गर्मी से बढ़ने लगे डायरिया के मरीज,मरीजों की संख्या हुई दोगुना
Santkabir-nagar News - हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। अस्पतालों में उपचार कराने वाले मरीज उल्टी-दस्त से परेशान होकर अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। अस्पतालों में उपचार कराने वाले मरीज उल्टी-दस्त से परेशान होकर अस्पताल में पहुंच रहे हैं। शनिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में दो सौ से अधिक मरीजों को पेट दर्द व दस्त की परेशानी रही। सामान्य दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या सौ के आस-पास रहा करती थी। लेकिन अब गर्मी की रफ्तार बढ़ने के कारण अस्पताल में पहुंचने वाला हर तीसरा मरीज डायरिया से बीमार होकर पहुंच रहा है। यही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी है। इन उपचार केंद्रों पर पेटदर्द, दस्त व बुखार से परेशान मरीज आ रहे हैं। चिकित्सक मरीजों को ग्लूकोज व ओआरएस के घोल के साथ आवश्यक दवाएं दे रहे हैं। डाक्टर उपचार के साथ अब लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
अस्पताल में गर्मी के कारण मरीजों की ओपीडी तीन दिन के अंदर दो गुनी हो गई है। ऐसे मरीजों को एमडी मेडिसिन के अलावा, बच्चों के चिकित्सक उपचार कर रहे हैं। कुछ लोगों को बुखार के अलावा उल्टी, दस्त और सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। गंभीर मरीजों को इमरजेंसी के साथ वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। जिला अस्पताल के डाक्टर रमाशंकर सिंह ने कहा कि गर्मी के कारण दिन-रात का तापमान बढ़ रहा है। शरीर में पानी की कमी होने पर संक्रमण अधिक फैल रहा है। इस कारण मरीजों के प्लेटलेट्स भी घट रहा है। पहले से श्वास के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
मरीजों को ग्लूकोज चढ़ाने के साथ डिहाइड्रेशन के बचने की सलाह दे रहे हैं। लोगों को बाहर के सामानों को खाने से परहेज करने को कह रहे हैं। फिजिशियन डॉ कुमार सिद्धार्थ ने कहा कि गर्मी में शरीर से अधिक पसीना निकलने से पानी और लवण की कमी हो जाती है। जिससे डायरिया जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में पेय पदार्थ जैसे ओआरएस, जूस, छाछ, जलजीरा, लस्सी समेत अन्य तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। यदि हम सीएचसी खलीलाबाद की बात करें तो ओपीडी के दौरान दस मरीजों को वार्ड में भर्ती किया गया। ये सभी डायरिया से बीमार रहे। सभी को ग्लूकोज, ओआरएस समेत अन्य आवश्यक दवाएं दी जा रही है। सीएचसी खलीलाबाद के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ वरूणेश दूबे स्वयं मरीजों की ओपीडी कर रहे हैं। वहीं वार्ड में स्टाफ नर्स अंकिता व अश्विनी को आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं।
बचाव के उपाय
-शरीर में पानी की कमी न होने दें, पांच से सात लीटर पानी हर दिन पीएं।
- ओआरएस या शक्कर-नमक का घोल पीते रहें।
- दूषित पानी और कटे-फटे फल से परहेज करें।
- ताजा और सुपाच्य भोजन करें, बासी व मसालेदार चीजों से बचें।
- तेज धूप में बाहर न निकलें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, शरीर को पूरी तरह से ढके रहें।
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