पूर्वानुमान मॉडल विकसित किया है। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा कि भारत के तेजी से बढ़ते शहरों के लिए टिकाऊ शहरी नियोजन महत्वपूर्ण है। यह अध्ययन शहरी विकास पैटर्न की भविष्यवाणी करने के लिए एक वैज्ञानिक ढांचा प्रदान करता है। जिससे नीति निर्माताओं को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। जो बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को बढ़ावा देते हैं। शोध का एक मुख्य पहलू अभेद्य सतहों का मानचित्रण करना है। जिसमें इमारतों और सड़कों से ढके क्षेत्र जो प्राकृतिक जल रिसने को बाधित करते हैं। यह विश्लेषण संभावित शहरी बाढ़ के जोखिमों की पहचान करता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को कम करने के लिए रणनीतियां प्रदान करता है।
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