महाकुंभ में अयोध्या की तरह 'राम मंदिर' तैयार, दर्शन के लिए देना होगा शुल्क
- महाकुम्भ नगर में अयोध्या की तरह बन रहा राम मंदिर (प्रतिकृति) अब तैयार हो चुका है। बुधवार को इसमें रामलला की प्रतिमा स्थापित कर दी गई, रामलला की प्रतिमा भी बिल्कुल अयोध्या के मंदिर जैसी ही है।
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महाकुम्भ नगर में अयोध्या की तरह बन रहा राम मंदिर (प्रतिकृति) अब तैयार हो चुका है। बुधवार को इसमें रामलला की प्रतिमा स्थापित कर दी गई, रामलला की प्रतिमा भी बिल्कुल अयोध्या के मंदिर जैसी ही है। बुधवार रात जब इस मंदिर की लाइट जली तो उधर से गुजरने वाले इसे देखकर ठहर गए। बस क्या था, किसी ने इसका वीडियो और रील बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। देखते ही देखते वीडियो और रील वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर जो भी इसे देख रहा है वह चकित हो जा रहा है, क्योंकि इसे देखकर अयोध्या के मूल राम मंदिर और महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर एक (परेड मैदान) के पास बने इसके प्रतिकृति में अंतर कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है।
राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर स्थापित हुई प्रतिमा
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल 22 जनवरी को हुई थी। महाकुंभ में बनी इसकी प्रतिकृति में भी 22 जनवरी को प्रतिमा स्थापित करते हुए विधिवत पूजा की गई। उम्मीद थी कि मंदिर का द्वार बुधवार से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूजा के बाद भी मंदिर का द्वार बंद रहा। सुबह यह भी चर्चा थी कि प्रदेश कैबिनेट की बैठक में शामिल होने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आ सकते हैं। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर मंदिर में पूरी तैयारी भी की गई थी।
दर्शन के लिए देना होगा शुल्क
अयोध्या के मंदिर में दर्शन का कोई शुल्क नहीं है पर यहां मेला क्षेत्र में दर्शन के लिए शुल्क देना होगा। इसके लिए मंदिर परिसर में बकायदा काउंटर भी बनवाए गए हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि शुल्क कितना लगेगा। कहा जा रहा है कि शुल्क तय होने के बाद ही दर्शन के लिए मंदिर का द्वारा खोला जाएगा। मंदिर के निर्माण से जुड़ी एजेंसी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि टिकट का शुल्क न्यूनतम 50 रुपये हो सकता है।
मेला प्रशासन ने बनवायी है मंदिर की प्रतिकृति
राम मंदिर की यह प्रतिकृति प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से तैयार कराई गई है। पश्चिम बंगाल के दीघा के रहने वाले कलाकात चंदन जाना की अगुवाई में 70 से अधिक कागीगरों के अथक प्रयास से इसे बहुत ही कम समय में तैयार किया गया है क्योंकि ठंड की वजह से इसका काम प्रभावित हुआ था। इसमें लगा फाइबर कोलकता से लाया गया है। निर्माण पर लगभग 90 लाख रुपये खर्च हुए हैं। देखने में यह एकदम असली दिखता है।