धार्मिक यात्रा से लौट ही नहीं रहा रिटायर्ड असलहा बाबू, STF कर रही तलाश; जानें मामला
एसटीएफ की एक टीम पिछले कई दिनों से असलहा बाबू संजय कपूर के बारे में छानबीन कर रही है। एसटीएफ यह पता कर रही है कि संजय ने कितना पैसा कमाया होगा। उसके किस-किससे संबंध हैं। जांच में पता चला कि कमलानगर विस्तार की कॉलोनी बृजधाम में संजय कपूर का मकान है।

फर्जी शस्त्र लाइसेंस और अवैध हथियार कांड में फंसे रिटायर असलहा बाबू संजय कपूर की लोकेशन लगातार उत्तराखंड में मिल रही है। एसटीएफ ने उसके बारे में छानबीन की थी। पता चला कि मुकदमा लिखने से पहले वह उत्तराखंड में धार्मिक यात्रा पर गया था। मुकदमे की जानकारी गैंग के एक सदस्य ने व्हाट्स ऐप कॉल करके दी थी। यह भी कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं। लखनऊ जा रहा है। वहां से ही एसटीएफ के इंस्पेक्टर को फटकार लगवाएगा।
एसटीएफ की एक टीम पिछले कई दिनों से असलहा बाबू संजय कपूर के बारे में छानबीन कर रही है। एसटीएफ यह पता कर रही है कि संजय ने कितना पैसा कमाया होगा। उसके किस-किससे संबंध हैं। छानबीन में पता चला कि कमलानगर विस्तार की कॉलोनी बृजधाम में संजय कपूर का मकान है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद संजय प्रतिदिन सुबह दयालबाग मार्ग पर टहलने आता था। उससे लोगों ने पूछा भी कि वीआरएस क्यों ले लिया। वह सभी से यह कहा करता था कि अब थकान हो जाती थी। तबियत ठीक नहीं रहती। जिस दौरान एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की संजय परेशान रहने लगे। शुगर बढ़ गई। परिचितों ने वजह पूछी। उसने अपने खास लोगों को एक नाम बताया। जो नाम बताया वह भी मुकदमे में नामजद है।

उसने परिचित से कहा कि पूरे बवाल की वजह यही व्यक्ति है। इसके पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं। अधिकारियों से जो चाहता है करा लेता है। किसी काम को उससे सीधे नहीं कहता था। अधिकारियों को बताता था। अधिकारी उसी के सामने उससे काम करने की बोलते थे। कई बार उसकी डांट भी लगा देते थे। धीरे-धीरे वह उस व्यक्ति के प्रभाव में आ गया। उसके काम कर दिया करता था। उसे नहीं पता था कि इतना बड़ा झोल है। उसने रुपयों के लालच में कोई गलत काम नहीं किया। इस खेल के लिए जिम्मेदार तो वे अधिकारी हैं जो गैंग के उस सदस्य को अपने घर तक बुलाया करते थे। वह कभी किसी बिल्डर को लेकर जाता तो कभी किसी बड़े ठेकेदार को लेकर जाता था।

फरार चल रहे संजय कपूर के एक परिचित ने बताया कि जिस दौरान मुकदमा हुआ संजय केदारनाथ दर्शन करने गया था। मुकदमे की जानकारी के बाद वह आगरा लौटकर ही नहीं आया। मोबाइल बंद कर लिया है। नया मोबाइल लिया है। उसमें कोई ऐप डाउनलोड किया है। उसके जरिए गैंग के सबसे जुगाड़ वाले सदस्य के संपर्क में है। गैंग के उस सदस्य ने लखनऊ के बाद प्रयागराज में डेरा डाल दिया है।