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बोले शाहजहांपुर: फार्मासिस्ट चाहते हैं कैशलेस इलाज की सुविधा

Shahjahnpur News - शाहजहांपुर में फार्मासिस्टों ने अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाई है। वे ग्रेड पे, दवाएं प्रबंधित करने का अधिकार और पदों की कमी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। फार्मासिस्टों का कहना है कि उन्हें उचित...

Newswrap हिन्दुस्तान, शाहजहांपुरTue, 25 Feb 2025 02:32 AM
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बोले शाहजहांपुर: फार्मासिस्ट चाहते हैं कैशलेस इलाज की सुविधा

डॉक्टर के बाद सबसे महत्वपूर्ण फार्मासिस्ट ही होते हैं। डाक्टर मरीज का इलाज करते हैं। फार्मासिस्ट दवाओें का प्रबंधन करते हैं। अस्पतालों का ताला खोलने से लेकर बंद करने की जिम्मेदारी भी इन फार्मासिस्ट पर है। इन फार्मासिस्टों की तमाम समस्याएं हैं, जिसके निस्तारण के लिए यह वर्षों से संघर्षशील हैं। ग्रेड पे, पद नाम, अधिक कार्य, दवा लिखने का अधिकार न मिलना, प्रभार भत्ता न बढ़ना आदि इनकी प्रमुख समस्याएं हैं। मेडिकल कालेज से लेकर सीएचसी और पीएचसी तक जिम्मेदारी उठाने वाले फार्मासिस्ट खुद अपने विभाग और अधिकारियों से मिल रहे दर्द से कराह रहे हैं। इन लोगों को सीएचसी और पीएचसी तक खुद ही दवाएं ले जानी पड़ती है। कई जगहों पर ताला खोलने से बंद करने का काम फार्मासिस्ट को ही करना पड़ता है। इन समस्याओं को लेकर जिले के फार्मासिस्ट व्यथित हैं। उनका कहना है कि हम लोग अस्पतालों में दवा बांटने के साथ ही कई अन्य काम कर रहे है, लेकिन हमको न तो जरूरी सुविधाएं मिल पा रही हैं और न ही समस्याओं का हल हो पा रहा है। चीफ फार्मासिस्ट सुभाष कन्नौजिया बताते है कि फार्मासिस्ट के पद खाली पड़े, वह नहीं भरे जा रहे हैं। जनपद में एक प्रभारी फार्मेसी अधिकारी का पद रिक्त है। कुल मिलाकर जो सबके दर्द की दवा बांट रहे है, उनका दर्द कोई सुनने को तैयार नहीं है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के मंडलीय अध्यक्ष डॉ अजय कुमार नागर का कहना है कि सभी फार्मासिस्ट अस्पतालों में दवा देने के साथ साथ और भी काम करते हैं, लेकिन उनके बारे सोचने और उनसे बात करने का समय न तो सीएमओ के पास है न ही जिले के किसी अन्य अधिकारी के पास। उनसे काम सभी कराए जाते हैं। बहुत से कामों का रुपया भी सरकार भेजती है, लेकिन वह उन तक नहीं पहुंच पाता है। डा. नागर ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था सरकारी कर्मचारियों के लिए फिर बहाल की जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष सिंह भदौरिया बताते हैं कि उनकी स्थानीय समस्याओं को भी सुनने को कोई स्थानीय चिकित्सा अधिकारी तैयार नहीं है। यहां तक चिकित्सा अधीक्षक सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक फार्मासिस्ट या उनके संगठन से बात नहीं करते है। वह अपनी समस्याओं को किससे कहें। आशीष भदौरिया ने कहा, चिकित्सा अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संगठन के पदाधिकारियों के साथ हर माह एक बैठक की जानी चाहिए, जिससे उनकी स्थानीय समस्याओं का समाधान हो सके।

सुझाव:

- रोग कल्याण समिति में फार्मासिस्टों को भी सदस्य बनाना चाहिए

- पीएचसी केंद्र पर दवाओं के रखरखाव को एसी रूम होना चाहिए

- सीएचसी और पीएचसी पर ड्रग हाउस से दवा पहुंचनाने की व्यवस्था हो

- सीएमओ को हर माह फार्मासिस्ट संगठन के साथ बैठक करनी चाहिए

- फार्मासिस्टों से उनके काम के अलावा और काम न कराया जाए।

शिकायत:

- फार्मासिस्ट एसोसिएशन को कार्यालय के लिए स्थान नहीं दिया जा रहा है

- फार्मासिस्ट को मांग किए जाने के बाद भी दीनदयाल उपाध्याय कैशलैस कार्ड नहीं मिला

- फार्मासिस्टों के पटल से संबंधित बिलों का अधिकारी भुगतान नहीं कर रहे हैं।

- पुवायां स्थित ड्रग वेयर हाउस से फार्मासिस्टों को खुद ही दवाएं लेने जाना पड़ता है।

- महानगर बने कई साल हो गए, लेकिन अब तक एचआरए नगर पालिका वाला ही मिल रहा

होनी चाहिए मुफ्त इलाज की सुविधा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेश कार्ड योजना का लाभ दिए जाने की मांग फार्मासिस्ट लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन अब तक इनकी इस बहुत ही महत्वपूर्ण मांग पर सरकार ने विचार तक नहीं किया है। फार्मासिस्ट कहते हैं कि अगर योजना के तहत कार्ड बनाया जाए तो उन्हें अपने व अपने परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए परेशानियों का सामना न करना पड़े। फार्मासिस्टों ने कहा कि समस्त फार्मासिस्टों के 70 वर्ष के हो चुके माता-पिता का आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए तहसील स्तर पर कैम्प लगवाए जाएं।

एक कार्यालय तक नहीं है हमारे पास

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन शाहजहांपुर की ओर से से विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाता है, लेकिन इसके लिए किसी आफिस में खाली स्थान की तलाश करनी पड़ती है। इन्हें एक कार्यालय तक उपलब्ध नहीं है। जबकि संगठन की ओर से सीएमओ से कई बार ज्ञापन देकर मांग की गई कि एक कमरा उपलब्ध करा दिया जाए, जहां कार्यालय बनाया जा सके।

बिलों का समय पर नहीं होता भुगतान

फार्मासिस्टों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के फार्मेसिस्टों के पटल से सम्बंधित कार्यों के बिलों का भुगतान समय से नहीं किया जाता है। सबसे अधिक विलम्ब फार्मासिस्टों द्वारा सीएमएसडी शाहजहांपुर एवं ड्रग वेयर हाउस पुवायां से लाने वाली दवाइयों, सर्जिकल सामान, कन्टीजेन्सी, स्टेशनरी इत्यादि सामान को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाने का ट्रान्सर्पोटेशन बिल पास होने में लगता है।

फार्मासिस्टों की संख्या कम, काम ज्यादा

शाहजहांपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर फार्मासिस्टों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष कार्यरत फार्मासिस्टों की संख्या बहुत कम है। इसके बाद भी चिकित्सा अधीक्षकों ने अन्य कई पटलों से सम्बंधित जिम्मेदारी भी दे दी हैं। इन जिम्मेदारियों को निभाने के कारण फार्मासिस्टों पर कार्यभार बहुत अधिक हो गया है। उनकी मांग है कि फार्मासिस्टों की संख्या सीएचसी एवं पीएचसी पर बढ़ाई जाने चाहिए। फार्मासिस्टों ने बताया कि जिले में 92 फार्मासिस्ट होने चाहिए, लेकिन 70 की ही नियुक्ति है।

फार्मासिस्ट को मिले एक चपरासी

फार्मासिस्टों ने बताया कि पटल सम्बंधित व अन्य कार्यों से सम्बंधित सहायता के लिये एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रदान किये जाने की आवश्यकता है, जिससे दवाईयों इत्यादि सामान का सुव्यवस्थित ढंग से रख-रखाव करने में मदद मिल सके। शासन ने इस ओर से भी आंखें मूंद रखी हैं। चपरासी वाला काम भी फार्मासिस्टों को करना पड़ जाता है।

सीनियर फार्मासिस्ट को मिले चीफ का काम

फार्मासिस्ट का जिले में एक प्रभारी फार्मेसी अधिकारी का पद रिक्त है। मांग उठाई गई कि जब तक महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें लखनऊ द्वारा किसी चीफ फार्मासिस्ट की नियुक्ति उपरोक्त पद पर नहीं की जाती है, तब तक के लिये उपरोक्त पद की सेवाए देने के लिये जनपद पर कार्यरत किसी भी सीनियर चीफ फार्मासिस्ट को अतिरिक्त कार्यभार दे दिया जाए। इससे कार्य में सुगमता होगी।

बनाया जाए नया जिला अस्पताल

उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार जनपद शाहजहांपुर के जिला चिकित्सालय की चल-अचल सम्पत्ति स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शाहजहांपुर में विलय की जा चुकी है, पर अभी तक नवीन जिला चिकित्सालय के नव निर्माण की घोषणा शासन द्वारा नहीं की गयी है। अतः इस सम्बन्ध में जो भी उचित व आवश्यक कार्यवाही हो वो तत्काल होनी चाहिए। फार्मासिस्टों के प्रारंभिक सर्विस के दो वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त होने वाले स्थायीकरण समय से नहीं किये जाते हैं।

मेरी आवाज सुनो:

सभी फार्मासिस्ट अस्पतालों में दवा देने के साथ-साथ अन्य काम करते है, लेकिन उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। पुरानी पेंशन व्यवस्था सरकारी कर्मचारियों के लिए फिर बहाल की जाए। महानिदेशालय द्वारा प्रेषित प्रस्ताव के अनुसार फार्मेसिस्ट का पदनाम फार्मेसी अधिकारी एवं चीफ फार्मेसिस्ट का पद नाम चीफ फार्मेसी अधिकारी किया जाये। विशेष कार्याधिकारी फार्मेसी का पद नाम बदल कर सहायक निदेशक फार्मेसी किया जाये।

-डा. अजय कुमार नागर, मंडलीय अध्यक्ष, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन

एलोपैथिक चिकित्सकों की अनुपस्थिति में फार्मासिस्टों को प्रदान किया जाने वाला प्रभार भत्ता 75 रुपये के स्थान पर 750 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जाए। -सुभाष कनौजिया

फार्मेसी की शिक्षा देखते हुए फार्मासिस्टों को प्राथमिक उपचार के साथ कुछ सीमित औषधियों का नुस्खा लिखने का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए। -निर्मल सैनी

फार्मासिस्ट के पद सृजन के मानक में संशोधन कर पीएचसी पर दो तथा सीएचसी पर तीन फार्मासिस्ट एवं दो चीफ फार्मासिस्ट के पदों का मानक बनाया जाए। -मोहम्मद मुजाहिद

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व से चीफ फार्मेसिस्ट के पद का सृजन है, परन्तु वर्तमान में नये सीएचसी में चीफ फार्मासिस्ट के पदों का सृजन किया जाये। -अकील

100 बेड के चिकित्सालयों में फार्मासिस्ट, चीफ फार्मासिस्ट के पदों के लिए पूर्व में बने मानक के अनुसार ही अधिक बेड के चिकित्सालयों का मानक बनाया जाए। - शिवपाल सिंह कनौजिया

प्रत्येक ट्रामा सेन्टर में फार्मासिस्ट के तीन पद एवं चीफ फार्मासिस्ट के दो पदों का मानक बनाकर पद सृजित किये जाए, ताकि कार्य करना सुलभ हो सके। -दिवाकर अवस्थी

औषधि अधिनियम के अनुसार ड्रग के अन्तर्गत परिभाषित समस्त औषधि, औषधि सामग्री, सर्जिकल ड्रेसिंग व उपकरणों आदि के भण्डारों का कार्य फार्मासिस्ट, चीफ फार्मेसिस्ट से लिया जाये। -रिजवान अली खान

जिला चिकित्सालयों, महिला चिकित्सालयों को मेडिकल कालेज में परिवर्तित करने के पश्चात वहां से कार्यमुक्त किये जा रहे प्रभारी अधिकारी फार्मेसी, चीफ फार्मेसिस्टों, फार्मासिस्टों को पद सहित कार्यमुक्त किया जाए। -मोहम्मद फहीम

विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे डॉटस, मानसिक रोग क्लीनिक, एनसीडी आदि में दवाओं का वितरण एवं रख-रखाव फार्मासिस्ट संवर्ग द्वारा कराया जाए। -जुबैर उल हसन

विभिन्न कार्यक्रमों में औषधि के वितरण एवं रख-रखाव अप्रशिक्षित कर्मियों द्वारा किया जा रहा है, जो कि नियम विरूद्ध है, यह कार्य फार्मासिस्ट द्वारा होना -अब्दुल रसीद

दवाओं का वितरण एवं रख-रखाव केवल फार्मासिस्ट द्वारा ही किया जाना चाहिए, जैसा कि फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा (42) फार्मेसी पैरामीटर रेगुलेशन 2015 में दर्शाया गया है, उसका पालन हो। -सरोज कुमार

विभिन्न चिकित्सालयों में कार्यरत फार्मेसिस्टों को जनपदीय ड्रग वेयर हाउस, सीएमएसडी से औषधियों लाने को संबंधित अधिकारियों द्वारा वाहन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। - यशपाल सिंह

फार्मासिस्टों की पदोन्नति की प्रक्रिया में बदलाव किया जाए, अधिकारी वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियों भेजने में रूचि नहीं दिखाते है, जिस कारण जिनकी गोपनीय प्रविष्टियां नहीं आती हैं, उतने पदों पर पदोन्नति की प्रकिया सम्पन्न नहीं हो पाती हैं -विष्णु प्रताप शुक्ल

विगत दो वर्षों से वरिष्ठता सूची बनाने की प्रक्रिया महानिदेशालय में चल रही है। आश्चर्य का विषय है कि दो वर्षों में महानिदेशालय सम्बन्धित सूचना एकत्रित नहीं कर पाया। -मोहम्मद रियाज सिददक

महानिदेशालय स्तर पर फार्मेसिस्टों को समय से एसीपी प्रदान नहीं की जा रही है। पूर्व की भांति जनपद स्तर से फार्मासिस्ट संवर्ग की एसीपी के निर्धारण की व्यवस्था की जाए। -मोहम्मद अली

स्थानान्तरण सत्र में मानव सम्पदा पोर्टल से मेरिट के आधार पर स्थानान्तरण की प्रकिया को दरकिनार कर मनमाने तरीके से स्थानान्तरण किये जाते है, इसमें शासनादेश का अनुपालन नहीं किया जाता है। -लईक अहमद

वार्षिक वेतन वृद्धि, एसीपी, महंगाई भत्ते की एरियर राशि का भुगतान, जीपीएफ के भुगतान, सेवानिवृत्ति के पश्चात देयकों के भुगतान निर्धारित समय पर हो ऐसी व्यवस्था कराई जाए। -प्रमोद कनौजिया

पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेश कार्ड योजना के अंतर्गत कैंप लगवा कर सभी फार्मासिस्टों के कार्ड बनवाए जाए। जिससे उन्हें अपने और अपने परिवार के सदस्यों का आसानी से करा सके। -शैलेंद्र कुमार वर्मा

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