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यह अंत नहीं, एक नई शुरुआत; विधानसभा में नया भू-कानून पास होने पर CM धामी ने बताए फायदे

विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक, 2025 पास हो गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि के मूल स्वरूप और डेमोग्राफी को बदलने से बचाने के लिए सख्त भू-कानून लाया गया है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, देहरादूनSat, 22 Feb 2025 09:18 AM
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यह अंत नहीं, एक नई शुरुआत; विधानसभा में नया भू-कानून पास होने पर CM धामी ने बताए फायदे

विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक, 2025 पास हो गया। विपक्ष की ओर से इसे प्रवर समिति को भेजे जाने का प्रस्ताव नामंजूर हो गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि के मूल स्वरूप और डेमोग्राफी को बदलने से बचाने के लिए सख्त भू-कानून लाया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने भोजनावकाश के बाद भू-कानून पर बोलते हुए कहा कि अब प्रदेश के 11 पहाड़ी जिलों में कृषि और उद्यान की जमीन खरीद को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीद पर भी रोक लगा दी गई है। हरिद्वार और यूएसनगर में भी शासन की मंजूरी के बाद ही जमीन खरीदी जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि निकाय से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद के लिए दिया गया शपथ पत्र झूठा पाए जाने पर उक्त जमीन को सरकार में निहित किया जाएगा। जमीन खरीद को डीएम स्तर से मंजूरी देने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। निवेश के लिए भी जमीन खरीद की मंजूरी भूमि अनिवार्यता प्रमाण पत्र के आधार पर ही मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब निवेश के नाम पर कोई भी जमीनों का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा। नगर निकाय सीमा में भी व्यक्ति जिस प्रयोजन के लिए जमीन खरीदेगा, उसी के लिए इस्तेमाल कर सकेगा। तय प्रयोजन से हटकर जमीन का दुरुपयोग करने की स्थिति में भू-कानून के तय प्रावधान के तहत कार्रवाई होगी।

सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भू-कानून को प्रवर समिति को भेजने की मांग करते हुए कहा कि जो संशोधित भू कानून लाया गया है, उसमें खामियां हैं। इस कानून से तराई की जमीनें खत्म हो जाएंगी। सरकार एनडी तिवारी सरकार के भू कानून को पूरी तरह अमल में लाए। किसी भी तरह की जमीन खरीद की मंजूरी न दी जाए। उन्होंने कहा कि प्रवर समिति में भू कानून विशेषज्ञों की राय के साथ ही विभिन्न पक्षों के सुझाव भी शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि कमजोर भू-कानून से राज्य की बहुमूल्य जमीनों का जमकर दुरुपयोग हो चुका है। प्रवर समिति को भू-कानून विधेयक भेजने का विपक्ष का प्रस्ताव सदन में गिर गया। सदन ने इसे ध्वनिमत से पास किया।

सीएम बोले यह नई शुरुआत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-कानून में सुधार का यह अंत नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है। भू प्रबंधन, भू सुधार की ये प्रक्रिया भविष्य में भी लगातार जारी रहेगी। जनभावनाओं का सम्मान करते सख्त भू कानून विधानसभा से पास कराया गया है। यह निर्णय राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी।

जनता के दबाव में यह कदम उठाया: आर्य

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भू कानून संशोधन सरकार की मजबूरी बन गया था। सड़कों पर उतरे जनसैलाब के दबाव में सरकार ने ये कदम उठाया है। सरकार को अधूरी तैयारी की बजाय पुख्ता कानूनी प्रावधान के साथ इसे लागू करना चाहिए था। बेहतर होता कि सरकार पहले इसे प्रवर समिति को भेजती।

काजी बोले, बैक डोर एंट्री की व्यवस्था बंद की जाए

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि नगर निगम, नगर निकाय, छावनी परिषद के साथ ही इन क्षेत्रों में भविष्य में शामिल होने वाले क्षेत्रों को भी भू-कानून से मुक्त रखा गया है। ऐसे में सरकार ने बैक डोर एंट्री का रास्ता दिया है। भूमाफिया पहले गांव में भूमि का सौदा तय करेंगे और फिर सांठगांठ से उस गांव को निकाय क्षेत्र में शामिल करा देंगे।

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