छोटे अपराधों और महिला छेड़खानी को भी गंभीरता से लें, यूपी के डीजीपी ने अफसरों को बताईं प्राथमिकताएं
यूपी के नए पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। डीजीपी ने प्राथमिकताएं बताईं। छोटे से छोटे अपराध पर पैनी नजर रखने, महिला छेड़खानी को भी गंभीरता से लेने और जन शिकायतों के निस्तारण से पुलिस अधिकारियों का मूल्यांकन किया जाना शामिल है।

यूपी की कानून-व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने और स्मार्ट पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए नए पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करने और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए बैठक में 10 मार्गदर्शक तय किए। जिसमें छोटे से छोटे अपराध पर पैनी नजर रखने, महिला छेड़खानी को भी गंभीरता से लेने और जन शिकायतों के निस्तारण से पुलिस अधिकारियों का मूल्यांकन किया जाना शामिल है। डीजीपी ने अफसरों को प्रथमिकताएं बताईं। वहीं यूपी को पुलिसिंग में एआई का प्रयोग करने वाला पहला राज्य बनाया जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि छोटे से छोटे अपराध को भी अत्यंत गंभीरता से लिया जाए। पुलिस अधिकारी छोटे से छोटे अपराध को गंभीरता से लें और अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएं। उन्हें दृष्टिकोण, नजरिए और दृढ़ आत्मविश्वास के साथ काम करना होगा। पुलिसिंग में अधिकारियों का हार्ट ऑफ सोल की जरूरत है। सभी जिलों में पुलिस अधिकारी 10 टॉप अपराधियों की सूची बनाएं और जिले का जो लक्ष्य है उसका निर्धारण स्वयं करें। पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार में महिलाओं के अंदर एक सुरक्षा का वातावरण पूरे प्रदेश में देखने को मिला है। अब इसमें और व्यापक सुधार कर महिला सुरक्षा के वातावरण को और सशक्त बनाना है। जिसके लिए महिला छेड़खानी को भी अत्यंत गंभीरता से लेना होगा। तीसरा जन शिकायतों का प्रभावी ढंग से निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवेदक अपनी समस्या लेकर पुलिस मुख्यालय व अन्य कार्यालयों के चक्कर न लगाएं। पुलिस अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन जन शिकायतों के निस्तारण के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि चौथी प्राथमिकता कानून-व्यवस्था एवं बंदोबस्त की है। अधिकारियों को छोटी से छोटी अभिसूचना को गंभीरता से लेना होगा। दूरदर्शितापूर्ण आकस्मिक योजना, सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार करने के साथ नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना होगा। पांचवी प्राथमिकता साइबर क्राइम पर प्रभावी अंकुश लगाने की होगी। इसे पुलिसिंग का अभिन्न अंग बनाना होगा। ई कॉमर्स बढ़ने से साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है। ऐसे में एक वर्ष में साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ाई में यूपी को पहले नंबर पर लाने का लक्ष्य रखा जाए। छठी प्राथमिकता पुलिस सेवाओं की है। यूपी कॉप एप कई सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। अधिकारी समय-समय पर इसकी डमी चेकिंग करें और एप में क्या नया जोड़ा जा सकता है इस पर अपने सुझाव दें। सातवीं प्राथमिकता पुलिस कल्याण की है। जिसमें आईजी जोन को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक जवान के अंदर यह भावना रहे कि मुसीबत पड़ने पर पुलिस विभाग मजबूती से उनके साथ है।

आठवीं प्राथमिकता प्रतिभा व विशेषज्ञता की है। ऐसे में अब पुलिस कर्मियों के टैलेंट, क्वालिटी और दक्षता की मैपिंग होगी। अभी 60 हजार आरक्षी भर्ती हुए हैं, जिसमें से तमाम का मानसिक स्तर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं पास करने का है। ऐसे में इनकी प्रतिभा का भरपूर उपयोग लिया जाएगा। नौवीं प्राथमिकता प्रौद्योगिकी व एआई के प्रयोग की है। देश में यूपी पहला राज्य होगा जो कि पुलिसिंग में एआई का प्रयोग करेगा। डीजीपी ने कहा कि 10वीं प्राथमिकता भी उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है जो कि संगठन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रशिक्षण दिए जाने काे लेकर है। उन्होंने कहा कि हर पुलिस अधिकारी को शिकायतकर्ता के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनके लिए हमेशा उपलब्ध होना चाहिए और शिकायतों का त्वरित निस्तारण करना चाहिए।
आगरा जोन में चलाए गए ऑपरेशन पहचान को सराहा
डीजीपी ने कहा कि आगरा जोन में छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ऑपरेशन पहचान चलाया गया। सॉफ्टवेयर के जरिए छेड़खानी करने वाले युवकों के डाटा का विश्लेषण किया गया। जिसमें पाया गया कि कुछ लड़के बार-बार महिला स्कूल व कॉलेजों के आसपास घूम-घूमकर छींटाकशी करते थे। उन पर अंकुश लगाया गया। ऐसे ही हर जोन में काम किया जाए। ऐसे में महिला सुरक्षा के लिए ब्रोकन विंडो थ्योरी लागू करनी होगी।