Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़From disaster management to tourism the list of scams in Uttarakhand is very long, crores of rupees were scammed here.

उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन से लेकर पर्यटन तक घपलों की सूची बड़ी लंबी, यहां हुआ करोड़ा घपला

  • पहला मामला कौशल विकास विभाग का है। आरोप है कि 15 आईटीआई (एसपीए योजना) के लिए 1517.50 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे। इनमें से बसुकेदार, चिरबटिया, बडावे, थल, गंगोलीहाट, कठपुडियाछीना में संस्थानों को भूमि उपलब्ध न होने के कारण 600.16 लाख रुपये को आईयूटी के जरिए अन्य विभागों के कार्यों पर व्यय कर दिए गए।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानMon, 24 Feb 2025 02:42 PM
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उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन से लेकर पर्यटन तक घपलों की सूची बड़ी लंबी, यहां हुआ करोड़ा घपला

उत्तराखंड में निर्माण कार्यों को लेकर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम अक्सर विवादों में रहा है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और कार्यों में देरी को लेकर भी कई बार सवाल उठे हैं। राज्य में एक दौर तो ऐसा भी रहा, जब यूपी निर्माण निगम को पूरे प्रदेश में जमकर निर्माण कार्य आवंटित किए गए। वर्ष 2018 से पहले के मामलों में जांच बैठी तो कई अधिकारी राडार पर आए। जिन छह मामलों में गड़बड़ी पकड़ी गई है, उनमें तत्कालीन अधिकारियों पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

कौशल विकास के छह करोड़ समायोजित नहीं

पहला मामला कौशल विकास विभाग का है। आरोप है कि 15 आईटीआई (एसपीए योजना) के लिए 1517.50 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे। इनमें से बसुकेदार, चिरबटिया, बडावे, थल, गंगोलीहाट, कठपुडियाछीना में संस्थानों को भूमि उपलब्ध न होने के कारण 600.16 लाख रुपये को आईयूटी के जरिए अन्य विभागों के कार्यों पर व्यय कर दिए गए। लेकिन इस धनराशि का समायोजन आज तक नहीं हो पाया। इस मामले में शिव आसरे शर्मा तत्कालीन परियोजना प्रबंधक, प्रदीप कुमार शर्मा तत्कालीन परियोजना प्रबंधक, वीरेंद्र कुमार रवि तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी स्तर-2 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पर्यटन कार्यों के नाम पर 159.85 लाख हड़पे

आरोप है कि 2018-19 से पहले पयर्टन विभाग के निर्माण कार्य बिना सेंटेज के कराए गए थे, जिसमें भारी वित्तीय अनियमितता की गई। आरोप है कि शिव आसरे शर्मा ने इसमें 116.50 लाख, प्रदीप कुमार शर्मा ने 39.92 लाख, राम प्रकाश गुप्ता ने 3.43 लाख रुपये का गबन किया। तीनों अधिकारियों ने कुल 159.85 लाख का गबन किया।

स्ट्रीट लाइट लगाने में भी रकम हड़प ली

निगम की ओर से एकीकृत औद्योगिक सुविधाओं के अन्तर्गत स्ट्रीट लाइट, बैकअप इनर्जी प्रोजेक्ट आदि के निर्माण को किए गए कार्यों में भी कुछ अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता की हैं। इससे निगम को 562.785 लाख की वित्तीय हानि हुई। आरोप है कि प्रदीप कुमार शर्मा इस गबन के लिए जिम्मेदार हैं।

प्राप्त धनराशि के सापेक्ष अधिक व्यय किया

आरोप है कि निगम के अधिकारियों ने विभिन्न कार्यों पर ग्राहकों से प्राप्त धनराशि के सापेक्ष अधिक व्यय किया। जिसकी वसूली ग्राहक से नहीं हो सकी। इससे निगम को 10,971.65 लाख की वित्तीय हानि हुई। आरोप है कि मामले में शिव आसरे शर्मा ने 632.83 लाख, प्रदीप कुमार शर्मा ने 4853 लाख, राम प्रकाश गुप्ता ने 66.77 लाख, वीरेंद्र कुमार रवि ने 5419.05 लाख रुपये का गबन किया।

रिलीफ सेंटर्स के नाम पर 428 लाख का गबन

आरोप है कि आपदा प्रबंधन विभाग में डिजास्टर रिलीफ सेंटर्स निर्माण के नाम पर 428 लाख रुपये का गबन हुआ। कुछ अधिकारियों ने सेंटर्स के निर्माण कार्य के लिए भूमि प्राप्त हुए बिना ग्राहकों से अग्रिम भुगतान लिया। बाद में ग्राहकों की धनराशि वापस नहीं की गई। आरोप लगाया कि प्रदीप कुमार शर्मा ने 214 लाख, वीरेंद्र कुमार रवि ने 214 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता की।

दून मेडिकल कॉलेज ओपीडी ब्लॉक निर्माण में घपला

दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी ब्लॉक का निर्माण 4553.59 लाख में हुआ है। इसमें कुछ कर्मियों ने बिना कार्य कराए भुगतान कराया। इसमें कुल 993 लाख की वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। मामले में सतीश कुमार उपाध्याय तत्कालीन इकाई प्रभारी/स्थानिक अभियंता आरोपी हैं।

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