भू माफियों की हिम्मत तो देखिए, सरकार की जमीन पर प्लॉटिंग कर बेच दिया
लखनऊ के चिनहट के निकट 28 बीघा जमीन पर कब्जा कर भू माफियाओं ने प्लॉटिंग कर बेच दी। यह जमीन राज्य सरकार को निहित की जानी थी। राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से यह कीमती जमीन सरकार के हाथों से निकल गई। एक...
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लखनऊ के चिनहट के निकट 28 बीघा जमीन पर कब्जा कर भू माफियाओं ने प्लॉटिंग कर बेच दी। यह जमीन राज्य सरकार को निहित की जानी थी। राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से यह कीमती जमीन सरकार के हाथों से निकल गई। एक शिकायत मिलने के बाद शासन स्तर से पूछताछ हुई। इसके बाद जिलाधिकारी ने जांच कमेटी गठित की है। मंगलवार से इस मामले की जांच शुरू होगी।
सदर तहसील में आने वाले चिनहट के धावा गांव में यह जमीन है। इस तरफ डीएम सर्किल रेट ही कृषि योग्य जमीन का 36 लाख रुपए बीघा है। आवासीय दर 500 रुपए प्रति वर्ग मीटर चल रही है। बाजार मूल्य एक करोड़ बीघा और अवासीय दर 1200 रुपए प्रति वर्ग मीटर चल रही है। डीएम अभिषेक प्रकाश ने राजस्वकर्मियों के मिलीभगत की शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाए जाने बाद अलग अलग तहसीलों से कर्मचारियों को लेकर जांच टीम बनाई है। इसमें एसडीएम मोहनलालगंज शुभी काकन, तहसीलदार बीकेटी आनन्द तिवारी, राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला और लेखपाल सारांश सिंह को रखा गया है। शिकायत के अनुसार गाटा संख्या 331 और 331 स में शामिल 28 बीघा जमीन जो कि राज्य सरकार के पक्ष में निहित होने जा रही थी उस पर भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर बेच दिया है।
समेसी में 100 करोड़ के जमीन घोटाले की जांच ठंडी पड़ी
दूसरी तरफ समेसी में 100 करोड़ से अधिक कीमत की जमीनों के घोटाले की जांच ठंडी पड़ गई है। इस मामले की जांच पहले एडीएम स्तर के अधिकारी को सौंपी गई थी। अब प्रशासन यह कह कर पीछे हट गया है कि पुलिस में पूर्व लेखपाल के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है। पुलिस विवेचना कर रही है। ऐसे में राजस्व विभाग की ओर से जांच का औचित्य नहीं। ईओडब्ल्यू से जांच कराने पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ है।