कोटिकरण को परिवर्तित करने पर गुस्सा
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के शैक्षणिक सदस्यों ने कोटीकरण को बदलने का विरोध किया है। सभी सदस्यों ने ज्ञापन भेजकर महानिदेशक से अपील की है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार कोटीकरण को लागू किया जाए...

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के कोटीकरण को परिवर्तित करने का संस्थान के अकादमिक सदस्यों ने विरोध किया। इस संदर्भ में सभी डायट सदस्यों ने प्राचार्य के माध्यम से महानिदेशक व सचिव विद्यालय शिक्षा को ज्ञापन भेजा है। संकाय सदस्यों ने कहा है कि पृथक संवर्ग को मानते हुए स्थानांतरण एक्ट 2017 के सम्यक प्रावधानों के अंतर्गत 2022 में विभाग अध्यक्ष अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा सभी संस्थानों का कोटीकरण समिति के माध्यम से किया। उसी कोटीकरण के आधार पर 2022-23 में वह 2023--24 में स्थानांतरण किया, जिसमें जनपद उधम सिंह नगर से जनपद लोहाघाट डीडीहाट व जनपद बागेश्वर में भी स्थानांतरण किए गए। उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा किए गए स्थानांतरण में यह माना गया कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एक जनपद स्तरीय संस्थान है और उनके कार्य प्रकृति विद्यालय से भिन्न और उनके विभाग अध्यक्ष अकादमीक शोध एवं प्रशिक्षण होते हैं। विभाग द्वारा न्यायालय में यह माना गया कि छह जनपद दुर्गम और 7 जनपद सुगम होंगे, लेकिन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को ताक में रखते हुए और पूर्व के निदेशक एवं महानिदेशक के पत्रों को बिना संज्ञान में लिए हुए किया गया कोटीकरण सरासर गलत व उच्च न्यायालय की अवमानना है। इस संदर्भ में सभी अकादमिक सदस्यों द्वारा महानिदेशक से अपील की गई है कि न्यायालय के आदेश के वृत गए कोटीकरण को लागू करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत अकादमिक सदस्यों का संवर्ग पृथक किया जाए। ज्ञापन देने वालों में डॉ. केएस रावत, डॉ. राजीव जोशी, डॉ. हरीश जोशी, डॉ. रवि कुमार जोशी, डॉ. बीडी पांडेय, डॉ. संदीप जोशी, डॉ. भुवन पांडे, डॉ. केपी चंदोला. दया सागर, डॉ. सीएम जोशी. रुचि पाठक, पूजा लोहनी आदि ने ज्ञापन दिया
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