छात्राओं को डिजिटल पत्रकारिता के हुनर सिखाए, बताए रोजगार के नए रास्ते
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के देहरादून स्थित कन्या गुरुकुल में हिंदी विभाग द्वारा डिजिटल पत्रकारिता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। छात्राओं को सोशल मीडिया पेज, ब्लॉग लेखन, और यूट्यूब चैनल...

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के देहरादून स्थित द्वितीय परिसर (कन्या गुरुकुल) में हिंदी विभाग की ओर से शनिवार को ‘डिजिटल पत्रकारिता के विभिन्न प्लेटफॉर्म : निर्माण, लेखन एवं सावधानियां विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में बीए की छात्राओं को सोशल मीडिया पेज निर्माण, ब्लॉग लेखन, डिजिटल विज्ञापन और यूट्यूब चैनल शुरू करने जैसी स्किल्स की जानकारी दी गई।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के देहरादून स्थित द्वितीय परिसर में हिंदी विभाग की ओर से शनिवार को ‘डिजिटल पत्रकारिता के विभिन्न प्लेटफॉर्म : निर्माण, लेखन एवं सावधानियां विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। पाठ्यक्रम के अनुसार छात्राओं को ‘डिजिटल पत्रकारिता के अंतर्गत सोशल मीडिया पेज निर्माण, ब्लॉग लेखन, डिजिटल माध्यम हेतु विज्ञापन निर्माण, यू-ट्यूब चैनल निर्माण जैसे विषयों के बारे में समझाया गया।
कार्यशाला का संचालन करते हुए डॉ. निशा यादव ने छात्राओं के समक्ष पत्रकारिता एवं उसके विकास का संक्षिप्त परिचय दिया। साथ ही श्रद्धेय स्वामी श्रद्धानंद एवं गुरुकुल कांगड़ी का पत्रकारिता में क्या अवदान रहा, इससे छात्राओं को परिचित कराया। कार्यशाला का आयोजन बीए की छात्राओं के स्किल विषय को ध्यान में रखते हुए किया गया। मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ ने पीपीटी के माध्यम से छात्राओं को उपर्युक्त विषयों के बारे में समझाया। साथ ही छात्राओं को फोन पर जीमेल के इस्तेमाल से सोशल मीडिया पेज निर्माण और उसके संचालन की जानकारी दी। फेसबुक पेज, फेसबुक प्रोफेशनल मोड, यूट्यूब चैनल मोनेटाइजेशन और वीडियो अपलोड के बारे में बताया। इन प्लेटफॉर्म्स को आय के साधन के रूप में कैसे प्रयोग कर सकते हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर हमारे सामने खुलते हैं, इससे भी छात्राओं को अवगत कराया।
डिजिटल पत्रकारिता के इस युग में डिजिटल विज्ञापन निर्माण, टेक्स्ट और वीडियो के माध्यम से ई-कंटेंट कैसे तैयार कर सकते हैं, ये सभी विषय कार्यशाला के केंद्र में रहे। रेडियो और विजुअल कंटेंट के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग का तरीका बताया। सीटीए, एसईओ, एचटीटीपीएस, कैरुसेल जैसे डिजिटल कंटेंट संबंधी शब्दों पर भी प्रकाश डाला। कंटेंट क्रिएट करने से लेकर एडिट करने को लेकर विभिन्न ऐप्स जैसे कैनवा, फॉटोशॉप, कैपकट, इनशॉट एवं वीएन के प्रयोग को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रयोग, लेखन आदि के साथ ही इसका सावधानीपूर्वक प्रयोग अथवा सतर्कता भी आवश्यक है, इसके लिए कार्यशाला में ऑनलाइन स्पैम एवं स्पाइवेयर अटैक के बारे भी छात्राओं को जागरूक किया गया। कार्यशाला में डॉ. रचना चौहान सहित हिंदी विभाग के शोधार्थी एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।
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