Hindi NewsUttar-pradesh NewsUnnao NewsStruggles of Electronic Traders in India Rising Costs and Online Competition

बोले उन्नाव : पार्किंग की सुविधा हो, जाम से मिले निजात...तो बने बात

Unnao News - इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों को कोरोना के बाद से व्यापार में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ते जीएसटी, मालभाड़े और चाइनीज उत्पादों की मांग ने बाजार को प्रभावित किया है। व्यापारियों ने सरकारी नियमों...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावThu, 20 Feb 2025 01:21 AM
share Share
Follow Us on
बोले उन्नाव : पार्किंग की सुविधा हो, जाम से मिले निजात...तो बने बात

रोशनी की चमक हर किसी को अच्छी लगती है। रोशनी का कारोबार करने वाले व्यवसायी उतार-चढ़ाव से जूझ रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाइयों की खुशियां कोरोना के बाद से वापस नहीं लौट पाईं। बेहतर बाजार, सरकारी योजनाओं से अलग, जीएसटी और मालभाड़े के बढ़ते दाम के अलावा चाइनीज आइटमों की मांग ने बाजार चौपट कर दिया। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एक सुर में कहा कि कानपुर-लखनऊ की तरह इलेक्ट्रॉनिक बाजार उन्नाव में भी बनना चाहिए। धंधे के लिए सरकारी दुकान अलॉट होनी चाहिए। इसके अलावा छोटे-बड़े चौराहे पर जाम से निजात और पार्किंग की सुविधा मिल जाए तो कारोबार चमक उठे। हमारी ही नहीं काम करने वाले कर्मचारियों की भी रोजी-रोटी इस कारोबार से जुड़ी है। तसल्ली से कारोबार करने के लिए टैक्स, बिजली बिल आदि समय पर देते हैं। लेकिन, उसके एवज में जरूरी सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। व्यवसाइयों की जगमगाहट पर किसी का ध्यान नहीं है। वह परेशान हैं। प्रतिस्पर्धा और ऑनलाइन के दौर में अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। बड़े चौराहे पर इलेक्ट्रॉनिक का 30 वर्षों से व्यवसाय करने वाले मोहन कहते हैं कि कोरोना ने व्यापार को इस कदर तोड़ा कि फिर लौट नहीं पाया। महंगाई के बढ़ते दौर में प्रतिस्पर्धा ने भी व्यापार को अब सहज नहीं रखा है।

आलम कहते हैं कि अब पहले जैसा व्यापार करना आसान नहीं है। शहर की बात करें तो यहां समस्याओं की भरमार है। अधिकतर बड़ी दुकानें छोटे और बड़े चौराहे पर स्थापित हैं। सड़क पर पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में गाड़ियां सड़क पर खड़ी होती हैं तो यातायात कर्मी हम दुकानदारों पर अपना रौब दिखाते हैं। मालभाड़ा की महंगाई का छोड़िए, शहर में नो एंट्री, एंट्री का कोई समय सीमा तक तय नहीं हैं। हम दुकानदार यातायात नियमों से इतने तंग आ चुके हैं कि अब रिक्शा और लोडर वाले भी हमारी नहीं सुनते हैं। वह किसी भी भाड़े को शहर के रास्ते कहीं ले जाने को तैयार नहीं होते हैं। कहते हैं कि यातायात कर्मी उन्हें भाड़ा लादकर लाने के लिए मना करते हैं। इन नियमों पर भी सुधार आवश्यक है।

प्रशासनिक नियमों ने दुकानदारों की बढ़ाई परेशानी

इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को सरकारी नियमों का पालन करने के कारण व्यवसाय करने में परेशानी हो रही है। सरकारी नियमों का पालन करने के लिए उन्हें अधिक प्रशासनिक कार्यों को पूरा करना पड़ रहा है। बिजली विभाग से भी वह अजिज आ चुके हैं। बढ़े बिल से तंग व्यापारी आयुष, सिद्धू कहते हैं कि अब प्रशासनिक नियम बड़े कड़े हैं। बिजली, श्रम और जीएसटी समेत कई विभाग की कार्यशैली परेशान कर रही है। इधर, ऑनलाइन शॉपिंग की चुनौती भी सामने खड़ी है। दुकानदारों को ऑनलाइन शॉपिंग की चुनौती के कारण अपने व्यवसाय में परेशानी हो रही है। ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव के कारण ऑफलाइन दुकानों की बिक्री प्रभावित हो रही है।

अपनी मनमर्जी से भारी वाहनों का आवागमन कर रहे बंद

असल में, शहर में इलेक्ट्रॉनिक दुकानों की बड़ी बाजार बड़े और छोटे चौराहे पर है। यहां लाइन से आधा सैकड़ा दुकानें हैं। रोजाना 50 लाख से अधिक का व्यवसाय सिर्फ इन्हीं दुकानों से होता है। व्यापारी दिनेश, कुंवारे का कहना है कि शहर में ट्रैफिक का कोई नियम नहीं हैं। यातायात कर्मी जब चाहते हैं तभी आवागमन बंद कर देते हैं। इससे व्यापार प्राभवित होता है। असल में ग्राहक का सामान घर भिजवाने के लिए नियम रिक्शा चालकों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। वह शहरी इलाकों में जाने से कतराते हैं। इससे व्यापार पर प्रभाव पड़ना तय है।

जाम से व्यापार चौपट, अधिकारी सुनते नहीं

व्यापारियों को आए दिन जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। दुकानदार कहते हैं कि छोटे से शहर में इलेक्ट्रॉनिक बाजार बनी है। यहां सड़क किनारे दुकानें हैं। जाम लगने पर समस्या गंभीर हो जाती है। यातायात कर्मी व्यापारियों को ही दोषी ठहराते हैं। जाम इस कदर लगता कि कई किलोमीटर लंबी लाइन नजर आती है। इस ओर आला अफसर और जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे व्यापारियों में रोष है।

कंपनी के नाम पर ठगी कर ऑनलाइन साइट्स लगा रही चूना

इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों के सामने समस्याओं का भरमार है। वह कहते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग ने उनके व्यापार को खत्म सा कर दिया है। इधर, ठगी पर भी कोई लगाम नहीं लग पा रही है। व्यवसायी वीरू का कहना है कि बड़ी कंपनियां के नाम में संशोधन कर ऑनलाइन काम करने वाली कई कंपनियां ठगी कर रही हैं। वह लोकल माल को बड़ी कंपनियों के नाम से जोड़कर बिक्री कर रही हैं। इससे ग्राहकों को नुकसान होने के साथ-साथ व्यापार भी चौपट हो रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि छोटे दुकानदारों का भी रोजगार चल सके।

सुझाव

1. ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि छोटे कारोबारियों का धंधा चल सके।

2. पालिका की ओर से पानी, बिजली, नियमित आदि मूलभूत सुविधाएं दुकानदारों को मुहैया कराई जानी चाहिए।

3. पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। दोनों के दाम में कमी आए तो कारोबार में रौनक आ सकती है।

4. सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के पालन में कारोबारियों को थोड़ी छूट देनी चाहिए।

5. इलेक्ट्रिानिक कंपनियों से उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ने के साथ ही वारंटी भी बढ़ाई जाए ताकि ग्राहक आकर्षित हो सकें।

शिकायतें

1. डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने से मालभाड़ा बढ़ता जा रहा है। इस कारण उपकरणों पर मुनाफा कम हो गया है।

2. ऑनलाइन शॉपिंग ने कारोबार को चौपट कर रखा है।

3. सभी टैक्स की अदायगी करने के बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

4. सरकारी नियमों के बोझ के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है। शासन की ओर से इलेक्ट्रिानिक कारोबारों को छूट मिलने पर ही कारोबार बढ़ सकता है।

5. व्यापारियों के मालवाहक वाहन नो एंट्री के समय आने नहीं दिए जाते हैं।

बोले दुकानदार

बाजार में दिनोंदिन नए उपकरण लांच हो रहे हैं। अपडेट रहने की जरूरत हैं। स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। - जय शिव

ऑनलाइन खरीदारी ने कारोबार चौपट कर रखा है। इसका विकल्प मिले तभी रोजगार चल सकता है। - अन्नू अवस्थी

ग्राहकों का रुझान नए उपकरण की ओर अधिक रहता है। इस कारण पहले से स्टॉक माल की बिक्री प्रभावित हो जाती है। - राजेश

सभी तरह के टैक्स देने के बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। कर्मी सफाई तक नहीं करते हैं। - पवन चौरसिया

पानी, बिजली, सफाई आदि की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। स्ट्रीट लाइटें ठीक कराई जाएं। - सोनू गुप्ता

सरकारी नियमों का पालन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धंधा भी प्रभावित हो रहा है। - शिवम

बोले जिम्मेदार

बिल की समस्या का समाधान कराएंगे

बिजली विभाग व्यापारियों का सहयोगी है। गर्मी, सर्दी हर दिन उनके व्यापार को सहज बनाने के लिए आपूर्ति चालू रखने पर काम करते हैं। अगर गलत बिल की कोई शिकायत है तो वह उपखंड कार्यालय में सम्पर्क करें, तत्काल निराकरण कराया जाएगा। अन्य समस्याएं भी व्यापारी बेझिझक बता सकते हैं। - हेमेंद्र सिंह, एक्सईन- प्रथम (बिजली निगम)

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें