जहां आनंद देने का भाव, वहीं रहते हैं भगवान:ममगाईं
ओल्ड सर्वे रोड स्थित समता सत्संग एन्क्लेव में श्रीमदभागवत कथा में आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने भगवान कृष्ण के जन्म का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि शुद्ध सत्व वसुदेव और देवकी का प्रतीक है। भक्ति के...

ओल्ड सर्वे रोड स्थित समता सत्संग एन्क्लेव में चल रही श्रीमदभागवत कथा में शनिवार को कथा व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने भगवान कृष्ण जन्म के प्राकटय का प्रसंग सुनते हुए कहा कि शुद्ध सत्व का नाम वसुदेव, देवमयी बुद्धि का नाम देवकी है। मथुरा हमारा शरीर है, इंद्रियों के पवित्र समुदाय में भगवान रहना पसंद करते हैं। जिसके लिए भक्ति का सहारा लेकर के यशोदा दूसरे को मान देना, नन्द का दूसरे को आनंद देने का भाव जहां हो वहीं भगवान रहना पसन्द करते हैं। वहीं नन्द के घर आनंद भयो..भजन पर पूरा पंडाल झूम पड़ा। आयोजकों द्वारा माखन मिश्री का प्रसाद हलवा, फलों का वितरण किया गया। मौके पर धनपति राणा, महेंद्र राणा, विमल राणा, आनन्द सिंह राणा, जावित्री राणा, मानसी, स्वरुप सिंह नेगी, भगवान सिंह नेगी, शिव सिंह नेगी, कमला राणा, अश्विनी मुंडेपी, राजेन्द्र राणा, सुमन रावत, सुनीता रावत उपस्थित रहे।
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