Hindi NewsUttar-pradesh NewsSantkabir-nagar NewsIllegal Construction on Agricultural Land in Maghar-Khalilabad Authorities Ignoring Regulations

बसता जा रहा अनियोजित तरीके से शहर, बढ़ेंगी लोगों की दुश्वारियां

Santkabir-nagar News - हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। मगहर-खलीलाबाद विनियमित क्षेत्र में धड़ल्ले से कृषि भूमि में बिना नक्शे

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरMon, 24 Feb 2025 04:01 PM
share Share
Follow Us on
बसता जा रहा अनियोजित तरीके से शहर, बढ़ेंगी लोगों की दुश्वारियां

हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। मगहर-खलीलाबाद विनियमित क्षेत्र में धड़ल्ले से कृषि भूमि में बिना नक्शे के मकान बनते जा रहे हैं। विनियमित क्षेत्र कार्यालय के जिम्मेदार समय से ध्यान नहीं दे रहे है। सिर्फ नोटिस जारी कर चुप्पी साध ले रहे हैं। इसका खामियाजा यहां बस रहे लोगों को ही भुगतना पड़ेगा। सड़क जल निकासी ,बिजली,पेजयल जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ेगा। इस मामले में लोगों को खुद सचेत रहना चाहिए।

वर्ष 1987 में मगहर खलीलाबाद विनयमित क्षेत्र स्थापित हुआ। जिसमें मगहर टाउन एरिया, नगर पालिका खलीलाबाद के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में सरैया, गौरापार, मिश्रौलिया, पटखौली, मड़या, बंजरिया, नेदुला, सरौली, मैलानी,मोहिउद्दीनपुर,बेलविनया, डीघा, धौरहरा, कोईलभार, घनश्यामपुर, कस्बा मगहर, रसूलाबाद, काजीपुर,मोहम्मदपुर उर्फ काथर, रसूलपुर, बयारा,भैसहिया, मंझरिया, नेहिया खुर्द, अतरौलिया, कसैला, गौसपुर, गोरखल, बनियाबारी, मड़या, सादिकगंज,उस्का खुर्द, उस्का कला शामिल था। बाद में संशोधित सूची में बड़गों और खटौली को भी शामिल कर लिया गया। वर्ष 1997 में संतकबीरनगर नाम से जिले की घोषणा हुई और खलीलाबाद जनपद मुख्यालय बन गया। इधर तीन साल पहले नगर पालिका खलीलाबाद का सीमा विस्तार हुआ तो 16 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल हो गईं। नियमानुसार विनयमित क्षेत्र में कृषि भूमि में मकान का नक्शा पास नही होता है। जिले में कोई रजिस्टर्ड प्रापर्टी डीलर भी नहीं हैं,लेकिन कृषि भूमि की प्लाटिंग करके बेचा जा रहा है। भू स्वामी हो या फिर खरीदार, सब बिना नक्शा के मकान बनवा रहे हैं। स्थिति यह है कि विनयमित क्षेत्र में कोई ऐसी जगह नहीं है,जहां कृषि भूमि पर घर नहीं बन रहे हों। यहां तक अस्पताल और अन्य व्यावसायिक भवन भी बनवाएं गए हैं। आधा शहर ही अनियोजित तरीके से बस गया है। अभी इसका सिलसिला थमा नहीं है। इसकी वजह से इन जगहों पर घर बनवाने वाले लोगों को सड़क,नाली, खड़न्जा,बिजली,पेयजल आदि की समस्या से जूझना पड़ेगा।

------------------------------

दो तरह के होते है अवैध निर्माण

अवैध निर्माण में भी दो प्रकार है। किसी प्लाट पर भवन का स्वीकृत मानचित्र से अधिक निर्माण कर लिया गया है। वहीं बिना मानचित्र के भवन का निर्माण करा लिया गया है। इन दोनों मामलों में कार्रवाई करने में विनयमित क्षेत्र कार्यालय लापरवाही बरत रहा है।

-----------------------------------

फाइलों में दबा है अवैध मकानों के ध्वस्तीकरण का आदेश

विनियमित क्षेत्र कार्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक सरैया नवीन मंडी से लेकर मगहर दुर्गा मंदिर तक हाईवे के किनारे दोनों तरफ 110-110 फीट जमीन ग्रीन बेल्ट के नाम से दर्ज है। ग्रीन बेल्ट में मकान का नक्शा पास नहीं हो सकता,लेकिन भूमि स्वामी मकान,दुकान बनवा लिए हैं। कुछ लोगों ने जमीन खरीदकर निर्माण करा लिया है। वर्ष 2008-09 में आईएएस आलोक यादव की तैनाती एसडीएम सदर के रूप में थी। वे विनियमित क्षेत्र के नियत प्राधिकारी भी थे। उन्होने ग्रीन बेल्ट और विनयमित क्षेत्र की कृषि भूमि में मकान बनवाने के प्रकरणों में दर्ज वादों के निस्तारण में तेजी दिखाई थी। ऐसे 529 लोगों के मकानों के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था और करीब एक करोड़ का जुर्माना लगाया था। यह मामला भी अब तक दबा हुआ है।

-------------------------------

विनयिमित क्षेत्र कार्यालय में तैनात रहे जेई चंद्र प्रकाश चौधरी अस्वीकृत नक्शे को स्वीकृत कराने के लिए तथ्य छिपाकर पत्रावली प्रस्तुत कर देते थे। इस मामले में इनके खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है और उनका गैर जनपद तबादला भी हो चुका है। पूर्व में दर्ज वादों में जो आदेश हुआ है,उसमें संबंधितों को नोटिस जारी किया जा रहा है।

शैलेश दूबे,

एसडीएम सदर,नियत प्राधिकारी विनयमित क्षेत्र मगहर- खलीलाबाद

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें