बिजली निजीकरण के विरोध में निकाली बाइक रैली
Sambhal News - उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण के खिलाफ विशाल बाइक रैली निकाली। 02 से 07 मई तक लखनऊ में क्रमिक अनशन होगा। समिति ने संविदा कर्मियों को हटाने के आदेश को वापस...

उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरुवार को प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विशाल बाइक रैली निकाली गई। आंदोलन के अगले चरण के रूप में 02 मई से सात दिन तक राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन किया जाएगा। संघर्ष समिति ने मांग की है कि निजीकरण के उद्देश्य से विद्युत वितरण निगमों से संविदा कर्मियों को हटाने का आदेश तुरंत वापस लिया जाए। समिति का कहना है कि यह कदम अमानवीय और अनुचित है, खासकर उन संविदा कर्मियों के लिए जो अपंग भी हो चुके हैं और बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं।
संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है और कहा कि विद्युत क्षेत्र में निजीकरण का यह कदम 2018 और 2020 में हुए समझौतों का उल्लंघन है, जिनमें यह स्पष्ट था कि बिना बिजली कर्मियों की सहमति के कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। समिति ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि वे संघर्ष समिति से वार्ता करने के बजाय औद्योगिक अशांति को बढ़ावा दे रहे हैं। समिति 02 मई से 07 मई तक शक्ति भवन पर अनशन होगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के बिजली कर्मी क्रमिक रूप से शामिल होंगे। 03 मई को केस्को और कानपुर क्षेत्र के बिजली कर्मी, 04 मई को दक्षिणांचल, 05 मई को पूर्वांचल, 06 मई को परियोजनाओं के बिजली कर्मी, 07 मई को मध्यांचल और 08 मई को पश्चिमांचल के कर्मी अनशन में भाग लेंगे। इसके अलावा, लखनऊ में 03 मई को विशाल बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा, जो पहले उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम के कारण स्थगित कर दी गई थी। संघर्ष समिति का कहना है कि निजीकरण के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा, और वे सरकार से इस मुद्दे पर गंभीर विचार करने की मांग करते हैं।
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