विकसित भारत को गति देने वाला है बजट: डॉ. सुधांशु
Varanasi News - भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा करते हुए कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प का प्रतिबिंब है। उन्होंने कुंभ मेले के...
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वाराणसी, हिटी। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प का प्रतिबिंब यह बजट है। वह रविवार को आयुक्त सभागार में आयोजित संगोष्ठी में विचार व्यक्त कर रहे थे। यह आयोजन भाजपा की ओर से किया गया था। डॉ. सुधांशु ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने स्वच्छता, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। कुछ ताकतें आज भी देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमें भरोसे के साथ बढ़ना है। भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और स्वर्णिम भविष्य हमारा इंतजार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते हैं कि कुंभ से अर्थव्यवस्था का क्या संबंध है तो मैं बताना चाहूंगा कि अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ का योगदान कुंभ का है। भारत की जीडीपी में अकेले एक प्रतिशत का योगदान कुंभ का है। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर बनने के बाद 2024 तक 11 करोड़ पर्यटक या तीर्थयात्री काशी आए। 2024 में अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिष्ठा के बाद साढ़े तेरह करोड़ पर्यटक या तीर्थयात्री वहां पहुंचे। जिसका सीधा लाभ अर्थव्यवस्था को मिला। इस दौरान भाजपा क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, नवीन कपूर एवं प्रवीण सिंह गौतम, संतोष सोलापुरकर, संजय सोनकर, सुरेश सिंह, शैलेन्द्र मिश्रा, पूजा दीक्षित, डॉ रचना अग्रवाल, मंजू सिंह आदि रहीं।
हिंदुत्ववादी सरकार सत्ता में आई तो विकास दर में वृद्धि
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि रक्षा बजट में 13-14 फीसदी की वृद्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम है। भारत डिजिटल लेनदेन में विश्व में अग्रणी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कर ढांचे को सरल बनाया है। 1970-80 के दशक में भारत की विकास दर मात्र 2 फीसदी थी, जिसका ‘हिंदू ग्रोथ रेट कहकर उपहास किया जाता था। 1992 में राम मंदिर आंदोलन के साथ ही नेहरूवादी समाजवाद का अंत हुआ। जब हिंदुत्ववादी सरकार सत्ता में आई तो विकास दर में वृद्धि हुई और महंगाई नियंत्रित हुई।
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