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बोले गढ़वाल : श्रीनगर के आम्रकुंज की टूटी सड़कें बनी परेशानी

आम्रकुंज क्षेत्र में मुख्य सड़क की स्थिति बेहद खराब है, जिससे लोगों को आवाजाही में कठिनाई हो रही है। नालियों का जाम होना और कूड़े का ढेर लगना आम समस्या है। स्थानीय लोग अवैध कब्जों और बिजली के खंभों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरिद्वारFri, 14 Feb 2025 11:35 AM
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बोले गढ़वाल : श्रीनगर के आम्रकुंज की टूटी सड़कें बनी परेशानी

आम्रकुंज क्षेत्र में चौराहों समेत अन्य स्थानों पर भी पीडब्ल्यूडी की मुख्य सड़क इस कदर क्षतिग्रस्त और बुरेहाल है कि इसपर आवाजाही में बहुत दिक्कतें लोगों को होती हैं। गड्ढों में तब्दील हो चुकी मुख्य सड़क के किनारों पर मौजूद चोक और गाद कचरे से तंग हो चुकी टूटीफूटी नालियों से ओवरफ्लो होता पानी जलभराव का भी कारण बन रहा है जिसपर दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है। यूनिवर्सिटी के चौखंभा छात्रावास के नीचे नाले पूरी तरह चोक हैं। मुख्य सड़क हो या फिर सम्पर्कमार्ग हों, उनके बीचोंबीच बने सीवरलाइन व नालियों के मानकों के विपरीत बने चैम्बर्स जहां क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जो परेशानी बने हुए हैं। पुराने रास्तों पर अवैध कब्जे बने दिक्कत

आम्रकुंज क्षेत्र में दशकों पुराने रास्तों पर अवैध कब्जे भी स्थानीय लोगों के लिए आफत का कारण बने हुए हैं। बदरीनाथ हाईवे से गढ़वाल विश्वविद्यालय के बिड़ला कैम्पस के बीचोंबीच से होते हुए लगभग 5 दशक से भी पुराना शार्टकट रास्ता आम्रकुंज तक पहुंचने के लिए लोगों की पहली पसंद होता था। लम्बे घुमावदार रास्ते का कई पीढ़ियों से जनता के लिये सर्वसुलभ विकल्प रहे पुराने रास्ते को गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा कुछ समय पूर्व एकतरफा तौर पर पूरी तरह बंद कर दिया गया जिससे लोगों में गुस्सा है। जनता का कहना है कि कानूनन भी ऐसा नहीं किया जा सकता है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ये तानाशाही है कि उसने विश्वविद्यालय बनने से पहले के रास्ते को भी अपनी मनमर्जी से बंद कर दिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये ही नहीं बल्कि आम्रकुंज की आबादीक्षेत्र के अंदर भी से दशकों पुराने रास्तों पर कब्जा कर उन्हें खुर्दबुर्द करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

डोर टू डोर कूड़ा उठान की सुविधा नहीं

आवासीय क्षेत्रों के अंदर नगरनिगम द्वारा डोर टू डोर कूड़ा उठान की सुविधा के नाम पर प्रति परिवार 30 रुपये शुल्क लिया जाता है लेकिन तल्ख हकीकत ये है कि शुल्क लिये जाने के बावजूद ये सुविधा जनता को मिल ही नहीं रही है। लोगों का कहना है कि जब नगरनिगम सुविधा ही नहीं दे रहा है तो फिर उसे शुल्क दिये जाने का क्या औचित्य है। जगह जगह बिखरे कूड़े व गदंगी को देखकर साफ अंदाजा लगता है कि निगम की सफाई व्यवस्था के दावे यहां हवाई साबित हो रहे हैं। कई स्थानों पर तो लोग खुद गलियों से कचरा उठाकर अपने स्तर पर निस्तारण कर रहे हैं। अधिकांश क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से लोगों को दिक्कत हो रही है।

जर्जरहाल बिजली के खंभे बने हैं खतरा

आम्रकुंज क्षेत्र में जंक लगने से सड़गलकर तिरछे हो चुके बिजली के खंभे भी क्षेत्रीय जनता के लिये खतरा बने हुए हैं। हैरत की बात तो यह है कि इनके बगल में नये पोल तो विद्युत विभाग ने लगा दिये लेकिन उनपर लाइन शिफ्टकर पुराने पोलों को हटाने के प्रति विभाग लापरवाह बना हुआ है। आवासीय भवनों के ऊपर से जाते सामान्य बिजली की लाइनों के तारों से भी लोग खासे परेशान है जिस वजह से वे भवनों के ऊपरी तलों का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं और फिर इनसे दु़र्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है जबकि पास में ही शिफ्टिंग के लिये जगह भी मौजूद है। लावारिस पशुओं के कारण गुलदार जैसे जंगली जानवर बस्ती में पहुंचते हैं।

बोले जिम्मेदार

नगर निगम क्षेत्र में कुछ समस्याएं बहुत कॉमन हैं, जिनके निगमस्तर पर उचित और प्रभावी समाधान के प्रति हम प्रयासरत हैं। नगर निगम बनने के 3 वर्षों में कुछ कदम उठाये गए हैं लेकिन अभी बहुत कुछ होना बाकि है। इनका समाधान होगा। निगम स्तर के अतिरिक्त अन्य विभागों से संबंधित समस्याओं के लिखित में भी संज्ञान में लाये जाने पर संबंधित विभागों को उनके समाधान को लेकर जो भी आवश्यक होगा वो किया जाएगा।

-नुपूर वर्मा, एसडीएम व नगर आयुक्त, नगरनिगम, श्रीनगर।

बोले स्थानीय लोग

आम्रकुंज क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है। समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके किया जाएगा।-जयपाल सिंह बिष्ट, नवनिर्वाचित पार्षद।

पीडब्ल्यूडी की सड़क किनारे मौजूद नालियों की वर्षों से सफाई ही नहीं हुई है जिससे उनसे निकलती बदबू से परेशान हैं। -राकेशमोहन कंडारी

सम्पर्कमार्गों पर नालियों की सख्त आवश्यकता है जिससे गंदे पानी व बरसाती पानी की उचित निकासी हो सके। -सुभाष शुक्ला

हमसे डोर टू डोर कूड़ा उठान के नाम पर निगम शुल्क तो लेता है लेकिन कूड़े के उठान के लिये निगम कर्मचारी पहुंचते ही नहीं हैं। -सतीदेवी रावत

बस्ती के अंदर नियमित तौर पर सफाईकर्मी की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे सम्पर्कमार्गों पर गदंगी से निजात मिल सके। -सीता देवी

पूरे क्षेत्र में स्ट्रीटलाइट्स की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिये। कई गलियों में तो स्ट्रीटलाइट्स या तो हैं ही नहीं या पर्याप्त नहीं हैं। -विमला थपलियाल

पूरे क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अधिकांश छूटे क्षेत्र में सीवरलाइन डाली जाए। -मीरा बहुगुणा

लावारिस पशुओं के कारण गुलदार जैसे जंगली जानवर उनके शिकार के लिये बस्ती में आते रहते हैं जिससे खतरा बना रहता है। -दिनेश नौटियाल

सीवरलाइन व नालियों पर क्षतिग्रस्त चैम्बर्स से दुर्घटनाओं की आशंकाएं बनी रहती हैं। इन्हें ठीक करें,जिससे आवाजाही में दिक्कत न हो। -मनोज बमोला

गढ़वाल विश्वविद्यालय के अंदर से आम्रकुंज पहुंचने वाले दशकों पुराने आवाजाही के बंद किये गए रास्ते को विश्वविद्यालय खोले। -वीरेन्द्र नेगी

हम भवनों के ऊपर जाती बिजली की सामान्य लाइनों के जाल से परेशान हैं। इन्हें सुविधाजनक स्थान पर शिफ्ट किया जाए। -रविन्द्र रावत

क्षतिग्रस्त सम्पर्कमार्गों व मुख्य सड़क का मरम्मतीकरण कार्य जल्द करवाया जाय जिससे आवाजाही में दिक्कतें न हों।-हेमलता राणा

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