Hindi NewsUttar-pradesh NewsSiddhart-nagar NewsOpposition Leader Raises Concerns Over Madhav Prasad Tripathi Medical College s Management

दवाओं पर नहीं, सामान खरीदी की कमीशनखोरी पर प्रिंसिपल का ध्यान

Siddhart-nagar News - चित्र परिचयकहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल का ध्यान दवाओं पर नहीं है और न ही अस्पताल चलाने पर है, बल्कि सामान खरीदने व कमीशनखोरी पर है। तंज कसते हुए

Newswrap हिन्दुस्तान, सिद्धार्थSat, 22 Feb 2025 02:49 AM
share Share
Follow Us on
दवाओं पर नहीं, सामान खरीदी की कमीशनखोरी पर प्रिंसिपल का ध्यान

सिद्धार्थनगर, हिटी। विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज को लेकर सवाल खड़े किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल का ध्यान दवाओं पर नहीं है और न ही अस्पताल चलाने पर है, बल्कि सामान खरीदने व कमीशनखोरी पर है। तंज कसते हुए कहा कि हमारे जनपद में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हुआ है। वहां की हालत यह है कि प्रिंसिपल गुजरात से आए हैं। सूबे में कोई प्रिंसिपल नहीं मिला तो गुजरात से लाकर रख दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष द्वारा सात फरवरी को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचने पर दिखे हालात का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बैठते ही नहीं हैं। अपना अनुभव बताते हुए कहा कि एक दिन सिर में दर्द होने पर जिला अस्पताल गये। पर्चा बनवाकर लंबी लाइन लगी थी तो पीछे खड़े हो गये। दर्द बढ़ने पर बाएं से घूम कर आगे गए तो देखा कि वार्ड ब्वॉय बैठा है, कंपाउडर भी नहीं। वही मरीजों को दवा लिख रहा है। जब पूछा कि डॉक्टर साहब कब आएंगे तो उसने बताया कि वह चले गए हैं। कहां चले गए हैं पूछने पर बताया कि अब वह चले गए, नहीं आएंगे। फिर मैंने पूछा कि कौने देखा तो ुसने कहा कि अब आप ही सोचें। इसके बाद प्रिंसिपल के पास गया तो पता चला कि साहब वह मेडिकल कॉलेज में नहीं हैं, बल्कि घर में बैठे हैं। फिर डीएम को फोन किया तो प्रिसिंपल ने मुझे फोन कर बताया कि डॉक्टर बाथरूम गए थे। मंैने कहा कि बाथरूम गए थे तो बताना चाहिए। मतलब मेडिकल कॉलेज में कोई डॉक्टर पूरे समय बैठता नहीं है। दोपहर 12- एक बजे के बाद अपने क्लीनिक पर चले जाते हैं।

ऑपरेशन ठप, कांट्रेक्ट पर लाएं चिकित्सक

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रिंसिपल ने बताया है कि बेहोशी का कोई चिकित्सक नहीं है। इसके चलते सर्जरी नहीं हो पा रहा है। उस पर मंत्री जी ध्यान दें। एक डॉक्टर तैनात कर दें, न हो तो कांट्रेक्ट पर तैनात कर दें, ताकि ऑपरेशन होता रहे।

जर्जर बिल्डिंग को गिराने हेतु कराएं कांट्रेक्ट

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 1977 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उनके क्षेत्र में स्वीकृत हुआ है। उस समय प्रदेश में दो केंद्र स्वीकृत हुआ था। वर्तमान में बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है, लेकिन बिल्डिंग को गिराने का इतना पैसा आ गया है कि कोई कांट्रेक्ट नहीं ले रहा है। ऐसे में वह पड़ा है। पूर्व में चिट्ठी भी लिखा था। बिल्डिंग का मूल्यांकन करा लें, ताकि कांट्रेक्टर गिरा दे और नया बिल्डिंग बन जाए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें