सहारनपुर के 530, मुजफ्फरनगर के 193 और शामली के 191 स्कूल निपुण विद्यालय घोषित
- सरकार ने सहारनपुर मंडल में कुल 914 बेसिक स्कूलों को निपुण विद्यालय घोषित कर दिया है।

निपुण विद्यालय, वह विद्यालय है, जहां बच्चों में पढ़ने, समझने और अंकगणित की दक्षता बढ़ाने के लिए खास तौर पर काम किया जाता है। निपुण भारत मिशन का मकसद बच्चों में संख्यात्मकता को बढ़ाना है। इसी योजना के अंतर्गत सहारनपुर मंडल में बच्चों की भाषाई दक्षता, जोड़कर पढ़ने और अंकों की पहचान के मूल्यांकन के आधार पर 914 बेसिक स्कूलों को निपुण विद्यालय घोषित किया गया है।
सहारनपुर मंडल में कुल 914 बेसिक स्कूलों को निपुण विद्यालय घोषित किया गया है, जिनमें सहारनपुर जिले के 530, मुजफ्फरनगर जिले के 193 और शामली जिले के 191 स्कूल शामिल हैं। यह घोषणा निपुण मूल्यांकन के आधार पर की गई है। इस मूल्यांकन में बच्चों की भाषाई दक्षता, जोड़कर पढ़ने की क्षमता और अंकों की पहचान की परख की गई।
निपुण विद्यालयों की चयन प्रक्रिया में दो चरणों में मूल्यांकन किया गया। पहले चरण का मूल्यांकन 16 से 28 दिसंबर, 2024 तक हुआ जबकि दूसरे चरण का मूल्यांकन इस मार्च में हुआ। मूल्यांकन के आधार पर जो स्कूल योग्य पाए गए, उन्हें निपुण विद्यालय का दर्जा दिया गया। निपुण विद्यालयों को सम्मानित करने के लिए शासन द्वारा प्रत्येक जिले को 50 हज़ार रुपये की राशि भेजी गई है।
क्या है निपुण विद्यालय
निपुण (समझ और अंकगणित के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल) एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चा समझ और अंकगणित के साथ पढ़ने में दक्षता हासिल करे। यह राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम 2020 (एनईपी) का हिस्सा है, जिसे राष्ट्र-प्रायोजित समग्र शिक्षा योजना के तहत शुरू किया गया है।
निपुण भारत मिशन के मुख्य उद्देश्य
1. बच्चों को पढ़ने, लिखने और गणित में बुनियादी कौशल सिखाना
2. शिक्षा की गुणवत्ता और समावेशिता को सुधारना
3. बच्चों को प्रेरित, स्वतंत्र और सक्षम पाठक और लेखक बनाना
4. बच्चों को संख्या, माप और आकृतियों के तर्क और समस्या समाधान में निपुण बनाना
5. हर बच्चे को ग्रेड 3 के अंत तक जरूरी साक्षरता और संख्या गणना कौशल हासिल कराना
6. शिक्षक क्षमता निर्माण करना
7. सभी हितधारकों को शिक्षा में शामिल करना
8. बच्चों के सीखने का आकलन करने के लिए विविध मूल्यांकन तकनीकों का इस्तेमाल करना