बोले काशी: सता रहा 40 वर्ष पुरानी दुकानों के छिन जाने का डर
Varanasi News - वाराणसी के बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) परिसर में स्थित सेंट्रल और गुमटी मार्केट के दुकानदार 20 साल से लाइसेंस का नवीनीकरण न होने से चिंतित हैं। सुरक्षा, जलजमाव और स्वच्छता की समस्याओं का सामना कर...
वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) परिसर में दो मार्केट हैं। इन्हें सेंट्रल और गुमटी मार्केट कहा जाता है। दोनों जगह करीब 800 दुकानें हैं। 20 से 40 वर्ष पुरानी। सुई से लेकर सेनेटरी, जूता-चप्पल से लेकर कास्मेटिक्स के हर आटम मिलते हैं। इन दुकानदारों की सबसे बड़ी चिंता 20 वर्षों से दुकानों के लाइसेंस का रिन्युअल न होने की है। डर है कि आजीविका की मुख्य साधन ये दुकानें कहीं छिन न जाएं। जलजमाव, असुरक्षा-गंदगी और टूटी सड़क की समस्या भी उन्हें मार्केट पर दाग सरीखी लगती है। बरेका में कर्मचारियों की जरूरत को देखते हुए पहले जहां-तहां दुकानें खुलीं।
उन्हें जलालीपट्टी में गुमटी मार्केट और बीच परिसर सेंट्रल मार्केट में व्यवस्थित किया गया। परिसर के बाहर के लोग भी इन दुकानों पर खरीदारी करते हैं। इन दुकानों का प्रतिनिधित्व बरेका व्यापार मंडल करता है। मंडल के पदाधिकारियों ने सेंट्रल मार्केट में ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि परिसर में लगभग 800 दुकानें हैं। इनमें जलालीपट्टी में 500 और सेंट्रल मार्केट में लगभग 300। ये दुकानदार बरेका प्रशासन को समय से किराए का भुगतान करते हैं। लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। बारिश के दिनों में जल-जमाव, सुरक्षा और स्वच्छता की कमी, टूटी सड़कें, सेंट्रल मार्केट में शौचालय का न होना जैसी तमाम समस्याएं हैं। अखिलेश पाठक और अवधेश राय ने बताया कि 20 सालों से दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हो रहा है। इससे दुकानदारों में डर बना रहता है कि कहीं उनसे दुकानें ले न ली जाएं। विक्रेता सुमन जायसवाल, योगिता तिवारी ने बताया कि व्यापार मंडल के अपने खर्च पर सुरक्षा के लिए गुमटी मार्केट में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। गार्ड की नियुक्ति की गई थी। बरेका ने मार्केट के पास ही सुरक्षा कार्यालय उपलब्ध कराया था। वहां से मार्केट की निगरानी होती थी, लेकिन इसे बंद कर दिया गया। अब आए दिन चोरी की घटनाएं होती हैं। रमेश सिंह, रीतेश सिंह ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से पहले रात में मार्केट का गेट बंद कर दिया जाता था, लेकिन इसे बंद करने पर रोक लगा दी गई। पिंक बूथ की मांग अनसुनी व्यापार मंडल, बरेका के सदस्यों ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर कई बार पिंक बूथ बनाने की मांग की जा चुकी है। मार्केट की ज्यादातर दुकानों पर महिलाएं बैठती हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा जरूरी है। कुछ माह पूर्व पुलिस कमीश्नर से मिलकर पिंक बूथ बनाने के लिए पत्रक दिया गया था। उन्होंने बरेका से बूथ बनाने के जगह आदि चयनित करने को कहा था, लेकिन अब तक बरेका प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है। सेंट्रल मार्केट में शौचालय नहीं सेंट्रल मार्केट में शौचालय नहीं है। अखिलेश पाठक, अवधेश कुमार ने बताया कि इससे दुकानदरों के साथ ग्राहकों को भी परेशानी होती है। वहीं गुमटी मार्केट के महिला शौचालय में मरम्मत के नाम पर लगभग छह माह से ताला लगा है। सुमन जायसवाल ने बताया कि शौचालय में ताला बंद होने से महिलाओं को दिक्कत होती है। उसे जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए। सब्जी मंडी के पास जलजमाव बारिश के दिनों में गुमटी मार्केट के पास सब्जी मंडी में पानी लग जाता है। यहां सड़क ऊंची है। महाजन, राजनारायण सिंह, मदन साहू, रामायन बाबू ने बताया कि पानी लगने से दुकानदारों का नुकसान होता है। पटरी पर दुकान लगाने वालों के कई बार सामान खराब हो जाते हैं। रीतेश सिंह, रविशंकर गुप्ता ने कहा कि जलजमाव की इस समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए। लोगों को इससे आवागमन में भी परेशानी होती है। रमेश सिंह ने बताया कि सेंट्रल मार्केट में भी सड़कों के किनारे पानी लगने की समस्या है। मवेशियों का आतंक, सफाई भी नहीं गुमटी मार्केट के दुकानदार छुट्टा मवेशियों से परेशान हैं। रविशंकर गुप्ता, किशन गुप्ता ने बताया कि कई बार मवेशी सामान बर्बाद कर देते हैं। मार्केट में आने वालों को डर रहता है कि कहीं वे हमला न कर दें। राजनारायण सिंह, मदन साहू ने सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाया। बोले, मार्केट के गेट पर और बाजार में कूड़े का अंबार लगा रहता है। मवेशियों का झुंड उसे चारो तरफ फैलाता है। कूड़ा फेंकने के लिए सीमेंट का कंटेनर बनाया गया है लेकिन उससे कभी कूड़ा नहीं हटाया जाता। रामायन बाबू ने कहा कि स्वच्छता के लिए प्रतिदिन झाड़ू लगनी चाहिए। रोज कूड़े का उठान भी हो। सुनें हमारा दर्द दुकानों के लाइसेंस का 20 सालों से नवीनीकरण नहीं हो रहा है। यह शुरू होना चाहिए। - राजेश सिंह, अध्यक्ष, व्यापार मंडल, बरेका दुकानों के किराये में लगभग 50% की कमी हुई लेकिन अभी कई दुकानदारों को कम किराये का बिल नहीं मिला है। - योगिता तिवारी, सचिव, व्यापार मंडल बरेका जलाली पट्टी में लगभग 500 दुकानों की सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा है। यहां आये दिन चोरी, छिनैती की घटनाएं होती हैं। - रमेश सिंह, कोषाध्यक्ष, व्यापार मंडल बरेका लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू हो। दुकानदारों के मन में व्यापार खत्म होने का भय है। - अखिलेश पाठक, महामंत्री, व्यापार मंडल बरेका सब्जी मंडी में ड्रेनेज की व्यवस्था न होने से बारिश के दिनों में दुकानदारों और ग्राहकों को बहुत परेशानी होती है। - मदन साहू, सह सचिव, व्यापार मंडल बरेका त्योहारों पर पटरी की अस्थायी दुकानों के लिए अनुमति की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए। - रविशंकर गुप्ता, उपाध्यक्ष, व्यापार मंडल बरेका 8. मार्केट में प्रति दिन महिला ग्राहकों की भीड़ होती है। उनके साथ आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। - राजनारायण सिंह, उपाध्यक्ष, व्यापार मंडल बरेका 9. सेंट्रल मार्केट सहित पक्की दुकानों में घटे दर से किराये का बिल अभी नहीं मिला है। देरी से व्यापारियों पर बोझ पड़ेगा। - रितेश सिंह, सेंट्रल मार्केट 10. सेंट्रल मार्केट में शौचालय बने। मैदान में सफाई न होने से बीमारियों का खतरा रहता है। - अतुल अग्रवाल, सेंट्रल मार्केट ईस्ट मार्केट में बारिश के दौरान जलजमाव हो जाता है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। - शुभम अग्रवाल, ईस्ट मार्केट शौचालय में मरम्मत के नाम पर छह माह से ताला बंद है। इससे बहुत समस्या होती है। - सुमन, गुमटी मार्केट गुमटी मार्केट के सुरक्षा कार्यालय में ताला बंद है। इससे अराजक तत्वों की आवाजाही बढ़ गई है। - रामायण यादव, व्यापार मंडल बरेका सुझाव 1- सुरक्षा के लिए जलाली पट्टी में फिर से सुरक्षा कार्यालय खोला जाए। ताकि यहां आपराधिक घटनाओं पर रोक लगे। सभी सुरक्षित महसूस करें। 2- दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण शुरू किया जाए ताकि दुकानदारों की समस्याओं का समाधान हो। इससे उनका भय भी खत्म होगा। 3- मार्केट के पास पिंक बूथ बनाने के लिए बरेका प्रशासन जगह उपलब्ध कराए। इससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। 4- स्वच्छता के लिए प्रतिदिन कूड़े का उठान हो। साथ ही झाड़ू भी लगवाई जाए। मवेशियों के झुंड पर रोक लगे। 5- सब्डी मंडी और ईस्ट मार्केट में जल निकासी की व्यवस्था हो। इससे दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों को राहत मिलेगी। आवागमन में सहूलियत होगी। शिकायतें 1- बरेका प्रशासन की ओर से सुरक्षा कार्यालय बंद कर दिया गया। यहां कैमरों से निगरानी होती थी। अब सुरक्षा का अभाव रहता है। 2- मार्केट की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होने से दुकानदार परेशान हैं। उन्हें आजीविका पर खतरा लग रहा है। 3- पिंक बूथ बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर तैयार हुए लेकिन बरेका प्रशासन की ओर से जगह उपलब्ध नहीं कराई गई। 4- मवेशियों के झुंड और गंदगी से दुकानदार एवं ग्राहक परेशान हैं। दुकानों के सामने गंदगी रहती है। 5- सब्डी मंडी और ईस्ट मार्केट में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों पानी लग जाता है।
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