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बोले प्रयागराज: चौराहे से सड़क तक अंधेरा, हादसों का खतरा

Prayagraj News - प्रयागराज में महाकुम्भ से पहले बेली चौराहा को भव्य बनाया गया, लेकिन अब यह अंधेरे में डूबा है। लाजपत राय रोड पर स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे सुरक्षा खतरे में है। क्षेत्र के लोग अंधेरे में वाहन चलाने...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजMon, 24 March 2025 06:45 PM
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बोले प्रयागराज: चौराहे से सड़क तक अंधेरा, हादसों का खतरा

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। महाकुम्भ से पहले बेली चौराहा को भव्य बनाया गया। चौराहे पर लगा कलश इतना आकर्षक है कि शहरवासियों ने इसका नाम ‘कलश चौराहा रख दिया। चौराहे के साथ लाजपत राय रोड को भी नए सिरे से बनाया गया। शहर की पहली स्मार्ट रोड फोर लेन से सिक्स लेन हो गई। हालांकि रोड को सिक्स लेन बनाने के लिए यहां की हरियाली और साइकिल ट्रैक की बलि दी गई। हरियाली मिटने से क्षेत्र के लोग नाराज थे, लेकिन खुशी इस बात की थी कि उनको सिक्स लेन की चौड़ी सड़क मिल गई। मार्ग के डिवाइडर पर लगी स्ट्रीट लाइट सड़क को और खूबसूरत बना रही थी। इस रोड को सिक्स लेन ब्रिज के समानांतर बनाए गए स्टील ब्रिज से जोड़ा गया। महाकुम्भ के दौरान इस रोड पर वाहनों की कतार देखने को मिलती थी। लाजपत राय रोड को जगमग किया गया, लेकिन कलश चौराहा अंधेरे में ही रहा। इसके आसपास की रोशनी में ही चौराहे पर वाहनों का आवागमन हो रहा है। 26 फरवरी को महाकुम्भ समापन के बाद चौराहे के साथ सड़क भी अंधेरे में डूब गई। तब से लाजपत राय रोड की स्ट्रीट लाइट नहीं जली।

शाम के बाद बिन रोशनी के चौराहे पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। चौराहे के किनारे बड़े-बड़े गड्ढे हैं। शहर के अति व्यस्त मार्ग पर भव्य चौराहा तो बना दिया गया, लेकिन इसके चारों ओर सुरक्षा के इंतजाम नहीं हो सके। स्टैनली रोड पर यह चौराहा दूर से दिखाई नहीं देता। चौराहे को लेकर मार्ग पर कोई संकेतक भी नहीं लगा है। महाकुम्भ के दौरान भी चौराहे पर लाइट नहीं लगाई गई। शाम के बाद चौराहे से जुड़ा लाजपत राय रोड भी अंधेरे में गुम हो जाती है। क्षेत्र के लोग जिस सड़क पर वाहन चलाकर आनंद महसूस करते थे, वहां अब शाम के बाद जाना पसंद नहीं करते। चौराहा तो पहले से खतरनाक था, अब सड़क भी बेहद खतरनाक हो गई है। 800 मीटर से अधिक लंबी सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। मार्ग अंधेरे में डूबने के बाद क्षेत्र के लोगों ने पहले यहां पैदल आना-जाना भी बंद किया और अब शाम के बाद गाड़ी चलाना भी पसंद नहीं करते। लोगों को दुर्घटना का डर लगा रहता है। इस सड़क को पार करने में भी लोग डरते हैं। पता नहीं कब किस गाड़ी के सामने कोई जानवर आ जाए। अब मम्फोर्डगंज के लोग शाम के बाद लाजपत राय रोड नहीं, इसके आसपास से आवागमन कर रहे हैं।

क्षेत्र के लोगों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के अभियान ‘बोले प्रयागराज में बताया कि महाकुम्भ के अंतिम स्नान पर्व शिवरात्रि तक सबकुछ ठीक था। उम्मीद थी कि कलश चौराहा पर भी लाइट लगेगी। चौराहा पर तो उजाला हुआ नहीं, उल्टे मार्ग भी अंधेरे में डूब गया। चौराहा और मार्ग पर अंधेरे में पैदल चलना या वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। चौराहे की तरह मार्ग किनारे भी गड्ढे हैं। मार्ग पर पहले पैदल पथ और साइकिल ट्रैक था। मार्ग चौड़ा करने के लिए हरियाली के साथ पैदल चलने का पथ भी समाप्त कर दिया गया। मार्ग किनारे जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं है। अब मार्ग किनारे खड़ी गाड़ियां भी रात में नहीं दिखाई पड़तीं। चौराहा और सड़क पर लाइट के लिए गुहार लगा रहे हैं। महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी से भी लाइटें जलवाने की मांग की है। लोगों ने बताया कि स्टील ब्रिज की लाइट बंद होने के साथ ही मार्ग अंधेरे में डूब गया।

रात में मार्ग किनारे वाहनों की लग जाती है कतार

शाम के बाद लाजपत राय रोड किनारे वाहनों की कतार लग जाती है। मार्ग किनारे वाहन घंटों खड़े रहते हैं। लोगों का कहना है कि वाहनों में बैठकर लोग शराब पीते हैं। मार्ग किनारे खड़े वाहनों से अक्सर शोर सुनाई पड़ता है। मार्ग किनारे ही एक निजी अस्पताल और व्यावसायिक भवन के सामने तो पार्किंग बन गई है। मंडलायुक्त कार्यालय से कलश चौराहा आने वाले तीन लेन के मार्ग पर दो लेन में गाड़ियां खड़ी रहती हैं।

हमारी भी सुनें

महाकुम्भ के बाद से ही स्ट्रीट लाइट बंद है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। आने-जाने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं आपराधिक घटना होने का भी भय बना रहता है।-- विनय कुमार

स्ट्रीट लाइटें बंद रहने से चेन छिनैती जैसी घटनाएं हो रही हैं। सबसे अधिक परेशानी महिला राहगीरों को हो रही है। वहीं सड़कों पर मवेशियों का भी जमावड़ा रहता है। इससे और खतरा बना हुआ है।-- विराज रावत

स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से रात के समय दुर्घटना होने की संभावना अधिक रहती है। पैदल चलने वालों को और भी परेशानियां होती हैं। चौराहे पर अंधेरा होने से काफी दिक्कत होती है।- महेश जायसवाल

शाम को सूरज ढलने के बाद ही चौराहे पर अंधेरा छा जाता है। सुबह-शाम के समय बड़ी संख्या में महिलाएं टहलती हैं। स्ट्रीट लाइट सुबह शाम जलनी चाहिए। विभाग को स्ट्रीट लाइट ठीक करानी चाहिए।-- पप्पू रावत

शिवरात्रि के बाद से स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। महाकुम्भ के दौरान रात के समय स्ट्रीट लाइट जलने से लोगों को सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस नहीं होता था। अब सुबह अंधेरे में सड़क पर टहलने पर डर लगता है।-- सौरभ पाल

स्पीड ब्रेकर नहीं बने होने से गाड़ियां स्पीड में आती-जाती हैं। रात के समय अंधेरा होने से दुर्घटना का डर बना रहता है। यहां पर शौचालय भी बनवाना चाहिए। चौराहे पर भी लाइट लगाई जाए।-- रिंकू कुमार

चौराहे पर शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है। स्ट्रीट लाइट जलने लगे तो चहल-पहल बढ़ जाएगी। रात के समय लोगों को काफी परेशानी हो रही है। भव्य चौराहे की भी अनदेखी हो रही है।-- जावेद

महाकुम्भ के दौरान आधी लाइटें जलती थीं। मेला समाप्त होने के बाद वो भी जलना बंद हो गईं। विभाग को इसके बारे में सूचना दी गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।-- राम प्रकाश विश्वकर्मा

स्ट्रीट लाइट जलने से खूबसूरती बढ़ जाती थी। अंधेरे में चोरी, छिनैती का खतरा भी सताने लगा है। ब्रेकर नहीं होने से सड़क पार करने में डर लगता है। शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए।-- गुड्डू भारतीय

लाइट नहीं जलने से अंधेरे में छिनैती की घटनाएं हो रही हैं। नाला भी जाम है। रात आठ बजे बाइकर्स गैंग आता है। स्ट्रीट लाइट को लेकर शिकायत हुई है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।-- इमरान अली

सड़क पर गाड़ियां बहुत तेजी से चलती हैं। स्ट्रीट लाइट न जलने से दुर्घटना होने का खतरा अधिक रहता है। चौराहे पर सिग्नल के साथ सामान्य लाइट लगी होनी चाहिए।-- अनिल कुमार

चौराहा और मार्ग पर लाइट जलाई जाए। चार स्पीड ब्रेकर बने और सुलभ शौचालय का भी निर्माण हो। मार्ग किनारे मच्छरों का प्रकोप ज्यादा है, दवा का भी छिड़काव होना चाहिए।-- हिमांक त्रिपाठी

मेले के बाद से ही स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। मार्ग को धोबी घाट चौराहे पर कॉलोनी के रास्ते से जोड़ा नहीं गया है। जिसकी वजह से गाड़ी पलट जा रही है। चौराहा और मार्ग पर लाइट लगाएं।-- रविशंकर द्विवेदी

छोटे चौराहे का निर्माण होना चाहिए। स्पीड ब्रेकर बहुत ही जरूरी है। स्ट्रीट लाइटें शुरू में जलीं, इस बीच काफी दिनों से बंद पड़ी हैं। अंधेरे में आने-जाने में बहुत परेशानियां होती है।-- सुधांक त्रिपाठी

अंधेरे में सड़क किनारे कार लगाकर लोग शराब पीते हैं। ओवरटेक करने पर दुर्घटना का खतरा अधिक रहता है। स्ट्रीट लाइट जलनी चाहिए और सड़क स्पीड ब्रेकर बनाया जाए।-- सौरभ रावत

रात में सड़क पर आवारा मवेशी टहलते रहते है। अंधेरे में हादसा होने की आशंका बनी रहती है। स्ट्रीट लाइट जलने से चौराहे की रौनक भी बनी रहेगी। पटरी दुकानदारों को समस्या नहीं होगी।--- आकाश सिंह

कई हादसों का कारण यह चौराहा खतरनाक बन चुका है। स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है और विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए। सड़क किनारे साफ-सफाई करवानी चाहिए। लोग खुले में शौच करते हैं।-- प्रथम रावत

अधिकारियों को चौराहा और मार्ग पर लाइट नहीं जलने की शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। सड़क किनारे भी बहुत गंदगी है। शौचालय बनाया जाना चाहिए।-- विजय विश्वास, पार्षद मम्फोर्डगंज

बोले जिम्मेदार

चौराहे पर लाइट लगाने की व्यवस्था हो रही है। महाकुम्भ के मद्देनजर चौराहे पर लाइट लगाने का काम रोका गया था। लाजपत राय रोड की स्ट्रीट लाइट तकनीकी खराबी की वजह से बंद हो सकती है। मार्ग की लाइट को चालू कराएंगे।

-- नुसरत उल्ला, परियोजना प्रबंधक, सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग

शिकायत

1-मार्ग और चौराहा पर लाइट नहीं।

2-मार्ग, चौराहे के किनारे खतरनाक गड्ढे हैं।

3-मार्ग रात में शराबियों का अड्डा बन जाता है।

4-छुट्टा जानवर चौराहा, सड़क पर घूमते रहते हैं।

5-अंधेरे में मार्ग पर कई लोगों से छिनैती हो चुकी है।

सुझाव

1-चौराहा, मार्ग पर स्ट्रीट लाइट जले।

2-चौराहे पर सुरक्षा के इंतजाम हों।

3-छुट्टा जानवरों को मार्ग पर आने से रोकें।

4-मार्ग पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाए।

5-सड़क किनारे सार्वजनिक शौचालय बने।

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