उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी-पेंशनर्स को कैशलेस इलाज, गोल्डन कार्ड में निजी कंपनी पर विचार
- इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही योजना में प्राइवेट बीमा कंपनी को शामिल किए जाने की संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया।
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उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के कैशलेस इलाज के लिए शुरू की गई गोल्डन कार्ड योजना में निजी बीमा कंपनी को शामिल करने पर विचार शुरू हो गया है। स्वास्थ्य महानिदेशालय को इस संदर्भ में विस्तृत अध्ययन के लिए कहा गया है।
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान गोल्डन कार्ड योजना और आयुष्मान योजना के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर चर्चा की गई।
विदित है कि भुगतान न हो पाने की वजह से कई अस्पताल योजना के तहत कैशलेस इलाज से इनकार कर रहे हैं। इस परेशानी को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कुछ समय पूर्व सरकार को प्रीमियम में बढ़ोत्तरी या योजना के लिए अतिरिक्त बजट बढ़ाने की मांग की थी।
सोमवार को सचिवालय में हुई बैठक के दौरान इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही योजना में प्राइवेट बीमा कंपनी को शामिल किए जाने की संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस संदर्भ में स्वास्थ्य महानिदेशालय को विस्तृत अध्ययन करने को कहा गया है।
विधानसभा में उठा मसला
विधानसभा सत्र के दौरान भी गोल्डन कार्ड योजना का मसला उठा था। इस दौरान भी इस योजना में प्राइवेट बीमा कंपनी को शामिल किए जाने की जरूरत बताई गई थी।
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