Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Supreme Court ban on construction of ropeway in Varanasi order on petition of three women

वाराणसी में रोपवे के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, तीन महिलाओं की याचिका पर आदेश

वाराणसी में रोपवे के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। तीन महिलाओं की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए अप्रैल की डेट दी है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानSun, 23 Feb 2025 05:20 PM
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वाराणसी में रोपवे के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, तीन महिलाओं की याचिका पर आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में बन रहे रोपवे के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने यह आदेश तीन महिलाओं की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया कि उनकी जमीन अधिग्रहण किए बगैर ही रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और संजय करोल की पीठ ने इस मामले में सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद संबंधित प्राधिकार को रोपवे के निर्माण को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। दूसरे शब्दों में निर्माण कार्य जिस स्थिति में है, उसी स्थिति में रहे और आगे कोई निर्माण न हो। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही, मामले में नोटिस जारी कर संबंधित पक्षकारों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। पीठ ने मामले की सुनवाई अप्रैल 2025 तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता रोहित अमित स्थालेकर के जरिए दाखिल मनसा सिंह सहित तीन महिलाओं की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर यह अंतरिम आदेश पारित किया। दरअसल, अपीलकर्ताओं ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि संबंधित प्राधिकरण ने उनकी फ्री होल्ड संपत्ति में अवैध रूप से तोड़फोड़ की। इसके साथ ही कहा कि न तो अपीलकर्ता की जमीन का अधिग्रहण किया गया और न ही किसी तरह का मुआवजा दिया गया, बावजूद इसके रोपवे के निर्माण कार्य उनकी संपत्ति पर शुरू कर दिया।

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हाईकोर्ट ने रोक लगाने से कर दिया था इनकार

इस मामले में हाईकोर्ट ने किसी तरह का अंतरिम आदेश या कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। किसी तरह का अंतरिम राहत नहीं मिलने के बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। अपील पर विचार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ नोटिस जारी किया बल्कि यथास्थिति बनाए रखने का भी आदेश दिया।

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देश का अपनी तरह का इकलौता प्रोजेक्ट

वाराणसी में बन रहा रोपवे देश का अपने तरह का इकलौता प्रोजेक्ट है। रोपवे के रूप में अर्बन ट्रांसपोर्ट की यह शुरुआत है। अभी तक देश में कहीं भी सार्वजनिक परिवहन के लिए रोपवे का इस्तेमाल नहीं होता है। यह बनारस से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है। इसके पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। दूसरे चरण के तहत जल्द ही गोदौलिया स्टेशन का निर्माण शुरू होना है। वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर और प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट के पास गोदौलिया तक रोपवे लेकर जाएगा। इसके एलाइनमेंट का ट्रायल चल रहा था। माना जा रहा था कि अप्रैल-मई से यात्री इस पर सफर करना शुरू कर देंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरुआत में देरी तय है।

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रोपवे पर यह होगी व्यवस्था

रोपवे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी के देखरेख में किया जा रहा है। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक 4 किलोमीटर लंबा मार्ग लोग 16 मिनट में तय कर लेंगे। इसके लिए पांच स्टेशन और 29 टावर लगाए जा रहे हैं। इसमें कुल 150 केबल कारें संचालित होंगी। इसमें एक केबल कार में 10 पैसेंजर सवार होंगे और 1 घंटे में दोनों साइड से 600 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा। इस तरह 6000 यात्री एक घंटे में सफर तय कर सेंकेगे। इससे लोगों को रोपने में बैठने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अभी आटो से इस 4 किलोमीटर के सफर को तय करने में 40 से 45 मिनट लगता है।

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