कितना जुदा है किन्नरों का जीवन, शोध में सामने आएगी सच्चाई
Prayagraj News - प्रयागराज में महाकुम्भ मेले में किन्नरों की भागीदारी पर अध्ययन किया जा रहा है। डॉ. ज्योत्सना एम कालावर के नेतृत्व में शोध टीम किन्नर समाज की प्रेरणा, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण के महत्व, और युवा...
प्रयागराज। किन्नरों का जीवन और उनकी भागीदारी महाकुम्भ मेले में एक अनोखा और महत्वपूर्ण विषय है। अमेरिका की डॉ. ज्योत्सना एम कालावर की अगुवाई में एक शोध टीम इस विषय पर गहराई से अध्ययन कर रही है। इस शोध के माध्यम से किन्नर अखाड़े के किन्नरों के जीवन की सच्चाई और महाकुम्भ मेले में उनकी भागीदारी के पीछे की प्रेरणा को समझने का प्रयास किया जाएगा। यह शोध न केवल किन्नरों के जीवन को समझने में मदद करेगा, बल्कि समाज में उनके शामिल होने के अवसरों को भी बढ़ावा देगा। यह काम अमेरिका में जार्जिया स्थित जार्जिया ग्विनिट कॉलेज की डॉ. ज्योत्सना एम. कालावर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की प्रो. नीना कोहली और काशी नरेश पीजी कॉलेज भदोही के डॉ. विपुल कुमार कर रहे हैं। डॉ. ज्योत्सना मेला क्षेत्र में पहुंचकर अध्ययन कार्य शुरू कर दिया है। डॉ. ज्योत्सना एम. कालावर ने बताया कि संगम की रेती पर लगे महाकुम्भ में दो विषयों पर अध्ययन किया जा रहा है।
पहला किन्नर अखाड़े के किन्नर समाज पर केंद्रित है। इस अध्ययन में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कुम्भ मेले में उनकी भागीदारी के पीछे की प्रेरणा क्या है, उनके लिए सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण का क्या महत्व है, और उन्हें समाज में शामिल होने के लिए क्या अवसर मिलते हैं।
दूसरा युवाओं पर केंद्रित है। लगभग 100 युवाओं के साक्षात्कार लिए जाएंगे। ये वे युवा हैं जो महाकुम्भ मेले में सामाजिक परिवर्तन और समरसता के लिए काम कर रहे हैं। इन साक्षात्कारों में उनकी भागीदारी के पीछे की प्रेरणा, उनके लिए सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण का अर्थ और इसे हासिल करने के प्रयासों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों समूहों के आध्यात्मिक दृष्टिकोण, उनके आध्यात्मिक अनुभवों के प्रेरक कारक, उनके अनुसार कल्याण की परिभाषा और उन्हें सामाजिक मेलजोल के कौन-कौन से अवसर प्राप्त होते हैं, इन सभी बिंदुओं का अध्ययन किया जाएगा।
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