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बोले उन्नाव : कहने को माननीयों का वार्ड, सुविधाएं शून्य

Unnao News - वार्ड नंबर आठ, जहां कई जनप्रतिनिधियों का निवास है, जलभराव, टूटी सड़कें और खराब सफाई जैसी अनगिनत समस्याओं से जूझ रहा है। निवासियों ने प्रशासन की अनदेखी पर नाराजगी जताई है। जलनिकासी की व्यवस्था न होने से...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावSun, 27 April 2025 12:07 AM
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बोले उन्नाव : कहने को माननीयों का वार्ड, सुविधाएं शून्य

शहर के बीचोंबीच बसा वार्ड नंबर आठ अनगिनत समस्याओं से जूझ रहा है। यह हाल तब है, जब वार्ड में कई माननीयों का निवास है। जलभराव, टूटी नालियां, सड़क, पेयजल, सफाई की व्यवस्थाएं धड़ाम हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी से लोग परेशान हैं। पालिका प्रशासन बीते सालों की अपेक्षा व्यवस्थाएं बेहतर होने के लाख दावे करे, लेकिन हकीकत धरातल से कोसों दूर है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान यहां के बाशिंदों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि नगर पालिका कार्यालय से चंद कदम दूर स्थित वार्ड की हालत दिनोंदिन बदतर होती चली जा रही है। अधिकारियों को वार्ड की बेहतरी के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि राहत मिल सके। कृष्णा नगर, बाबूगंज के बाशिंदे एक-दो नहीं बल्कि अनगिनत समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस संबंध में कई बार अधिकारियों को समस्याओं से अवगत भी कराया जा चुका है। इसके बावजूद किसी ने समस्याओं के निस्तारण के लिए सुध नहीं ली। यह हाल तब है, जब इस वार्ड में कई जनप्रतिनिधियों का निवास है। मोहल्ले के विकास और सत्यम बताते हैं कि यहां सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी की है। नालियां ध्वस्त होने से जरा सी बारिश में पानी सड़क पर भर जाता है। इससे मोहल्ले टापू नजर आने लगते हैं। स्कूली बच्चे और पैदल जाने वाले लोग इसी पानी के बीच से होकर गुजरने को मजबूर होते हैं। बारिश के अलावा अन्य दिनों में भी नाली टूटी होने से सड़क पर जलभराव बना रहता है।

सचिन और हर्ष का कहना है कि वार्ड में बच्चों के खेलने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां जो इक्का-दुक्का पार्क बने थे, उन पर भी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। वहीं, पार्क में झूले, स्लाइड जैसी चीजें नदारद हो चुकी हैं। इस कारण बच्चे पार्क जाने का रुख नहीं करते हैं। राकेश और पंकज ने बताया कि वार्ड में अधिकांश सीसी रोड क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। खड़ंजों के हाल भी बदहाल हैं। जगह-जगह खड़ंजा उखड़ने से बुजुर्ग और बच्चे गिरकर चुटहिल हो जाते हैं। रही-सही कसर अमृत योजना के तहत गड्ढे खोदकर पूरी कर दी गई है। जगह-जगह हुए गड्ढों से वाहन चालक हादसे का शिकार होते हैं। शिव बालक और रमेश का कहना है कि मोहल्ले में पेयजल का संकट हमेशा बना रहता है। वार्ड में लगे अधिकांश सरकारी हैंडपंप खराब हो चुके हैं। कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से इनकी मरम्मत कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। इसके बावजूद अब तक किसी हैंडपंप की मरम्मत नहीं हो सकी है। इस कारण गर्मियों में वार्डवासियों को पेयजल की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा।

रात में अराजकतत्वों का जमावड़ा

पालिका प्रशासन ने वार्ड में स्ट्रीट पोलों पर लाइटें लगवाई थीं। देखरेख के अभाव में इनमें अधिकांश खराब हो गई हैं। कई मोहल्ले तो ऐसे हैं, जिनमें एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। ऐसे में रात होते ही इन मोहल्लों में अराजकतत्व जमा हो जाते हैं। इससे लोग रात होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। कई बार पुलिस अधिकारियों से इन अराजकतत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की जा चुकी है, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। इससे अराजकतत्वों के हौसले बुलंद हैं।

सालभर में 10 माह भरा रहता गंदा पानी

बाबूगंज में सदर विधायक पंकज गुप्ता, शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल समेत कई प्रतिनिधियों का आवास भी है। इसके बाद भी यहां के लोग भीषण जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। नई बस्तियों में कहीं सड़क नहीं बनी है तो कहीं पर अमृत योजना के तहत खुदाई होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राजाराम बगिया स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के सामने साल में लगभग 10 माह नालियों का गंदा पानी भरा रहता है। ऐसे में दिक्कतें खत्म कराना जनप्रतिनिधियों के लिए भी चुनौती साबित हो रही है।

कचरे का ढेर बना वार्ड की पहचान

बाबूगंज बस्ती में कई इलाके ऐसे हैं, जिनमें कई जगह जलनिकासी की व्यवस्था न होने से कचरे का जमाव रहता है। जलभराव का आलम यह है कि हर दूसरी या तीसरी सड़क बारिश के पानी से लबालब रहती है। बाशिंदों का कहना है कि पीतांबर नगर में हाईवे का नाला सड़क से ऊंचाई पर बना है। इस कारण अंदर की बस्ती में जलभराव की समस्या बनी है। इसका टेक्निकल परीक्षण कब होगा, अफसर कब ध्यान देंगे, यह बड़ा सवाल है। इसको लेकर कई बार लोग लिखित में शिकायत भी कर चुके हैं, फिर भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे लोगों में रोष भी पनप रहा है। कहने को तो हम लोग शहर में रहते हैं, लेकिन सुविधाएं बिल्कुल न के बराबर हैं। जबकि, जनप्रतिनिधि में इसी मोहल्ले में रहते हैं। फिर भी नागरिकों की समस्याएं दूर नहीं की जा रही हैं।

सुझाव

1. खस्ताहाल सड़कों के निर्माण की दरकार है। जर्जर होने से आवागमन में असुविधा होती है।

2. खंभों में लगी अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब हो गई हैं। इससे अंधेरे में अराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।

3. सफाई कर्मियों को नियमित ड्यूटी करने के आदेश हैं। सफाई कर्मी अधिकांश समय मौके से नदारद रहते हैं।

4. पालिका प्रशासन द्वारा लगाए गए अधिकांश हैंडपंप खराब हैं। इससे पेयजल संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

5. जलनिकासी की व्यवस्था न होने से अक्सर जलभराव होता है। इससे संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ा है।

शिकायतें

1. गलियों पर अवैध अतिक्रमण कर लिया गया है। इससे सफाई नहीं हो पाती है। इन्हें हटवाया जाए।

2. अमृत योजना ने वार्ड की सड़कें खराब कर दी हैं। इससे हादसों का खतरा बना हुआ है।

3. सफाई कर्मी कचरा निस्तारित करने के बजाय उसे जला देते हैं। इससे सांस के मरीजों को परेशानी होती है।

4. कचरा गाड़ी कुछ मुख्य जगहों तक ही पहुंचती है। इससे लोग कचरा प्लाटों में फेक रहे हैं।

5. 70 फीसदी इंडियामार्का सही नहीं है। अमृत-पीएनजी की पाइपलाइन भी नहीं डाली गई।

6. खाली प्लाटों में जमा कचरा उड़कर नालियों में जाता है और उन्हें चोक कर देता है।

बोले बाशिंदे

वार्ड की सफाई ठीक ढंग से नहीं होती है। जरा सी बारिश में मोहल्ला टापू बन जाता है। नगर पालिका प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है। - बाबी

सबसे बड़ी समस्या जलभराव है। बारिश के समय दोनों नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं। इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं देता है। -राजकुमारी पाल

विकास के नाम पर पालिका प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है। दावे लाख किए जाते हैं , लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं है। -मुनिशा विमल

प्रमुख मार्गों को छोड़कर वार्ड के अधिकांश मार्ग जर्जर हो गए हैं। लंबे समय से मांग के बावजूद इनकी मरम्मत नहीं हो रही है। -रेखा

वार्ड में कूड़ा उठान नियमित नहीं होता है। सफाई कर्मी कम ही आते हैं। इससे मोहल्ले में जगह-जगह कचरा जमा रहता है। - ऊषा

बोले जिम्मेदार

नालों के मुहाने दुरुस्त हो रहे हैं

कृष्णा नगर मुहल्ला पुराने शहर का हिस्सा है। कई सड़कें बनाई गई हैं। ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए नालों के मुहाने दुरुस्त किए जा रहे हैं। स्ट्रीट लाइट की समस्या पूरे शहर में है। इस समस्या के खात्मे के लिए प्रयासरत हैं। सफाई कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर भी जांच पड़ताल की जाएगी। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -एसके गौतम, ईओ नगर पालिका, उन्नाव

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