झोड़ा और लोक गीतों पर झूमे दर्शक
दो दिवसीय चौकोट महोत्सव का समापन शनिवार को हुआ। महोत्सव में लोक कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें चंदन मनराल के गीतों पर लोग झूमते नजर आए। सांस्कृतिक टीम अल्मोड़ा ने नंदा स्तुति से शुरुआत की।...

दो दिवसीय चौकोट महोत्सव का शनिवार को समापन हो गया। झोड़ा, लोकगीतों आदि की प्रस्तुति से कलाकारों ने महोत्सव में रंग जमाया। लोक कलाकार चंदन मनराल के गीतों पर लोग खूब झूमे। शनिवार को चौकोट महोत्सव की शुरुआत सांस्कृतिक टीम अल्मोड़ा ने नंदा स्तुति के साथ की। स्याल्दे की सांस्कृतिक महिला समूह ने भजन और झोड़ा की शानदार प्रस्तुति से समां बांधा। सरस्वती शिशु मन्दिर वल्मरा के बच्चों ने भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं, लोक कलाकार चंदन मनराल की ओर से गीतों का गायन किया। उनके गीतों पर दर्शक खूब झूमे। अल्मोड़ा से आई कलाकारों की सांस्कृतिक झलकियों ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। टीम के निदेशक गोपाल सिंह चम्याल, सूरज, प्रकाश, निक्कू ने कला से कार्यक्रम में रंग जमाया। जीवन दायनी विनोद नदी के स्वच्छता व संरक्षण पर विचार गोष्ठी भी हुई। नदी के संरक्षण व संवर्द्धन पर वक्ताओं ने चर्चा की। इसमें कामना व पारस पपनोई को पुरस्कृत भी किया गया। यहां समिति के अध्यक्ष हृदेश मेहरा, आशा जोशी, गौरीशंकर आर्य, महेंद्र पाल, नंदन मुक्चाडी़, दौलत खाती, चंदन राम, हेम जोशी, देवेंद्र रजवार, हरीश डीमरी, ललित बंगारी, घनश्याम मेहरा, नरेश चंद्र पपनोई, सीता राम जोशी, नरेंद्र मनराल, मुकेश कुमार आदि रहे।
पुरस्कारों से किया सम्मानित
महोत्सव में महिला समूह, स्कूली बच्चों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। प्रतिभा खोज परीक्षा के पुरस्कार वितरण के लिए एसबीआई से सेवानिवृत्त बसंती बिष्ट ने अपने पिता की स्मृति में 65 हजार की धनराशि से सम्मानित किया। वहीं, बाल शिक्षा निकेतन मांटेशरी स्कूल स्याल्दे और सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों, राकइंका स्याल्दे की छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया।
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