संविवि में अब यूजीसी के नियमों से पीएचडी प्रवेश
Varanasi News - फोटो संपूर्णानंद : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गुरुवार को कार्यपरिषद की बैठक में न्यायमूर्ति

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अब यूजीसी के नियमों के अनुसार ही विद्यावारिधि (पीएचडी) में प्रवेश लिए जाएंगे। गुरुवार को विद्या परिषद और कार्य परिषद की बैठक में इसके साथ ही कई फैसलों पर मुहर लगी। अहम फैसलों में शास्त्री में एनईपी आधारित पाठ्यक्रम को पूर्ण रूप से लागू करना और महाविद्यालयों में रिक्त पदों की भर्ती की ऑडिया-वीडियो रिकॉर्डिंग कराना शामिल है। गुरुवार को विश्वविद्यालय के योग साधना केंद्र में सुबह 11.30 पर विद्या परिषद और अपराह्न 3.30 पर कार्य परिषद की बैठक हुई। इसमें चयन समिति की संस्तुतियों पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विशाखा शुक्ला को एसोसिएट पद दिया गया। छह अन्य असिस्टेंट प्रोफेसरों के वरिष्ठ वेतनमान को स्वीकृति दी गई। कार्य परिषद ने महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए आडियो-वीडियो रिकार्डिंग कराने के प्रस्ताव को स्वीकृत किया। विश्वविद्यालय परिनियमावली अपडेट करने के लिए प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, प्रो. रमेश प्रसाद, लखनऊ के अधिवक्ता शचीन्द्र प्रताप सिंह और सहायक कुलसचिव हिमांशु शुक्ल की पांच सदस्यीय समिति बनाई गई।
विद्या परिषद की बैठक में यूजीसी के नियमों के मुताबिक पीएचडी प्रवेश और शास्त्री पाठ्यक्रम को एनईपी में लाने पर मुहर लगी। शास्त्री पाठ्यक्रम की संरचना, क्रेडिट प्रणाली, परीक्षा पैटर्न, अंक वितरण और अनुत्तीर्णता की स्थिति में एनईपी के अनुसार परिवर्तन किए गए हैं। दोनों बैठकों में कार्य परिषद सदस्य न्यायमूर्ति अनिरुद्ध सिंह, ओएसडी कुलाधिपति प्रो. पंकज जानी, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी, कुलसचिव राकेश कुमार, वित्त अधिकारी संतोष शर्मा, प्रो. रमेश प्रसाद, शैलेश कुमार मिश्र, प्रो. राजनाथ, प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, प्रो. विद्या कुमारी, डॉ. विजेंद्र कुमार आर्य, डॉ. सत्येंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
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