बोले उन्नाव : मार्ग प्रशस्त करने वाले खुद दुश्वारियों से पस्त
Unnao News - अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और प्रशासनिक उदासीनता के कारण उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। शिक्षकों ने अपनी पीड़ा साझा की और कहा कि उन्हें हर...
अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के कामों को लेकर संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है। वह समय से वेतन और निश्चित समयावधि में दूसरे कामों को पूरा कराने के लिए भी भटक रहे हैं। आयकर विवरणी के अनुसार, 26 एएस को हर माह अपडेट करने, फार्म-16 समय से न मिल पाने का दर्द भी सुनाते घूम रहे हैं। उन्हें मलाल इस बात का भी है कि कभी-कभी बच्चों का पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं करा पाते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर मौजूद शिक्षकों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से अपनी पीड़ा साझा की। जिले में अशासकीय सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट स्तर के 58 और हाईस्कूल स्तर के सात स्कूल संचालित हैं। इनमें करीब 1200 शिक्षक तैनात हैं। करीब 30 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक पूरी जिम्मेदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुविधाओं का ख्याल कोई नहीं कर रहा है। जब उनकी समस्याओं के निराकरण की बात आती है तो उन्हें बाहरी शख्स समझ कर भटकने को मजबूर किया जाता है। काम करने के लिए उन्हें सुविधा शुल्क तक चुकाना पड़ता है। जरा सा इतराए तो काम के लिए महीनों से लेकर वर्षों तक भटका दिया जाता है। इन दिक्कतों का जब दुखड़ा वह सुनाते हैं तो सीट पर बैठे जिम्मेदार आश्वासन की घुट्टी देकर या फिर अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर बाहर का रास्ता दिखा देते हैं।
शिक्षक चन्द्र प्रकाश शुक्ला छुन्ना कहते हैं कि शिक्षक के वेतन से प्रत्येक माह आयकर की कटौती की जाती है। आयकर विवरणी के अनुसार, विभाग 26 एएस को प्रत्येक माह अपडेट नहीं करवा पाता है। इस कारण आयकर विभाग से हर तिमाही अपडेशन नहीं हो पाता है। आपा-धापी में सभी माह की कटौती को एक साथ अपडेट करने की वजह से शिक्षकों का आधा-अधूरा 26 एएस अपडेट नहीं हो पाता है। इस कारण अनावश्यक ही आयकर विभाग से डिमांड नोटिस मिलती है। जिला विद्यालय निरीक्षक की शिथिलता का परिणाम शिक्षकों को भुगतान पड़ता है।
प्रत्येक माह एक तारीख को वेतन का भुगतान नहीं :
शिक्षक रमेश चन्द्र गुप्ता का कहना है कि एनपीएस से अच्छादित शिक्षकों का राज्यांश 14 फीसदी उनके खाते में समय से हस्तांतरित नहीं की जाती है। जबकि, शिक्षकों का अंश वेतन के साथ ही कटौती करके जमा किया जाता है। हमारा मानना है कि शिक्षकों के अंश वेतन कटौती के साथ ही 14 फीसदी राज्यांश को भी उसी समय खाते में हस्तांतरित करने की व्यवस्था की जाए। शिक्षक रमाशंकर का कहना है कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रतिमाह वेतन भुगतान के लिए सरकार द्वारा तीन-तीन महीने में ही ग्रांट एंडवास में दी जाती है। फिर भी जिला विद्यालय निरीक्षक की उदासीनता के कारण प्रत्येक माह की एक तारीख को वेतन भुगतान नहीं किया जाता है। जबकि, शासन का स्पष्ट आदेश है कि शिक्षकों को हर माह की एक तारीख को वेतन दिया जाए।
समस्याओं के हल के लिए ज्ञापन लिए घूम रहे
शिक्षक रमाशंकर मिश्रा मुन्ना ने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में शिक्षक की समस्याओं के प्रति उदासीनता का बोलबाला है, जोकि कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को दर्शाता है। शासन-प्रशासन इस पर कड़े निर्णय लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करें। कहा कि कार्यालय में शिक्षकों की समस्याओं की अनदेखी की जाती है। हम अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए धरने दे रहे हैं और ज्ञापन लिए घूम रहे हैं। मगर, कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
62 साल में सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी मिले ग्रेच्युटी
योगेश मिश्रा ने कहा कि शिक्षक 62 और कर्मचारी 60 साल तक सेवाएं देते हैं। कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें ग्रेच्युटी दी जाती है। मगर जो शिक्षक दो साल सेवाएं अधिक देता है, उसे ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दिया जाता है। इस तरह के नियम में बदलाव होना जरूरी है ताकि शिक्षक भी ग्रेच्युटी लाभ के हकदार बन सकें। ग्रेच्युटी कर्मचारियों के लिए आर्थिक तौर पर एक बड़ा सहारा होता है। इसलिए शिक्षकों को भी इसे देने पर विचार करना चाहिए।
जर्जर इमारतों को संवारा जाए
शिक्षक अनूप शुक्ला ने कहा कि जिले में 60 से 70 साल से संचालित अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। इसमें पढ़ाने वाले शिक्षक और पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी पर हर वक्त खतरा बना रहता है। इन्हें सुधारने के लिए शासन ने प्रोजेक्ट अलंकार योजना के तहत कायाकल्प करने के आदेश दिए हैं। कायाकल्प की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दी है, उनका मानक सामान्य मानक से कहीं अधिक है। इसमें सुधार किया जाए।
समस्याओं की फाइलें फांक रही हैं धूल
शिक्षक हरिहर प्रसाद दीक्षित ने कहा कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक के आदेश के बाद भी शिक्षकों के समय से काम नहीं किए जा रहे हैं। जबकि, सिटीजन चार्टर के तहत डीआईओएस को एरियर, चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, पदोन्नति, वेतन जैसे सभी कामों को पूरा करने के लिए एक निश्चित समयावधि तय है। पालन न होने के कारण शिक्षकों की समस्याओं की फाइलें कई-कई महीने बिना निस्तारण के धूल फांकती हैं। शिक्षकों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं होता है। इस पर अफसरों को ध्यान देना चाहिए।
सुझाव
1. एनपीएस से अच्छादित शिक्षकों के मूल अंश के साथ 14 फीसदी राज्यांश को भी उसी समय खाते में भेजा जाए।
2. विद्यालय के कायाकल्प के लिए 25 फीसदी स्कूल से ली जाने वाली धनराशि की बाध्यता खत्म की जाए।
3. प्रयोगात्मक परीक्षा को लेकर नए आदेश आ जाते हैं। मानक के अनुसार ही छात्रों के हित में सामान्य नियम बनाए जाएं।
4. अपार आईडी बनाने में आ रही तकनीकी खामियों को किया जाए दूर। रात-दिन मेहनत के बाद भी काम नहीं हो पा रहा है।
5. शिक्षकों की पदोन्नति एक अर्से से अवरूद्ध है। पूर्व की भांति पदोन्नति गतिशील की जाए।
6. सिटीजन चार्टर का पालन कराकर निश्चित समयावधि के अंतर्गत समस्याओं का निराकरण किया जाए।
शिकायतें
1. कई बार ज्ञापन देने के बाद भी समस्याओं के निराकरण पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती है।
2. आयकर विवरणी के अनुसार फार्म-16 डीआईओएस की ओर से उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
3. शासन के सख्त आदेश के बाद भी फार्म-16 देने के लिए दो से तीन सौ रुपये की वसूली की जा रही है।
4. एडेड के शिक्षकों की पदोन्नति एक अर्से से अवरूद्ध है, जिसे पूरा कराने के लिए विचार नहीं किया जा रहा है।
5. शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा बीएलओ, निर्वाचन, मतगणना, जनगणना आदि के काम लिए जाते हैं।
6. एरियर, चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, पदोन्नति, वेतन जैसे कामों में सिटीजन चार्टर का पालन नहीं हो रहा है।
बोले शिक्षक
शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम न लिए जाए। इससे अध्यापन कार्य प्रभावित होता है। कभी-कभी बच्चों का कोर्स भी पूरा नहीं हो पाता है। -योगेश मिश्रा
अपार आईडी बनाने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। इन्हें दूर किया जाए। आधार और यू डाइस के तालमेल न होने से परेशानी हो रही है। - योगेश दीक्षित
प्रतिमाह वेतन भुगतान के लिए तीन-तीन महीनें में ग्रांट एंडवास में दिया जाता है। डीआईओएस की उदासीनता से एक तारीख को वेतन नहीं मिलता है। - रामशंकर
वेतन, एरियर, प्रोन्नति वेतनमान जैसे कामों में सिटीजन चार्टर का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे समयावधि में काम पूरे नहीं हो पा
रहे हैं। - शिरीष
प्रयोगात्मक परीक्षा में नए आदेश आ जाते हैं। इससे ऊहापेाह की स्थिति बनी रहती है। छात्रों के हित में व्यवहारिक सामान्य नियम बनाए जाएं। -आत्मप्रकाश
बोले-जिम्मेदार
हरसंभव लड़ाई लड़ेंगे
शिक्षकों की समस्याओं पर धरना भी दिया जा चुका है। डीआईओएस स्तर से 10 से 12 दिन का समय मांगा गया है। अगर इसके बाद भी तय समयावधि पर समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है तो आंदोलन किया जाएगा। सदन में इस पर सवाल खड़े किए जाएंगे। शिक्षक हित की बात हैं। हर संभव लड़ाई लड़ी जाएगी।
- राबहादुर सिंह चंदेल, शिक्षक विधायक
शिक्षकों की हर समस्याओं का निराकरण कराया जा रहा है। समय से वेतन दिलाने के साथ एरियर, चयन वेतनमान, प्रोन्नति वेतनमान जैसे सभी कामों को पूरा कराया जा रहा है। शिकायतों के समाधान के लिए कैंप भी तहसील वार लगवाए जा रहे हैं। - एसपी सिंह, डीआईओएस उन्नाव
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