प्रभु के सिमरन से ही प्राप्त होगी भक्ति: इंद्रजीत
संत निरंकारी सत्संग भवन में समागम का आयोजन हुआ। ज्ञान प्रचारक इंद्रजीत शर्मा ने सिमरन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि इससे मन परमात्मा से जुड़ता है। श्रद्धालुओं को सिमरन करने के लिए प्रेरित किया...
संत निरंकारी सत्संग भवन में समागम का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय ज्ञान प्रचारक इंद्रजीत शर्मा ने कहा कि सिमरन करने से ही मन परमात्मा से जुड़ता है। इसके बगैर इंसान माया रूपी बंधनों में ही फंसा रहता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से निरंतर प्रभु का सिमरन करने के लिए कहा। बोले, सिमरन से ही इंसान बंधनों से मुक्ति पाकर भक्ति को प्राप्त कर सकता है। शनिवार को गंगानगर स्थित सत्संग भवन में ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र से भारी संख्या में मिशन के अनुयायी पहुंचे। दिल्ली से आए ज्ञान प्रचारक इंद्रजीत शर्मा ने कहा कि परमात्मा तीन काल सत्य है और यह संसार मिथ्या है, लेकिन हम संसार को ही सत्य मान बैठे हैं। सिमरन करने से ही यह संसार मिथ्या और परमात्मा सत्य नजर आने लगता है। महात्मा सिद्धार्थ का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मोक्ष शरीर को नहीं, आत्मा को होता है। शरीर तो महज माध्यम है, जब आत्मा का नाता परमात्मा से जुड़ जाता है, तो मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है। उन्होंने कहा कि संसार में सत्य की जानकारी सिर्फ सद्गुरु ही करवा सकता है। ज्ञान प्रचारक ने कहा कि ‘एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति। इसका अर्थ है कि इस चराचर जगत में परमात्मा का ही अंश सबमें विद्यमान है और दूसरा कोई है ही नहीं। सब एक ही है और सतगुरु ज्ञान के जरिये यह महसूस भी कराते हैं। समागम में ब्रांच संयोजक हरीश बांगा, महादेव कुड़ियाल, सविता शर्मा, श्रवण, धर्मेंद्र पयाल, अनिल लिंगवाल, योगेंद्र, अक्षित, बिजेंद्र रतूड़ी, पीएल रतूड़ी, अनीता नागपाल, रोहानी आदि मौजूद रहे।
...........................
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।