उत्तराखंड में फर्जी हस्ताक्षर से किए इंजीनियरों के तबादले, FIR के बाद अब होगा सख्त ऐक्शन
- सूत्रों के अनुसार अनुभाग अधिकारी सुनील लखेड़ा ने जब ये तीन नाम सुने तो उनके कान खड़े हो गए। उन्होंने तबादले से जुड़ी सभी फाइलों को खंगाला। मामला संदिग्ध पाते ही उन्होंने तत्काल सचिव को जानकारी दी। इसके बाद सचिव ने कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया।
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सिंचाई सचिव डॉ.आर राजेश कुमार की सख्ती का असर होने लगा है। कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से इंजीनियरों के तबादला आदेश जारी करने के मामले की जांच शुरू हो गई। सोमवार को प्रमुख अभियंता सुभाष चंद्र पांडेय ने हिन्दुस्तान को बताया कि कैंट थाने में इस मामले में एफआईआर के लिए तहरीर दे दी गई है। विभागीय स्तर पर भी इस मामले को अलग से देखा जा रहा है।
सिंचाई विभाग में सोमवार को दिन भर सचिव के डॉ. आर. राजेश कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से तीन अभियंताओं के तबादले का मामला गरमाया रहा। मालूम हो कि पिछले महीने 31 जनवरी को प्रमुख अभियंता कार्यालय से कुछ इंजीनियरों के के तबादले के आदेश जारी हुए थे।
इसमें अपर सहायक अभियंता चिंरजी लाल, सुमित कुमार और जयदीप सिंह का तबादला भी अलग अलग डिवीजनों में कर दिया गया था। जांच होने पर पता चला कि शासन ने इस बाबत कोई आदेश ही नहीं किए थे। सिंचाई सचिव ने इस मामले में एफआईआर कराने के आदेश दिए हैं।
कर्मचारी नेताओं की चर्चा से खुला मामला: सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से तबादलों करने का खुलासा भी बड़ा रोचक अंदाज में हुए। करीब 15 दिन पहले कुछ डिप्लोमा इंजीनियर सचिवालय में सिंचाई अधिकारियों से मिलने आए। उन्होंने तीनों तबादलों का जिक्र करते हुए कहा कि तबादला आदेश में डिवीजन का उल्लेख भी कर दिया गया है। जबकि यह मुख्यालय स्तर से होना चाहिए था।
सूत्रों के अनुसार अनुभाग अधिकारी सुनील लखेड़ा ने जब ये तीन नाम सुने तो उनके कान खड़े हो गए। उन्होंने तबादले से जुड़ी सभी फाइलों को खंगाला। मामला संदिग्ध पाते ही उन्होंने तत्काल सचिव को जानकारी दी। इसके बाद सचिव ने कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया।
प्रमुख अभियता-सिंचाई, एचओडी सुभाषचंद्र पांडे ने बताया कि यह बहुत गंभीर मामला है। इस प्रकार के मामलों में नौकरी से बर्खास्त करने का प्रावधान है। पुलिस और विभागीय जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
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