Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Police Gandiva and Sudarshan app will crack down on criminals

अपराधियों पर नकेल कसेगा पुलिस का गांडीव और सुदर्शन ऐप, बस एक क्लिक में खुल जाएगी पूरी कुंडली

  • यूपी पुलिस अपराधियों पर पुलिस का गांडीव और सुदर्शन ऐप नकेल कसेगा। बस एक क्लिक में बदमाशों की पूरी कुंडली खुल जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसके लिए सभी जिलों के पुलिस मुखिया को एसओपी जारी कर दी है।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊ, विधि सिंहTue, 25 Feb 2025 09:26 AM
share Share
Follow Us on
अपराधियों पर नकेल कसेगा पुलिस का गांडीव और सुदर्शन ऐप, बस एक क्लिक में खुल जाएगी पूरी कुंडली

यूपी पुलिस अब अपराधियों पर ‘गांडीव’ और ‘सुदर्शन ऐप’ के जरिए नकेल कसेगी। गांडीव ऐप पर अपराधियों का पूरा ब्योरा रहेगा जबकि सुदर्शन ऐप के जरिए सोशल मीडिया पर नजर रहेगी। इन ऐप से ज्यादा संवेदनशील जानकारी पता करने के लिए पुलिस कमिश्नर अथवा एसपी के पास पासवर्ड रहेगा। कम संवेदनशील जानकारी पता करने के लिए डीसीपी अथवा एएसपी स्तर के अधिकारी अधिकृत किए गए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसके लिए सभी जिलों के पुलिस मुखिया को एसओपी जारी कर दी है।

आधार नंबर डालते ही मिलेगा पूरा सिजरा

डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस मुखिया को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है। इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बनाए जा रहे हैं। गांडीव ऐप पर अपराधियों का पूरा ब्योरा रहेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा डेटाबेस तैयार किया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब एक क्लिक पर अपराधी से जुड़ी सारी जानकारी कम्प्यूटर की स्क्रीन पर आ जाएगी। मसलन किसी भी अपराधी का आधार नम्बर अथवा पैन नम्बर डालते ही उसके बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्तियां, नाम पर कितने सिम, कितने खाते...यह सब ब्योरा भी मिल जाएगा। अभी तक पुलिस को अपराधी अथवा संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जानकारी के लिए अलग-अलग विभागों से सम्पर्क करना पड़ता था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इन दोनों ऐप को लांच किया है।

संवेदनशील जानकारी पुलिस कमिश्नर या एसपी को मिलेगी

गांडीव ऐप पर दो तरह की ज्यादा संवेदनशील और कम संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। ज्यादा संवेदनशील जानकारियां इस ऐप के जरिए सिर्फ एसपी अथवा पुलिस कमिश्नर ही पता कर सकेंगे। इनको ही इसका लागिंग व पासवर्ड पता रहेगा। कम संवेदनशील जानकारियां डीसीपी अथवा एएसपी स्तर के अधिकारी पता कर सकेंगे। इन्हें भी पासवर्ड एक्सेस मिलेगा। पिछले साल एसटीएफ व एटीएस ने आतंकियों का डाटा पता करने के लिए ऐसे ही ऐप का इस्तेमाल शुरू किया था।

ये भी पढ़ें:महाशिवरात्रि लेकर UP DGP ने पुलिस कमिश्नर-एसपी को दिए ये निर्देश

यूपी पुलिस अब अपराधियों पर ‘गांडीव’ और ‘सुदर्शन ऐप’ के जरिए नकेल कसेगी। गांडीव ऐप पर अपराधियों का पूरा ब्योरा रहेगा जबकि सुदर्शन ऐप के जरिए सोशल मीडिया पर नजर रहेगी। इन ऐप से ज्यादा संवेदनशील जानकारी पता करने के लिए पुलिस कमिश्नर अथवा एसपी के पास पासवर्ड रहेगा। कम संवेदनशील जानकारी पता करने के लिए डीसीपी अथवा एएसपी स्तर के अधिकारी अधिकृत किए गए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसके लिए सभी जिलों के पुलिस मुखिया को एसओपी जारी कर दी है।

आधार नंबर डालते ही मिलेगा पूरा सिजरा

डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस मुखिया को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है। इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बनाए जा रहे हैं। गांडीव ऐप पर अपराधियों का पूरा ब्योरा रहेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा डेटाबेस तैयार किया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब एक क्लिक पर अपराधी से जुड़ी सारी जानकारी कम्प्यूटर की स्क्रीन पर आ जाएगी। मसलन किसी भी अपराधी का आधार नम्बर अथवा पैन नम्बर डालते ही उसके बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्तियां, नाम पर कितने सिम, कितने खाते...यह सब ब्योरा भी मिल जाएगा। अभी तक पुलिस को अपराधी अथवा संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जानकारी के लिए अलग-अलग विभागों से सम्पर्क करना पड़ता था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इन दोनों ऐप को लांच किया है।

संवेदनशील जानकारी पुलिस कमिश्नर या एसपी को मिलेगी

गांडीव ऐप पर दो तरह की ज्यादा संवेदनशील और कम संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। ज्यादा संवेदनशील जानकारियां इस ऐप के जरिए सिर्फ एसपी अथवा पुलिस कमिश्नर ही पता कर सकेंगे। इनको ही इसका लागिंग व पासवर्ड पता रहेगा। कम संवेदनशील जानकारियां डीसीपी अथवा एएसपी स्तर के अधिकारी पता कर सकेंगे। इन्हें भी पासवर्ड एक्सेस मिलेगा। पिछले साल एसटीएफ व एटीएस ने आतंकियों का डाटा पता करने के लिए ऐसे ही ऐप का इस्तेमाल शुरू किया था।

|#+|

लखनऊ, आगरा, गोरखपुर व कानपुर में बने नोडल अधिकारी

गांडीव और सुदर्शन ऐप के लिए लखनऊ, आगरा, गोरखपुर और कानपुर में नोडल अधिकारी बनाए जा चुके है। अन्य जिलों में भी इसकी कवायद शुरू की जा चुकी है। इन एप के इस्तेमाल से अपराधियों की जरूरी जानकारी पता करने में काफी कम समय लगेगा। इस ऐप से अपराधियों की गाड़ियों की लोकेशन भी मुख्य स्थानों पर पता की जा सकेगी।

अफवाह फैलाने वालों का ब्योरा भी एक क्लिक पर

सुदर्शन एप को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, फर्जी सूचनाएं देने वालों पर सख्ती के लिए लांच किया गया है। इस ऐप के जरिए पुलिस को आसानी से पता चल जाएगा कि अफवाह सबसे पहले कहां पर फैलाई गई...कितने लोगों ने इसमें दिलचस्पी ली। साथ ही यह भी पता चलेगा कि धार्मिक उन्माद और लोगों को भड़काने की साजिश में कौन-कौन से नम्बर शामिल रहे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें