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एम्स के चिकित्सकों ने फेफड़े में फंसे पेंच को निकाला

एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में चिकित्सकों ने सात वर्षीय बच्चे के फेफड़े में फंसे पेंच को सफलतापूर्वक निकालकर उसे जीवनदान दिया है। बच्चे को 15 दिनों से उल्टी और खांसी की समस्या थी। बच्चे की...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषTue, 18 Feb 2025 06:58 PM
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एम्स के चिकित्सकों ने फेफड़े में फंसे पेंच को निकाला

एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ब्रोंकोस्कोपी प्रयोगशाला में सात वर्षीय बच्चे के फेफड़े में फंसे पेंच को निकालकर चिकित्सकों ने उसे जीवनदान दिया है। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की आचार्य डॉ. रुचि दुआ के अनुसार संस्थान के बालरोग विभाग के चिकित्सक डॉ. व्यास कुमार राठौड़ की ओर से जानकारी प्राप्त हुई कि भरतनगर रुड़की हरिद्वार निवासी सात वर्षीय बच्चे रेहान को उसके परिजन ओपीडी में परीक्षण के लिए लाए हैं, जिसकी जांच में ज्ञात हुआ है कि बच्चे के फेफड़े में पेंच फंसा हुआ है। उसे बीते 15 दिनों से उल्टी और खांसी की शिकायत है। इसके बाद बच्चे की जांचें कराई गईं, जिसमें उसकी छाती के एक्स-रे एवं सीटी स्कैन में बच्चे के फेफड़े में एक पेंच दिखाई दिया। परिजनों से पूछे जाने पर उन्हें बताया गया कि बच्चे ने घर में खेल-खेल में पेंच निगल लिया, जिसका पता परिजनों को नहीं लग पाया। बाल रोग विभाग से बच्चे से संबंधित उक्त जानकारी मिलने पर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की विशेषज्ञ चिकित्सक आचार्य डॉ. रुचि दुआ के साथ उनकी टीम के सदस्य डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. दीपांश गुप्ता, डॉ. ऋत्विक सिंगला, डॉ. अश्वथी साबू, डॉ. मान सिंह, डॉ. श्रीजन, एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका गुप्ता, डॉ. रीना , डॉ. अजहर, बाल शल्य चिकित्सा विभाग की विशेषज्ञ डॉ. शौर्या व रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. राहुल देव की देखरेख में बच्चे के फेफड़े से सफलतापूर्वक पेंच को निकाल लिया गया। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ एवं सुरक्षित है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ चिकित्सक

पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश सिंधवानी के अनुसार इससे पूर्व भी विभाग द्वारा कई जटिल मामलों का संयुक्त चिकित्सकीय दल के साथ सफलतापूर्वक निस्तारण कर मरीजों को राहत प्रदान की जा चुकी है। विभाग की ब्रोंकोस्कोपी प्रयोगशाला में मरीजों के फेफड़ों में फंसे बल्ब के फिलामेंट एवं पिनट्स के टुकड़े के साथ-साथ अन्य वस्तुओं को भी ब्रोंकोस्कोपी के माध्यम से निकाल कर मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया गया है ।

क्या कहती हैं निदेशक एम्स

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि एम्स,ऋषिकेश में मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। संस्थान का प्रयास है कि किसी भी जटिल स्वास्थ्य संबंधी मामले के लिए मरीजों को अन्य राज्यों के स्वास्थ्य संस्थानों में नहीं जाना पड़े, इसके लिए जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं सततरूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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