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मेमने का असली मालिक कौन? पुलिस ने थाने में बुलवाईं काली और सफेद बकरी, फिर ऐसे सुलझाया विवाद

  • कानपुर जिले से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां मेमने के मालिकाना हक का विवाद शनिवार को कल्याणपुर थाने तक पहुंच गया। इस अजब-गजब मामले में फैसला करने के लिए पुलिस को दो बकरियां थाने में बुलानी पड़ गईं।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 April 2025 11:22 PM
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मेमने का असली मालिक कौन? पुलिस ने थाने में बुलवाईं काली और सफेद बकरी, फिर ऐसे सुलझाया विवाद

कानपुर जिले से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां मेमने के मालिकाना हक का विवाद शनिवार को कल्याणपुर थाने तक पहुंच गया। इस अजब-गजब मामले में फैसला करने के लिए पुलिस को दो बकरियां थाने में बुलानी पड़ गईं। इंस्पेक्टर ने अपने सामने दोनों बकरियों को दूर-दूर बंधवाया और मेमना छोड़ा गया। वह दौड़ कर सफेद बकरी के पास पहुंचा और दूध पीने लगा। फिर उसे काली बकरी के पास लाया गया तो उसने थन को मुंह नहीं लगाया। इस तरह समाधान दिवस पर पुलिस ने मेमने के मालिकाना हक का फैसला कर दिया।

पुलिस के मुताबिक गूबा गार्डन निवासी चंदा देवी की सफेद बकरी ने 20 दिन पहले चार बच्चों को जन्म दिया। शनिवार सुबह उनके पति सुमन एक बच्चे को लेकर पशु चिकित्सालय जा रहे थे। क्रॉसिंग पर उन्हें मीना नाम की महिला ने रोक लिया और मेमने पर हक जताने लगी। दोनों में झगड़ा होने लगा। पति सुमन की सूचना पर मीना भी पहुंच गई। उधर कंट्रोल रूम की सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को कल्याणपुर थाने ले आई। वहां समाधान दिवस चल रहा था। इंस्पेक्टर सुधीर कुमार के मुताबिक उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी।

एक घंटे दोनों पक्ष मेमने को अपना बताते रहे। अंतत: उन्होंने चंदा और मीना दोनों की बकरियों को थाने मंगवा लिया। दोनों बकरियों को दूर-दूर बांधा गया। मेमना जैसे ही छोड़ा गया, वह चंदा की सफेद बकरी का दूध पीने लगा। इसके बाद मीना की काली बकरी के पास भी बच्चे को ले जाया गया, लेकिन उसने दूध नहीं पिया। कल्याणपुर इंस्पेक्टर ने चंदा को मेमना सौंप दिया और मीना को झूठा दावा करने पर फटकार भी लगाई।

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