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संस्कृत विश्वविद्यालय में अब चार साल का शास्त्री कोर्स

Varanasi News - संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में इस वर्ष से चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत, छात्रों को विभिन्न सेमेस्टरों में कौशल विकास, प्रमुख और गौण विषयों की पढ़ाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 13 Feb 2025 02:17 AM
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संस्कृत विश्वविद्यालय में अब चार साल का शास्त्री कोर्स

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में इसी साल से चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत शास्त्री स्नातक, शास्त्री शोध और आचार्य की उपाधियां सेमेस्टर पूरे करने के आधार पर दी जाएंगी। चार वर्षीय शास्त्री में सभी सेमेस्टरों में मेजर-माइनर विषयों के साथ कौशल विकास विषयों की भी पढ़ाई करनी होगी। दिसंबर-2024 में बनी पाठ्यक्रम निर्धारण समिति की रिपोर्ट और सुझावों को विश्वविद्यालय सहित सभी संबद्ध महाविद्यालयों में लागू कर दिया गया है। नई व्यवस्था के अनुसार शास्त्री में दो सेमेस्टर पूरे करने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट, चार सेमेस्टर पूरे करने पर डिप्लोमा, छह सेमेस्टर पर शास्त्री (स्नातक) की डिग्री दी जाएगी। आठ सेमेस्टर की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को शास्त्री (शोध) की उपाधि मिलेगी। दस सेमेस्टर पूरे करने वालों को सीधे आचार्य या स्नातकोत्तर की डिग्री दी जाएगी। इन छात्रों को शोध के लिए अर्ह माना जाएगा। सभी सेमेस्टरों में मुख्य विषय 100 अंकों के होंगे, जिनमें 75 अंक की लिखित परीक्षा और 25 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। छात्रों को माइनर कोर्स के साथ ही इंटर डिसिप्लिनरी विषय और कौशल एवं दक्षता विकास विषयों की पढ़ाई भी करनी होगी। दक्षता विकास में भाषाएं और कौशल विकास में योग, कंप्यूटर, संगीत, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तु आदि विषय होंगे।

गैर संस्कृत पृष्ठभूमि के छात्रों को पहले और दूसरे सेमेस्टर में सामान्य संस्कृत के विषयों की परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी। इन विषयों के लिए कोई अतिरिक्त क्रेडिट नहीं दिया जाएगा। प्रथम सेमेस्टर में संधि प्रकरण, कारक प्रकरण, षड्लिंग प्रकरण, अनुवाद और दूसरे सेमेस्टर में समास प्रकरण और अनुवाद के विषय होंगे।

क्रेडिट के 60% पर मिलेगी उपाधि

परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुधाकर मिश्र ने कहा कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम और सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) लागू कर दिया गया है। शास्त्री के छह सेमेस्टर में कुल 132 क्रेडिट और आठ सेमेस्टर में 185 क्रेडिट की परीक्षा होगी। दस सेमेस्टर यानी आचार्य के लिए 232 क्रेडिट की परीक्षा होगी। क्रेडिट के न्यूनतम 60 प्रतिशत अर्जित करने वाले छात्र को उपाधि प्रदान की जाएगी। महाविद्यालयों में अनुमन्य विषयों में से छात्र अपने विषय का चयन कर सकेंगे।

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