विधायकों की पेंशन बढ़ाने का विरोध
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने पर विरोध जताया और इसे कर्मचारियों के साथ मजाक बताया। मोर्चा ने पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग की। 23 मार्च को दिल्ली...
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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने फैसले को बताया कर्मचारियों के साथ मजाक देहरादून, मुख्य संवाददाता।
पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने पर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने विरोध जताया। इसे कर्मचारियों के साथ मजाक बताया। मोर्चा ने जल्द कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग की।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि सरकार को दोहरी नीति नहीं अपनानी चाहिए। विधायकों की थाली में पुरानी पेंशन और राज्य के लाखों एनपीएस कार्मिकों के लिए एनपीएस काला कानून थोपा जा रहा है। विधायकों की पेंशन बढ़ा कर राजकोष का गलत उपयोग किया जा रहा है। विधायक जन सेवक होता है, ऐसे में उसे लाभ नहीं लेना चाहिए। कहा कि 23 मार्च को दिल्ली जंतर मंतर पर यूनिफाइड पेंशन योजना का विरोध किया जाएगा। इस बार देहरादून से दिल्ली तक पैदल मार्च होगा। जो 16 मार्च को सुबह आठ बजे देहरादून से शुरू होगा।
प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि ओपीएस पर सरकार चुप्पी साधे है। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग को सरकार ने आर्थिक बोझ बताया। पूर्व विधायकों के मामले में खजाना खोल दिया गया है। ये सौतेला व्यवहार है। प्रदेश महासचिव सीता राम पोखरियाल ने कहा कि एक दिन का विधायक भी पेंशन का हकदार हो जाता है। दूसरी ओर 60 वर्ष तक सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारियों को पेंशन देने में आनाकानी की जा रही है।
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