आधार व खतौनी में दर्ज नामों में अंतर होने के बाद भी होगी फार्मर रजिस्ट्री
Rampur News - किसानों की फार्मर रजिस्ट्री अब आधार और खतौनी में नामों के भिन्नता के बावजूद की जा सकेगी। उप कृषि निदेशक ने बताया कि किसान पोर्टल और जन सुविधा केन्द्रों से रजिस्ट्री कराई जा सकती है। यह पीएम किसान...
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आधार व खतौनी में दर्ज नामों में अंतर होने के बाद भी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो जाएगी। उप कृषि निदेशक ने शैलेंद्र कुमार ने बताया कि किसान पोर्टल, एप या जन सुविधा केन्द्रों के माध्यम से अपनी फार्मर रजिस्ट्री तैयार करा सकते हैं। फार्मर रजिस्ट्री में मुख्यतः किसान की भूमि का विवरण संकलित होगा तथा आधार सहमति से उनको सरकारी योजनाओं का लाभ त्वरित प्राप्त होगा। अभिलेखों को बार-बार उपलब्ध कराने से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए जिले में समस्त पंचायत सचिव/पंचायत सहायक आदि क्षेत्रीय कार्मिकों को किसान सहायक के रूप में भी नामित किया गया है। जिले में अब तक 54 प्रतिशत किसानों द्वारा फार्मर रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। अब खतौनी में और आधार में नाम में आंशित अंतर होने पर भी फार्मर रजिस्ट्री शुरू हो चुकी है।
रजिस्ट्री से होने वाले मुख्य लाभः-
-पीएम किसान योजना के अंतर्गत किस्त प्राप्त करने हेतु अनिवार्यता की शर्त को पूर्ण कर लाभ प्राप्त करने में सुगमता होगी।
-कृषकों को फसली ऋण हेतु किसान क्रेडिट कार्ड एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड एवं कृषि के विकास हेतु अन्य ऋण प्राप्त करने में सुगमता होगी।
-फसल बीमा का लाभ प्राप्त करने सुगमता होगी। इसके साथ साथ आपदा प्रबंध के अंतर्गत कृषकों को छति पूर्ती हेतु कृषकों के चिन्हांकन में सुगमता होगी।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में कृषकों का पंजीकरण आनलाइन माध्यम से हो सकेगा।
-कृषकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में कृषि एवं सम्बद्ध विभागों को फार्मर रजिस्ट्री के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर योजनाओं का लाभ वितरण करने में सुगमता होगी और लाभार्थी के बार-बार सत्यापन आवश्यक नहीं होगा।
-कृषकों को समय से वांछित परामर्श, विभिन्त्र संस्थाओं द्वारा कृषकों से सम्पर्क के अवसर में वृद्धि के साथ साथ नवोन्मेषी कार्यक्रमों के विस्तार में सफलता प्राप्त होगी।
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