UCC में लिव इन रिलेशन को लेकर क्यों सख्त नियम, धामी ने आफताब-श्रद्धा का जिक्र कर बताई वजह
उत्तराखंड सोमवार को समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी के माध्यम से किसी की गोपनीयता को छूने की कोशिश नहीं की जा रही है। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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उत्तराखंड सोमवार को समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने धामी ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले की गई एक बड़ी प्रतिबद्धता को आज पूरा कर लिया गया। धामी ने कहा कि यह हमारी पार्टी के मूल संकल्प में था। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी पार्टी के संकल्प चाहे वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाना हो, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो या यूसीसी को लागू करना। हमने सब पूरा किया जा रहा है। आज देवभूमि उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर दिया गया है।
एक सवाल के जवाब में धामी ने कहा कि यूसीसी के माध्यम से किसी की गोपनीयता को छूने की कोशिश नहीं की जा रही है। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। लिव-इन रिलेशनशिप में कभी-कभी रिश्ते खराब हो जाते हैं। साथ रहने वालों के बीच बहुत कटुता हो जाती है। आपस में हिंसक वारदातें होती हैं। आपराधिक घटनाएं होती हैं। थाना, कचहरी, पुलिस और कोर्ट तक मामले जाते हैं। और बहुत बार तो हत्याएं हो जाती है।
धामी नेकहा कि दिल्ली का जो चर्चित वारदात था, श्रद्धा वालकर और आफताब। अब कोई भी आफताब किसी बेटी के साथ श्रद्धा वालकर जैसी हैवानियत न कर सके, इसलिए हमने यूसीसी में लिव इन में रहने वाले की जानकारी उनके माता-पिता से लेकर प्रशासन तक रहे, इसलिए हमने इसमें इसका प्रावधान किया है। हमारी एकमात्र प्राथमिकता लिव इन में रहने वालों की सुरक्षा है। उनके जीवन को बचाना है। इस प्रकार की घटना होने के बाद उनके माता-पिता के पास पूरे जीवनभर रोने के अलावा कुछ नहीं बचता है।
लिव इन के लिए यूसीसी में नियम
समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले से स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का, संहिता लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। जबकि संहिता लागू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिवइन रिलेशनशिप में प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा।
एक या दोनों साथी आनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त करने कर सकते हैं। यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा।यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी। बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा।
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