अब आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट पास करके ही बनेगा लाइसेंस
Rampur News - रामपुर में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग ट्रैक को टेस्टिंग की अनुमति मिल गई है। अब अभ्यर्थी इस ट्रैक पर टेस्ट पास कर लाइसेंस बना सकेंगे। सभी वाहनों की टेस्टिंग अब परफेक्ट टेस्ट हॉउस में होगी। यह प्रणाली...

रामपुर में बने आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग ट्रैक को ट्रेनिंग के साथ टेस्टिंग की अनुमति भी मिली है। जिसके बाद अब आटोमेटिक ट्रैक पर ही टेस्ट पास कर लाइसेंस बना करेंगे। जिसके बाद सभी वाहनों की लाइसेंस से पूर्व की टेस्टिंग अब परफेक्ट टेस्ट हॉउस में संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के अधिकारी की निगरानी में ही होगी। प्रदेश में कुल नौ जिलों में यह योजना लागू हुई है। जिसमें रामपुर को भी चुना गया है। इस दौरान जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी वाहन चलाने का अभ्यर्थी ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस घर बैठे बनाकर परफेक्ट टेस्ट हॉउस, में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। न्यूनतम निर्धारित अवधि की ट्रेनिंग एवं टेस्ट पास करने के बाद ऑनलाइन फीस जमा कर अपना लाइसेंस बनवा सकता है। सभी का मानना है कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी। वहीं,सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत शहर विधायक ने भी इस मुद्दे को उठाया था कि जब आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक खुल चुका है तब फर्जी सेंटरों के सर्टिफिकेट लगाकर लइसेंस क्यों बनाये जा रहे हैं। जिसके बाद जिलाधिकारी ने भी इसका संज्ञान लेकर रिपोर्ट मांगी। अब रामपुर प्रदेश में बड़े शहरों में शामिल हो गया है। परफेक्ट टेस्ट हाउस के संचालक शलभ गुप्ता अब रामपुर में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त ड्राइविंग ट्रैक पर अभ्यर्थी वाहन चलाना सीख सकेंगे एवं उनकी ड्राइविंग भी उच्च गुणवत्ता की होगी।
एडवांस टेक्नोलॉजी का किया इस्तेमाल
रामपुर। ट्रैक को बनाने के लिए कई एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें एक्सेस कंट्रोल, एंट्री कंट्रोल, पूरी तरह से स्वचालित ट्रैक, वीडियो टेक्नोलॉजी, एग्जिट कॉरिडोर सहित कई एडवांस तकनीकि के उपकरण शामिल है। स्वचालित ट्रैक पर कर्मचारियों का कोई हस्तेक्षप नहीं होगा। ट्रैक को कैमरे और सेंसर पूरी तरह से संचालित करेंगे। इसमें चालक की जरा सी भी गलती होने पर सेंसर और कैमरे पकड़ लेंगे। चालक को लाइसेंस बनवाने के लिए दोबारा पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
दस मिनट में पूरा होगा टेस्ट
रामपुर। स्वचालित ट्रैक पर आवेदकों को दस मिनट का समय दिया जाएगा। ट्रैक दो हिस्सों में बंटा होगा। एक छोटा हिस्सा दोपहिया और दूसरा बड़ा हिस्सा चार पहिया वाहन चालकों के लिए होगा। टेस्टिंग के दौरान ट्रैफिक सिग्नल, मोड़, वाहन पीछे करना सहित अन्य यातायात से जुड़ी जरूरी तकनीकि शामिल होंगी। इसमें पांच फीट की चढ़ाई को पहली बार शामिल किया गया। वाहन चढ़ाते समय यातायात नियमों का पालन और चालक की परखता स्वचालित सेंसर व कैमरे करेंगे। इसकी खासियत यह भी होगी कि आवेदक का टेस्ट पूरा होते ही तुरंत रिजल्ट मिल जाएगा।
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