हिजाब उतारने को कहा तो छात्राओं ने छोड़ी दसवीं की परीक्षा, बिना पेपर दिए ही लौट गईं घर
यूपी के जौनपुर में हिजाब उतारने के लिए कहने पर छात्राओं ने दसवीं की परीक्षा ही छोड़ दी है। सोमवार को पहली पाली में हिंदी का पेपर था। छात्राओं ने आगे भी बिना हिजाब पेपर देने से इनकार किया है।
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यूपी के जौनपुर में हिजाब (बुर्का) के लिए दसवीं की छात्राओं ने पूरे साल की मेहनत ही दांव पर लगा दी है। दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने पहुंची छात्राओं को जब हिजाब उतारने को बोला गया तो साफ इनकार कर दिया। हिजाब पहनकर प्रवेश नहीं मिला तो चार छात्राएं बिना परीक्षा दिए ही घर लौट गईं। मामला खुदौली के सर्वोदय इंटर कॉलेज का है। घटना की जानकारी के बाद से सोशल मीडिया पर इसे लेकर मामला गरमाया हुआ है। चारों में से एक छात्रा के पिता ने अपनी बेटी के कदम का समर्थन भी किया है। कहा कि आगे भी हिजाब में ही प्रवेश नहीं मिला तो बेटी परीक्षा नहीं देगी। सभी छात्राएं खेतासराय स्थित मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल की हैं।
देश की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जाने वाली यूपी बोर्ड की दसवीं और 12वीं की परीक्षा सोमवार से ही शुरू हुई है। प्रयागराज को छोड़कर यूपी के सभी जिलों में सोमवार को परीक्षा आयोजित हुई। सुबह की पाली में दसवीं की हिंदी का पेपर आयोजित किया गया था। सर्वोदय इंटर कॉलेज खुदौली परीक्षा केंद्र पर पहुंची चार छात्राओं को जब हिजाब उतारकर अंदर जाने के लिए बोला गया तो इनकार कर दिया। चारों ने हिजाब उतारने से मना कर दिया। जब हिजाब उतारे बिना स्कूल में नहीं जाने दिया गया तो चारों वापस घर चली गईं।
इनकी भनक कुछ देर में ही इलाके में फैल गई। मामला सोशल मीडिया पर भी तैरने लगा। इस पर केंद्र व्यवस्थापक दिनेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षा कक्ष में जाने से पहले नियमों का पालन कराया जा रहा था। चारों छात्राओं ने नियमों का पालन करने से इंकार कर दिया और वापस चली गईं।
एक छात्रा के पिता अहमदुल्लाह का कहना है कि हमने चेकिंग के बाद हिजाब में ही परीक्षा देने की बात कही थी लेकिन स्कूल वाले नहीं मानें। उन्होंने कहा कि बच्चियों के साथ वह खुद गए थे। गेट पर ही छात्राओं को रोक दिया गया। हिजाब उतारकर अंदर जाने के लिए कहा गया। वहां खड़े एक टीचर से कहा गया कि किसी लेडीज टीचर से बच्चियों की चेकिंग करा लीजिए फिर हिजाब में ही जाने दीजिए, लेकिन वह नहीं माने। पिता ने भी साफ कहा कि बच्चियों को हिजाब में पेपर देने देंगे तभी बच्चियां परीक्षा देने जाएंगी। स्कूल ने भले ही चार छात्राओं के वापस जाने की बात कही है लेकिन अहमदुल्लाह ने दस छात्राओं के परीक्षा छोड़ने की बात कही है।