शिवालयों में आज मध्यरात्रि से शिव का जलाभिषेक
महाशिवरात्रि के लिए टपकेश्वर, जंगल शिवालय, पृथ्वीनाथ मंदिर में तैयारी पूरी, मंदिर सजे देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। महाशिवरात्रि के मौके पर टपकेश्वर, पृ
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महाशिवरात्रि के मौके पर टपकेश्वर, पृथ्वीनाथ मंदिर में जलाभिषेक की तैयारियां पूरी कर दी गई है। टपकेश्वर में 51 सौ लीटर दूध और पंचमेवा से अभिषेक के बाद रात्रि साढ़े 12 से आम श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकेंगे। मंदिर को बेहद खूबसूरती से सजा दिया गया है। टपकेश्वर सेवा दल के 300 से अधिक सदस्य पुलिस प्रशासन के साथ मंदिर की व्यवस्था संभालेंगे। मंदिर में मंगलवार मध्यरात्रि 12 बजे विशेष अभिषेक किया जाएगा। विशेष महारुद्राभिषेक के साथ ही पूजन आरंभ होगा। महंत किशन गिरी महाराज के सानिध्य में मंदिर पुजारी भरत गिरी महाराज विशेष पूजा करेंगे। इसके बाद टपकेश्वर महादेव मंदिर को आम श्रद्धालुओं के जलाभिषेक के लिए खोल दिया जाएगा। जलाभिषेक का सिलसिला बुधवार को पूरा दिन चलेगा। देर शाम को टपकेश्वर महादेव मंदिर का श्रृंगार पूजन होगा। भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा। मंदिर सेवादल प्रचार मंत्री विनय वर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में विशेष सजावट की गई है। महाशिवरात्रि पर टपकेश्वर में लगने वाले मेले के लिए झूले, फन गेम्स और अन्य स्टॉल सज चुके हैं। दिव्यांग और बुजुर्ग दर्शनार्थियों के लिए लिफ्ट की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। पलटन बाजार स्थित जंगल शिवालय में भी जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था रहेगी। शिवालय में विशेष सजावट की गई है। जलाभिषेक के लिए आने वाले कांवड़ियों के लिए जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था रहेगी। उन्हें कहीं भी शिवालयों में लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।
पृथ्वीनाथ मंदिर में पांच सौ किलो केसर दूध का प्रसाद होगा वितरित
पृथ्वीनाथ मंदिर में भी महाशिवरात्रि के कार्यक्रमों को सोमवार को अंतिम रुप दिया गया। दिगम्बर दिनेशपुरी ने बताया कि मंगलवार शाम को महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर 2100 दीए प्रज्जवलित किए जाएंगे। जिसमें भगवान भोलेनाथ का आह्वान किया जाएगा। सभी को हलवे का प्रसाद वितरित किया जाएगा। मध्यरात्रि से मंदिर शिवालय में महारुद्राभिषेक के लिए कुंभ और हरिद्वार से लाए गंगाजल के साथ ही दूध, दही, घी, पंचामृत आदि पूजन सामग्रियों के साथ श्री रुद्री पाठ के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विशेष पूजन होगा। इसके बाद 26 फरवरी को दिनभर श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। आम श्रद्धालुओं को भी जलाभिषेक के लिए तीर्थों से लाया जल वितरित किया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से आने जाने का मार्ग अलग अलग रखा गया है। व्यवस्था बनाने के लिए करीब तीस सेवादार दिन भर अपनी सेवा देंगे। कांवड़ियों और बुजुर्गों के लिए अलग से व्यवस्था रहेगी। महाशिवरात्रि के दिन लगभग 500 किलो केसर युक्त दूध का प्रसाद दिन भर वितरित होगा। मक्खाने से बनाई खीर का प्रसाद बांटा जाएगा। शाम को विशेष श्रृंगार आरती होगी। मीडिया प्रभारी संजय गर्ग ने बताया कि महाकाल उज्जैन की तर्ज पर मध्यरात्रि में श्री पृथ्वीनाथ जी की भस्म आरती होगी।
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