बौद्ध जातक कथाएं पढ़ाती हैं प्रबंधन का पाठ
Varanasi News - वाराणसी में आयोजित एक व्याख्यान में डॉ. जसबीर सिंह चावला ने बताया कि बौद्ध जातक कथाएं व्यक्तिगत और सामाजिक चुनौतियों के प्रबंधन में सहायक होती हैं। उन्होंने बताया कि ये कहानियां नैतिक शिक्षा और सही...
वाराणसी, मुख्य संवाददाता। बौद्ध जातक कथाएं सामाजिक और व्यक्तिगत चुनौतियों के प्रबंधन पर व्यावहारिक पाठ पढ़ाती हैं। इसमें व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक कल्याण का प्रबंधन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निर्णय लेना शामिल है।
यह बातें डॉ. जसबीर सिंह चावला ने रविवार को पालि और बौद्ध अध्ययन विभाग, बीएचयू द्वारा आयोजित ‘जातक कथाओं में प्रबंधन के तत्व पर व्याख्यान में कहीं। डॉ. चावला ने कहा कि न केवल समकालीन समाज में बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी विभिन्न चुनौतियां बढ़ रही हैं। ये सहनशीलता में कमी का कारण बनती हैं। जातक कथाओं से प्राप्त प्रबंधन सिद्धांत उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में सहायक होंगे। बौद्ध जातक कथाएं प्रतीकात्मक आख्यानों के माध्यम से नैतिक और नैतिक पाठों का एक आवश्यक स्रोत प्रदान करती हैं। ये कहानियां मानव व्यवहार, निर्णय लेने और शासन के बारे में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। डॉ. चावला ने यह भी विस्तार से बताया कि जातक कथाओं में दर्शाए गए सम्यक प्रबंधन के माध्यम से समकालीन चुनौतियों का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है। मध्यम मार्ग का अनुसरण किया जाना चाहिए जो सभी के लिए निष्पक्षता और लाभ सुनिश्चित करता है। नैतिक और नैतिक शिक्षा, विशेष रूप से बौद्ध शिक्षा प्रणाली को उच्च शिक्षा प्रणालियों यानी व्यवसाय प्रबंधन, आईआईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि आदि में कम से कम एक कोर्स में लागू किया जाना चाहिए ताकि व्यक्ति उचित प्रबंधन प्रणाली सीख सके जिससे हर एक समाज को लाभ होगा। स्वागत प्रो. लालजी एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बिमलेंद्र कुमार ने किया।
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