टावर तकनीक से बिना चीरा लगाए बदली दिल की वॉल्व
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में दो मरीजों का किया प्रोसीजर देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता
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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में दो मरीजों का किया प्रोसीजर देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने एक दिन में दिल के दो मरीजों की टॉवर तकनीक (टांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट) से इलाज किया। कॉर्डियक साइंसेज के डायरेक्टर वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. सलिल गर्ग ने बताया कि कैथ लैब में टावर व अन्य महत्वपूर्ण प्रोसीजर अस्पताल में जा रहे हैं। उत्तर भारत एवं अन्य राज्यों से मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। सीजीएचएस, ईसीएचएस, गोल्डन कार्ड एवं ईएसआई के तहत टावर तकनीक के उपचार की सुविधा उपलब्ध है। टावर तकनीक के द्वारा बिना चीरा लगाए वाल्व बदल दिया जाता है। ऐसे दिल के रोगियों के लिए यह तकनीक संजीवनी है। टावर तकनीक के द्वारा बिना ओपन हार्ट किए वाल्व रिप्लेसमेंट कर दिया जाता है।
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