स्टाफ नर्सों को सुविधाएं और सम्मान की दरकार, जिला अस्पताल में गायनी चिकित्सक की मांग
Sambhal News - नर्सिंग पेशा सेवा, समर्पण और करुणा का प्रतीक है। संभल जिला अस्पताल में नर्सें गायनी डॉक्टर की कमी और बेहतर सुविधाओं की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि स्थायी नौकरी और पेंशन का आश्वासन मिलने से वे...
नर्सिंग पेशा केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि सेवा, समर्पण और करुणा का अद्वितीय उदाहरण है। जब कोई मरीज अस्पताल के बिस्तर पर होता है, तो डॉक्टर की विशेषज्ञता जितनी जरूरी होती है, उतनी ही अहमियत नर्सों की देखभाल, उनके स्पर्श और धैर्य की भी होती है। नर्सें न केवल मरीजों का शारीरिक उपचार करती हैं, बल्कि मानसिक संबल भी प्रदान करती हैं। जनपद में अस्पतालों में तैनात ये नर्सें खुद कई तरह की समस्याओं का सामना कर रही हैं। संभल जिला अस्पताल की स्टाफ नर्सों से हुई बातचीत में सामने आया कि केजीएमयू और एसजीपीजीआई जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलनी चाहिए। ताकि वे बेहतर सेवाएं दे सकें। स्टाफ नर्सों ने अपनी मांगों में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने और स्थायी नियुक्तियों की भी प्रमुखता से बात रखी। उनका कहना है कि स्थायी नौकरी का आश्वासन मिलने से न केवल उनका मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वे और अधिक निष्ठा से मरीजों की सेवा कर सकेंगी। नर्सों ने बताया कि जिला अस्पताल में गायनी (स्त्री रोग विशेषज्ञ) चिकित्सक की तैनाती नहीं है। इस वजह से महिलाओं से संबंधित आपातकालीन मामलों में नर्सों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार मामूली जटिलताओं का भी सही समय पर इलाज न हो पाने के कारण मरीजों को समस्या हो जाती है। ऐसे में अगर गायनी चिकित्सक हो तो मामले को आसानी से हैंडल किया जा सकता है। नर्सों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द जिला अस्पताल में गायनी चिकित्सक की नियुक्ति की जाए, ताकि महिलाओं को तत्काल और उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
सेवा का सम्मान जरूरी
स्टाफ नर्सों ने कहा कि सेवा के इस पवित्र कार्य में उनका मनोबल बनाए रखने के लिए उन्हें सुरक्षा, सुविधाएं और स्थायी भविष्य का भरोसा मिलना अत्यंत आवश्यक है। तभी वे पूरी तन्मयता से समाज की सेवा कर सकेंगी और मरीजों के जीवन में उम्मीद की किरण बन सकेंगी। जिला अस्पताल में नर्सों ने बताया कि किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है।
जिला अस्पताल में गायनी डॉक्टर की अनुपस्थिति सबसे बड़ी समस्या है। प्रसूति से जुड़ी जटिलताओं में हमें काफी परेशानी होती है। अगर गायनी विशेषज्ञ की तैनाती हो जाए तो मरीजों को तुरंत सही इलाज मिल सकेगा।
-नीलम सिंह
महिला मरीजों के इलाज में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। गायनी डॉक्टर नहीं होने से कई बार हमें केस रेफर करना पड़ता है। जिससे मरीजों और उनके परिजनों को असुविधा होती है। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द गायनी विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएं।
- गीता
अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं। स्टाफ भी सहयोगी है, लेकिन गायनी डॉक्टर की कमी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। प्रसव के दौरान अगर कोई जटिलता आती है तो नर्सिंग स्टाफ पर अनावश्यक दबाव बढ़ जाता है।
-मीनाक्षी
स्टाफ नर्सों के लिए पेंशन व वेतन वृद्धि की जान चाहिए। जिससे की वह अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सकें। जबकि नर्स अस्पताल में पूरी मेहनत व ईमानदारी से कार्य करती हैं। नर्सों की सुविधाओं के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए।
-शिवानी गुप्ता
जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वाति रस्तोगी को अटेचमेंट किया गया था। कुंभ मेले में ड्यूटी गई थीं। उसके बाद वह नहीं आई है। जिसकी वजह से परेशानी हो रही है। मेरे द्वारा शासन को पत्राचार कर गायनी चिकित्सक की लगातार मांग की जा रही है।
-डॉ. राजेन्द्र सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल संभल
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।