होली को लेकर कोई भ्रम नहीं, 15 को मनाएंगे
काशी और अन्य राज्यों के ज्योतिषियों की एक वर्चुअल बैठक में 15 मार्च को होली मनाने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में पर्व निर्णय सभा और विद्वत परिषद के सदस्यों ने भाग लिया और होली मनाने की परंपरा को...
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होली को लेकर कोई भ्रम नहीं, 15 को मनाएंगे - काशी में दहन के दूसरे दिन होली मनाने की परंपरा
हल्द्वानी। होली मनाने को लेकर शुरु हुए विवाद पर काशी और अन्य राज्यों के ज्योतिषियों ने वर्चुअल बैठक कर 15 मार्च को रंगोत्सव मनाने का फैसला लिया है। पर्व निर्णय सभा उत्तराखंड, काशी विद्वत परिषद और पंचतत्व विद्वत परिषद के तत्वावधान में आयोजित की गई। ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता करते हुए बुद्धिबल्लभ पंचांग के संचालक आचार्य पवन पाठक ने कहा कि होली मनाने को लेकर कई तरह के मत आ रहे हैं। बैठक में उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा के संरक्षक आचार्य डॉ. भुवन चंद्र त्रिपाठी के शास्त्र सम्मत व्यवस्था संबंधी पत्र को उनके प्रतिनिधि उमेश चंद्र त्रिपाठी ने पढ़कर बताया। बैठक में काशी विद्वत परिषद से डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि
काशी में होली होलिका के दहन के दूसरे दिन मनाने की परंपरा है। पर्व निर्णय सभा के अध्यक्ष डॉ. जगदीश चंद्र भट्ट और सचिव डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बैठक का संचालन करते हुए एकरुपता पर चर्चा की।
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चंद्रगहण के दिन शुभ कार्य वर्जित
हल्द्वानी। ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी ने बताया कि फाल्गुन मास की भद्रारहित पूर्णिमा में होलिका दहन और प्रतिपदा को होली (छरड़ी, धुलेंडी ) मनाने का शास्त्रों में विधान बताया गया है लेकिन 14 को भद्रा और चंद्रग्रहण होने के कारण ग्रहण के दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
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बैठक में ये रहे मौजूद
हल्द्वानी। पंचतत्व विद्वत परिषद से भूपेंद्र पाठक और पर्व निर्णय सभा से उमेश चंद्र त्रिपाठी, डॉ. राम भूषण बिजलवाण, डॉ मंजू जोशी, हरीश चंद्र जोशी, बसंत बल्लभ त्रिपाठी, पंचांगकर दीपक जोशी आदि ज्योतिर्विद उपस्थित रहे।
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