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बोले हरिद्वार : पुरानी सब्जी मंडी के व्यापारियों को झूला पुल बनने का इंतजार

हरिद्वार की पुरानी सब्जी मंडी के करीब 1000 व्यापारियों को गंगा पार करने के लिए रोजाना 7 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है। व्यापारियों ने पिछले 15 वर्षों से झूला पुल बनाने की मांग की है, लेकिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरिद्वारMon, 24 Feb 2025 01:59 AM
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बोले हरिद्वार : पुरानी सब्जी मंडी के व्यापारियों को झूला पुल बनने का इंतजार

धर्मनगरी में व्यस्ततम पुरानी सब्जी मंडी के करीब 1000 व्यापारियों को गंगा पार कर बाजार में पहुंचने के लिए रोजाना सात किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है। समस्या के समाधान के लिए यहां के व्यापारी पिछले 15 सालों से गंगा पर झूला पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2010 से व्यापारियों ने झूलापुल निर्माण की मांग को कई बार धरना- प्रदर्शन किए, लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो पाया। हरिद्वार की पुरानी सब्जी मंडी बाजार में बड़ी संख्या में व्यापारियों को रोजाना गंगा नदी पार कर बाजार पहुंचना पड़ता है। बाजार में पहुंचने के लिए व्यापारी अतिरिक्त सात किमी का चक्कर काटते हैं। साथ ही बाजार में पैदल चलने वाले यात्रियों और स्थानीय लोगों की वजह से जाम लगता रहता है। व्यापारी भी मजबूरी में अपने दोपहिया वाहनों को सड़क पर खड़े करते हैं। पहले से संकरी सड़क पर वाहन खड़े होने से सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। इस कारण यहां की पुरानी सब्जी मंडी, मोती बाजार, श्रवण नाथ बाजार, राम घाट और ठंडा कुआं के बाजारों में करीब एक हजार व्यापारियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। अतिरिक्त चक्कर काटने के बाद भी व्यापारी यहां रोजाना जाम में फंसते हैं। जाम के कारण यहां व्यापारियों को कारोबार में नुकसान उठाना पड़ता है। शनिवार को आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान से क्षेत्र के व्यापारियों ने अपनी पीड़ा साझा की। स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि हरिद्वार में महाकुंभ, अर्धकुंभ, कांवड़ और अन्य स्नान पर्व जैसे बड़े आयोजन साल भर चलते रहते हैं। इन आयोजनों के दौरान बड़ी संख्या में यात्री हरिद्वार पहुंचते हैं। बड़े आयोजनों और यात्रा सीजन के दौरान यहां भीड़ का दबाव बढ़ जाता है। भीड़ के दौरान ज्यादातर यात्री दुकानों पर रुककर सामान नहीं खरीद पाते हैं। कई यात्री तो बाजार में बड़ी भीड़ देखकर बाजार का रुख नहीं करते हैं। इस कारण व्यापारियों को नुकसान होता है। साथ ही व्यापारी को इस दौरान अपने दोपहिया वाहन लेकर अपनी दुकानों तक पहुंचने में बड़ी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। व्यापारी अतिरिक्त चक्कर काटने के बाद जाम में फंस जाते है। समस्या का समाधान करने के लिए वर्ष 2010 से यहां के व्यापारी गंगा पर झूला पुल का निर्माण करने की मांग कर रहे है।

सुझाव

1. 2027 अर्द्धकुंभ मेले के कार्यों में झूला पुल बनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

2. जनप्रतिनिधियों को झूला पुल बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।

3. पुरानी सब्जी मंडी के आसपास के बाजारों में लगने वाले जाम से निजात दिलानी चाहिए।

4. 2010 से जीर्णशीर्ण पड़े पुराने खाली बिजली घर की जमीन का सदुपयोग होना चाहिए।

5. रोड़ीबेलवाला पार्किंग से पुरानी सब्जी मंडी के पास के बाजारों को कैनेक्टिविटी देनी चाहिए।

शिकायतें

1. झूलापुल न बनाकर व्यापारियों की अनदेखी की जा रही है।

2. धरना-प्रदर्शन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई।

3. मेलों, यात्रा सीजन और स्नान पर्वों पर जाम लगने से व्यापारियों को नुकसान होता है।

4. बाजार में पहुंचने के लिए व्यापारियों को अतिरिक्त सात किलोमीटर लंबा चक्कर काटना पड़ता है।

5. 2021 कुंभ मेले में करोड़ों के बजट से विकास कार्य हुए लेकिन कुंभ के दौरान भी झूला पुल का निर्माण नहीं कराया गया।

झूला पुल बनने से जाम से मिलेगी निजात

हरिद्वार। व्यापारियों का कहना है कि हरिद्वार में पूरे साल भर स्नान पर्व और मेलों का आयोजन होता है। इसके अलावा कुंभ और कांवड़ मेले जैसे बड़े आयोजन भी होते हैं। बड़े आयोजनों में बाजार में काफी भीड़ उमड़ती है। भीड़ से जाम लगता है। भीड़ होने के कारण यात्री दुकानों से सामान नहीं लेते और जल्दी में बाजार से बाहर निकलना चाहते हैं। यदि झूला पुल का निर्माण हो जाता है तो बाजार में जाम नहीं लगेगा। यात्री आराम से खरीदारी कर सकेंगे। इससे न सिर्फ यात्रियों की परेशानी कम होगी बल्कि बाजार में व्यापार भी बढ़ेगा। झूला पुल बनने के बाद बाजार में जाम से भी निजाद मिलेगी। बाजार में बड़े आयोजनों पर भीड़ रहती है। सरकार और जनप्रतिनिधियों को भी इस बारे में सोचना चाहिए। जाम और झूला पुल का निर्माण क्षेत्र की बड़ी समस्याएं हैं। पुल निर्माण से दोनों ही समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन पिछले 15 साल पुरानी मांग को लेकर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जर्जर हालत में पड़ा है पुराना बिजली घर

व्यापारियों ने बताया कि पुरानी सब्जी मंडी के पास श्रवण नाथ बाजार में गंगा किनारे पुराने बिजली घर को 2010 कुंभ मेले के दौरान शिफ्ट कर दिया गया था। भूमि नगर निगम की है। बिजली घर शिफ्ट होने के बाद पुराना भवन खाली पड़ी है। व्यापारियों का आरोप है कि देखरेख के अभाव में भवन की हालत जर्जर हो गई है। व्यापारी पिछले 15 सालों से भूमि कोई सदुपयोग करने की मांग कर रहे है। भवन को तोड़कर भूमि से सीधे रोड़ीबेलवाला तक झूला पुल बना दिया जाता है।

धरना- प्रदर्शन के बावजूद नहीं हुई सुनवाई

व्यापारियों ने बताया कि जब पुराने बिजली घर को यहां से शिफ्ट कर दिया गया था। तब से ही उन्होंने यहां से रोड़ीबेलवाला पार्किंग को जोड़ने के लिए झूला पुल बनाने की मांग शुरू कर दी थी। शुरुआत में पत्र लिखे गए। मांग पूरी नहीं हुई। तो धरने प्रदर्शन भी किए गए। अधिकारी बदले और सरकारें तक बदल गईं। लेकिन आज तक उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई। आज भी व्यापारी क्षेत्र में झूला पुल निर्माण करने की मांग कर रहे है।

व्यापारियों को काटना पड़ता है लंबा चक्कर

रोजाना बड़ी संख्या में बाहर से आने वाले यात्री मनसा देवी मंदिर जाते हैं। यात्री पहले तो रोड़ीबेलवाला पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करते हैं। वाहनों को पार्किंग में खड़ा करने के बाद पैदल ही हाथी पुल होकर मनसा देवी सीधी मार्ग और उड़न खटोले तक जाते हैं। यदि पुराने बिजली घर को तोड़कर झूला पुल बना दिया जाएगा। तो रोड़ीवेलवाला पार्किंग को पुरानी सब्जी मंडी और इसके आसपास के बाजारों को कैनेक्टिविटी मिलेगी।

पूर्व सांसद ने अधिकारियों को दिए थे सख्त निर्देश

व्यापारियों ने बताया कि पूर्व में एक बार दिशा की बैठक हुई थी। बैठक में उन्होंने पूर्व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के सामने झूला पुल बनाने की मांग को रखा था। निशंक ने बैठक में ही अधिकारियों को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने और झूला पुल बनाने के सख्त निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद अधिकारियों ने कुछ दिन तो तत्परता दिखाई थी लेकिन फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसके बाद उनकी समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

2010 के कुंभ मेले के दौरान भी हादसा हो चुका है। पुल निर्माण की मांग 15 साल से पूरी नहीं हो सकी है। पुल निर्माण होने के बाद यहां के व्यापारियों को लाभ होगा। -राजेश खुराना

क्षेत्र में पुराने बिजली घर की बिल्डिंग खाली पड़ी है। बिजली घर को तोड़कर यहां से रोड़ीबेलवाला के बीच झूला पुल का निर्माण किया जाना चाहिए। -अजय कोठियाल

2010 से पुराना सब्जी मंडी के आसपास के व्यापारी झूला पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन न तो अधिकारियों ने उनकी समस्या को नहीं सुना। -मनोज खुराना

कई व्यापारियों के घर दुकानों से दूर हैं। बाजार में पहुंचने के लिए व्यापारी अतिरिक्त चक्कर काटते है। झूला पुल बनने के बाद व्यापारियों को सुविधा होगी। -रमेश कुमार

झूला पुल बनने के बाद बाजार में रोजाना लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। पुराने सब्जी मंडी के आसपास सभी दुकानदारों का व्यापार भी बढ़ेगा। -सचिन

पूर्व में झूला पुल बनाने की तैयारी थी। अधिकारियों ने इस पर कार्य किया लेकिन फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया था। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। -संजय चोपड़ा

ज्यादा भीड़ को देखते हुए यात्री बाजार में नहीं आते हैं। इससे बड़े आयोजनों के दौरान व्यापार पर गहरा असर पड़ता है। व्यापारियों की नुकसान उठाना पड़ता है। -सुंदर राठौर

पूर्व में हुए हादसों को देखते हुए अधिकारी और जनप्रतिनिधि व्यापारियों की समस्या का संज्ञान लें। अविलंब झूला पुल का निर्माण कराया जाना चाहिए। -संजीव दत्ता

बड़ी संख्या में यात्री पैदल मार्ग और रोपवे से मनसा देवी मंदिर जाते हैं। पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बाद यात्रियों को लंबा चक्कर काटना पड़ता है। -तपोष दीवान

हरिद्वार में आय दिन बड़े आयोजन होते हैं। पिछले कुछ सालों में यहां गर्मियों के दिनों में भीड़ ज्यादा होने लगी है। अर्धकुंभ से पहले झूला पुल का निर्माण होना चाहिए। -कुंवर सिंह

दुकानों पर आने के लिए केवल कुशा घाट के पास बने हाथी पुल का ही सहारा है। लेकिन हाथी पुल पार करने में भी घंटों लग जाते हैं। झूला पुल का निर्माण जरूरी है। -संजय बंसल

कई बार व्यापारियों ने धरना- प्रदर्शन किए लेकिन आज तक किसी अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने झूला पुल बनाने की दिशा में सकारात्मकता कदम नहीं उठाया। -सार्थक कुकरेजा

बोले सांसद

झूलापुल का निर्माण राज्य सरकार के स्तर का मामला है। सांसद निधि से झूलापुल का निर्माण नहीं हो सकता है। व्यापारियों की समस्या है। तो व्यापारी मुझे प्रस्ताव बना कर दें। निश्चित रूप से व्यापारियों से बातचीत भी की जाएगी। एक बार मौके पर जाकर निरीक्षण करूंगा। प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। जल्द पुल निर्माण के लिए प्रयास किए जाएंगे।

-त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद

बोले अधिकारी

शासन स्तर से अनुमति मिलने के बाद गंगा पर झूला पुल का निर्माण हो सकता है। व्यापारी अपना प्रस्ताव बना कर विभाग की भेजे। प्रस्ताव उच्च स्तर पर भेजा जाएगा। उच्च स्तर से पुल निर्माण के लिए बजट भी आवंटित किया जाएगा। अनुमति और बजट मिलने के बाद पुल का निर्माण काम शुरू हो सकता है। व्यापारियों की समस्या का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।

-ओमजी गुप्ता, अधिशासी अभियंता उत्तराखंड सिंचाई विभाग

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