Hindi NewsUttar-pradesh NewsVaranasi NewsCollaboration between Kashi and Tamil Experts at BHU for Education Innovation and Research

स्टार्टअप, एडटेक और नवाचार पर रखे नए विचार

Varanasi News - काशी तमिल संगमम के अंतिम अकादमिक सत्र में बीएचयू में काशी और तमिल विशेषज्ञों ने साझा पहल की आवश्यकता पर चर्चा की। कार्यक्रम में शिक्षा, नवाचार, स्टार्टअप और शोध पर विचार विमर्श हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 25 Feb 2025 03:51 AM
share Share
Follow Us on
स्टार्टअप, एडटेक और नवाचार पर रखे नए विचार

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी तमिल संगमम के अंतिम अकादमिक सत्र में सोमवार को बीएचयू में काशी और तमिल विशेषज्ञों ने साझा पहल की जरूरत पर मशविरा किया। स्टार्टअप, एडटेक, नवाचार और शोध पर अपने यहां इस्तेमाल में लाए जा रहे तरीकों पर भी विशेषज्ञों ने चर्चा की। इस कार्यक्रम का संचालन आईआईटी बीएचयू की डॉ. गौरी बालाचंदर ने किया। उन्होंने भारत के उभरते हुए शोध पारिस्थितिकी तंत्र, नवाचार-संचालित पहलों और शिक्षा पर सरकारी नीतियों के प्रभाव पर विचार प्रकट किये। बीएचयू के प्रबंध संस्थान की डॉ. दीपिका कौर ने भारत सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयासों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि भारत 15 लाख से अधिक स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों के व्यापक नेटवर्क के साथ विश्व की सबसे बड़ी और विविध शैक्षिक व्यवस्थाओं में से एक है। बीएचयू के प्रबंध संस्थान के प्रो. राजकिरण ने अटल इनक्यूबेशन सेंटर और महामना फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड इंटरप्रेन्योरशिप की यात्रा पर चर्चा की। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव एसके बरनवाल ने शोध और नीति-निर्देशित शिक्षा सुधारों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभाव पर हुए बताया कि यह भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने में सहायक साबित हो रही है। उन्होंने 50 हजार करोड़ रुपये के आवंटन वाले राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना के बारे में चर्चा की, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम के दौरान शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने भी महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के डॉ. पन्नीर सेल्वम पेरुमैयन ने आईसीएआरसी में विकसित अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में बताने के साथ-साथ कृषि अनुसंधान में हुई प्रगति पर भी अपनी बात रखी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. धनंजय सिंह ने कृषि अर्थव्यवस्था में सब्जी उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। बीएचयू के भौतिकी विभाग के शोधार्थी कैलाश वर्मा, आईआईटी बीएचयू के सिरेमिक इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीतम सिंह ने भी चर्चा की। कार्यक्रम का समापन प्रो. शन्मुग सुंदरम के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें