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60 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ी एई भर्ती परीक्षा

Prayagraj News - उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक अभियंता के 604 पदों के लिए आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में 60 प्रतिशत छात्र परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए। छात्रों का कहना है कि कठिनाई और नए पाठ्यक्रम के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 20 April 2025 08:25 PM
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60 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ी एई भर्ती परीक्षा

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से प्रदेश के विभिन्न विभागों में सहायक अभियंता के 604 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा रविवार को सात शहरों में 11 से एक बजे की पाली में कराई गई। सबसे आश्चर्य की बात है कि दिसंबर में ऑनलाइन आवेदन करने वाले 60 प्रतिशत छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंचे। अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा में 40 प्रतिशत पासिंग मार्क्स और एक तिहाई निगेटिव मार्किंग के कारण 60 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। चार महीने पहले संशोधित पाठ्यक्रम में प्रारंभिक परीक्षा में 22 नए विषयों को शामिल किया गया। पर्याप्त समय और अध्ययन सामग्री नहीं मिलने के कारण तैयारी प्रभावित हुई।

हिन्दी एवं 22 अन्य नए विषयों में पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल भी आए थे। पहले लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर चयन होता था इस बार से प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की व्यवस्था लागू की गई है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय के अनुसार प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ एवं वाराणसी में आयोजित परीक्षा में पंजीकृत 78798 अभ्यर्थियों में से लगभग 40 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित रहे।

हिन्दी और जीएस के प्रश्नों में उलझे एई भर्ती के छात्र

इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के छात्रों ने इंजीनियरिंग से संबंधित प्रश्नों को तो आसानी से हल कर लिया लेकिन हिन्दी के प्रश्न कठिन लगे और सामान्य अध्ययन के प्रश्नों ने भी उलझाया। अभ्यर्थियों का कहना है कि दो बार इस भर्ती की परीक्षा दे चुके मुजफ्फरपुर बिहार ने बताया कि हिन्दी और सामान्य अध्ययन के प्रश्न सामान्य से कठिन थे। जनरल इंजीनियरिंग के प्रश्न आसान से सामान्य थे। झारखंड के सत्यम कुमार का कहना है कि हिन्दी के प्रश्न थोड़े कठिन थे। वाराणसी के नरेन्द्र के अनुसार हिन्दी के प्रश्न आसान थे जबकि समसामयिक घटना और सामान्य अध्ययन के प्रश्न कठिन थे। वाराणसी के ही अहद अली ने कहा कि हिन्दी कमजोर है इसलिए कठिनाई हुई। बिहार के विनय कुमार सिंह ने कि हिन्दी और जीएस के प्रश्न कठिन थे। पाठ्यक्रम नया था इसलिए चार महीने में ठीक से तैयारी नहीं कर सके।

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